हरिद्वार में सरेराह हंगामा और फायरिंग, चंद्राचार्य चौक पर भिड़े दो गुट, कहासुनी मे चली गोली, हमलावर अपनी ही पिस्तौल से घायल, साथी फरार,

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में सरेराह हंगामा और फायरिंग,
चंद्राचार्य चौक पर भिड़े दो गुट, कहासुनी मे चली गोली,
हमलावर अपनी ही पिस्तौल से घायल, साथी फरार,
हरिद्वार के दिल माने जाने वाले चंद्राचार्य चौक पर शुक्रवार रात जो कुछ हुआ, उसने शहर की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दो युवकों के बीच शुरू हुई मामूली बहस कब हाथापाई में बदल गई, किसी को पता नहीं चला। देखते ही देखते मामला इतना बिगड़ा कि एक युवक ने पिस्तौल निकाल ली और इसी बीच चली गोली सीधे उसके ही पैर में जा लगी। इस घटना ने हरिद्वार की शांत छवि को झकझोर दिया है।
कहासुनी से बढ़ा तनाव, भीड़ के बीच तड़ातड़ मारपीट
शाम करीब 9:30 बजे चंद्राचार्य चौक, जहां रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही होती है, अचानक हंगामे का गवाह बन गया। दो युवकों ने एक युवक को घेर लिया और उससे कहासुनी शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मामला किसी पुराने विवाद से जुड़ा हुआ लग रहा था। पहले गाली-गलौज हुई, फिर धक्का-मुक्की और उसके बाद एक युवक ने कमर से पिस्तौल निकाल ली।
भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। आसपास के दुकानदार और राहगीर जान बचाकर भागने लगे। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, हमलावर की पिस्तौल से गोली चल गई और सीधे उसके ही दाहिने पैर में लग गई।
स्थानीयों ने दिखाई हिम्मत, एक आरोपी धराया, दूसरा भागा
गोली चलते ही घायल युवक ज़मीन पर गिर पड़ा और दर्द से चीखने लगा। उसका साथी मौके से भाग निकला, लेकिन वहां मौजूद कुछ लोगों ने साहस दिखाते हुए घायल हमलावर को पकड़कर पास ही स्थित पुलिस चौकी को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को तत्काल जिला अस्पताल भिजवाया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, घायल युवक का आपराधिक रिकॉर्ड पहले भी सामने आ चुका है। फिलहाल उसे पुलिस कस्टडी में इलाज दिया जा रहा है और उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं फरार आरोपी की तलाश के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है और कुछ चश्मदीदों से भी बयान लिए गए हैं।
हरिद्वार की सड़कों पर हथियार, क्या अब सुरक्षित है तीर्थनगरी?
यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि एक संकेत है कि अब हरिद्वार की सड़कें भी सुरक्षित नहीं रहीं। धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से देशभर में खास पहचान रखने वाला शहर अब असामाजिक तत्वों की गिरफ्त में आता दिख रहा है। सबसे व्यस्त चौराहे पर हथियारों के साथ पहुंचना और हमला करना इस ओर इशारा करता है कि अपराधियों को न पुलिस का डर है, न कानून का।
स्थानीय व्यापारी संगठन ने इस घटना के बाद प्रशासन के प्रति नाराज़गी जताई है। व्यापारियों का कहना है कि अगर यह गोली किसी राहगीर को लगती तो बड़ा हादसा हो सकता था। घटना के बाद दुकानदारों ने सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस गश्त की मांग की है।
पुलिस का दावा, जल्द गिरफ्त में होगा फरार आरोपी
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि, “हम घटना की गहराई से जांच कर रहे हैं। घायल आरोपी से पूछताछ जारी है और फरार साथी को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस अब संवेदनशील इलाकों में रात्रि गश्त और इंटेलिजेंस निगरानी को बढ़ावा देगी ताकि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
जनता में डर, शहर की छवि पर धब्बा
इस घटना ने हरिद्वार की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को आघात पहुंचाया है। तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के बीच भी अब असुरक्षा की भावना घर कर रही है। आम लोगों का कहना है कि जब शहर के बीचोबीच इस तरह की वारदातें होने लगें, तो सुरक्षित माहौल की बात बेमानी हो जाती है।
स्थानीय निवासी रोहित चौधरी ने कहा, “हम अपने बच्चों को बाजार भेजने से डरने लगे हैं। पुलिस को केवल अपराध होने के बाद नहीं, उससे पहले सख्ती दिखानी होगी।”
वक्त रहते चेत जाएं अधिकारी, नहीं तो स्थिति बेकाबू होगी
हरिद्वार में यह घटना पुलिस और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। यह कोई पहली वारदात नहीं है, लेकिन यह जरूर सबसे खतरनाक अंदाज़ में सामने आई है। सार्वजनिक स्थानों पर हथियारबंद युवकों का इस तरह हमला करना बताता है कि शहर में अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। अगर अब भी सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो हरिद्वार की पहचान खतरे में पड़ सकती है।
पुलिस को चाहिए कि वह केवल इस केस में गिरफ्तारी पर ना रुके, बल्कि शहर में चल रही असामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखे और हथियारों की तस्करी व अवैध उपयोग पर लगाम कसने के लिए विशेष अभियान चलाए।