ऊर्जा दक्षता की दिशा में बड़ा कदम,, UREDA ने किया दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन,, BEE प्रमाणित मास्टर ट्रेनर्स ने दी ई-Quest टूल की ट्रेनिंग

इन्तजार रजा हरिद्वार- ऊर्जा दक्षता की दिशा में बड़ा कदम,,
UREDA ने किया दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन,,
BEE प्रमाणित मास्टर ट्रेनर्स ने दी ई-Quest टूल की ट्रेनिंग
देहरादून, 7 अगस्त 2025। उत्तराखंड नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (UREDA) द्वारा ऊर्जा दक्षता और कोड अनुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 6 और 7 अगस्त 2025 को “Training Program on ECSBC Compliance Rules and Simulation for Code Compliance” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन YKM होटल एंड रिज़ॉर्ट्स, चमन विहार, सेवला कलां, मजरा, देहरादून में किया गया। इस कार्यक्रम में भवन निर्माण के दौरान ऊर्जा बचत एवं दक्षता मानकों के अनुपालन को लेकर गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रतिभागियों को eQuest Quick Energy Simulation Tool के माध्यम से व्यावहारिक अभ्यास कराया गया, जिसमें यह सिखाया गया कि भवनों को ऊर्जा दक्षता मानकों के अनुरूप कैसे डिज़ाइन किया जाए। यह अभ्यास न केवल भवन ऊर्जा खपत को कम करने में सहायक होगा, बल्कि राज्य में हरित भवन (Green Building) अवधारणा को भी प्रोत्साहन देगा।
इस प्रशिक्षण में राज्य सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों — जैसे BRIDCUL, SIIDCUL, CPWD, PWD, RWD, PCB, नगर निगम, MDDA, शहरी विकास निदेशालय (UDD), UHUDA, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TNCP) और जल संस्थान — के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इन विभागों की भागीदारी से यह संदेश गया कि ऊर्जा दक्षता अब सिर्फ तकनीकी आवश्यकता नहीं बल्कि प्रशासनिक प्राथमिकता भी है।
इस कार्यक्रम का आयोजन UREDA द्वारा ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency – BEE) के सहयोग से किया गया। प्रशिक्षण को BEE प्रमाणित मास्टर ट्रेनर्स आर्किटेक्ट अबू तल्हा फारूकी और मरियम जकिया ने संचालित किया। दोनों विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान दिया, बल्कि इंटरैक्टिव सेशंस के माध्यम से वास्तविक परिस्थितियों में ऊर्जा कोड अनुपालन की बारीकियां भी समझाईं।
कार्यक्रम के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि ECSBC (Energy Conservation and Sustainable Building Code) के अनुपालन से भवनों में ऊर्जा खपत को कम किया जा सकता है, जिससे न केवल पर्यावरणीय लाभ होंगे बल्कि दीर्घकाल में आर्थिक बचत भी होगी। प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया और इसे अपने विभागीय परियोजनाओं में लागू करने की प्रतिबद्धता जताई।
UREDA के इस प्रयास से उत्तराखंड में ऊर्जा दक्षता संबंधी तकनीकी क्षमता को मजबूत करने और सतत विकास के लक्ष्यों की दिशा में ठोस कदम बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।