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धराली आपदा पीड़ितों के लिए पतंजलि का बड़ा कदम,, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भेजी तीन ट्रक राहत सामग्री,, आटा, दाल, चावल से लेकर दवाइयों तक पहुंचेगी सीधा गांवों में मदद

इन्तजार रजा हरिद्वार- धराली आपदा पीड़ितों के लिए पतंजलि का बड़ा कदम,,
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भेजी तीन ट्रक राहत सामग्री,,
आटा, दाल, चावल से लेकर दवाइयों तक पहुंचेगी सीधा गांवों में मदद

उत्तरकाशी ज़िले के धराली क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने न केवल लोगों के घरों और रोज़गार को उजाड़ा, बल्कि कई परिवारों को अपनों से भी वंचित कर दिया। इस दर्दनाक हालात में योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने पतंजलि फेस-2, हरिद्वार से तीन बड़े ट्रक राहत सामग्री से लदे रवाना किए, जो सीधे आपदा प्रभावित गांवों में पहुंचकर ज़रूरतमंदों को बांटे जाएंगे।

तीन ट्रकों में जीवन-रक्षक सामग्री

राहत सामग्री में आटा, दाल, चावल, तेल, चीनी, नमक, दवाइयां और अन्य रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि यह राहत सामग्री उन परिवारों तक पहुंचाई जाएगी जो वर्तमान में सबसे कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। आपदा के कारण सड़क मार्ग और संचार सेवाएं बाधित होने के बावजूद पतंजलि की टीम ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत पहुंचाने की योजना बनाई है।

बाबा रामदेव 
“धराली में कई परिवार बेघर हो गए हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है। हम उनकी जान तो वापस नहीं ला सकते, लेकिन उनकी तकलीफ को कम करने के लिए हर संभव मदद करेंगे। यह अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि कोई भी पीड़ित भूखा या बेसहारा न रहे।”

लगातार जारी रहेगा अभियान

आचार्य बालकृष्ण ने स्पष्ट किया कि पतंजलि का यह अभियान एक बार की मदद तक सीमित नहीं है। “हमारी टीम रोज़ाना प्रभावित इलाकों में पहुंचेगी और ज़रूरत के हिसाब से सहायता उपलब्ध कराएगी। हमारी प्राथमिकता है कि किसी को भी भोजन और दवाइयों के बिना न रहना पड़े,” उन्होंने कहा।

राहत सामग्री के साथ पतंजलि के स्वयंसेवकों की एक टीम भी रवाना हुई है, जो गांव-गांव जाकर वितरण करेगी। हर वाहन के साथ ड्राइवर के अलावा पतंजलि कर्मचारी और स्थानीय स्वयंसेवक भी हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सहायता सही हाथों में पहुंचे।

आचार्य बालकृष्ण 
“धराली और आसपास के गांवों में किसी को भूखा नहीं सोना पड़ेगा। हमारी पूरी टीम पूरी ताकत से इस राहत मिशन में लगी है और आगे भी लगी रहेगी।”

आपदा की पृष्ठभूमि

धराली में कुछ दिनों पहले बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने हालात भयावह बना दिए। कई घर मलबे में दब गए, सड़कें टूट गईं और पुल बह गए। बिजली और संचार व्यवस्था ठप होने से प्रभावित लोग बाहरी दुनिया से कट गए। प्रशासन के साथ सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं कि रातोंरात आई इस आपदा ने सब कुछ बदल दिया। “हमने अपने घर, खेत और सामान सब खो दिया। अब सिर्फ जान बची है,” एक पीड़ित महिला ने रोते हुए कहा।

समाज के लिए मिसाल

पतंजलि द्वारा भेजी गई यह सहायता सिर्फ राहत सामग्री भर नहीं है, बल्कि यह संदेश भी है कि संकट के समय समाज और संस्थाएं मिलकर काम करें तो पीड़ा को कम किया जा सकता है। स्थानीय प्रशासन ने पतंजलि के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि निजी संगठनों की ऐसी मदद से राहत कार्य में तेजी आती है और अधिक लोगों तक सहायता पहुंच पाती है।

जिलाधिकारी ने कहा, “इस समय सबसे बड़ी चुनौती है प्रभावित क्षेत्रों तक सुरक्षित तरीके से राहत पहुंचाना। पतंजलि ने जिस तरह समन्वय बनाकर तुरंत सहायता भेजी है, वह काबिले-तारीफ है।”

पीड़ितों तक पहुंचेगी उम्मीद

धराली के लोग इस मदद को एक नई उम्मीद की तरह देख रहे हैं। जिनके पास न खाना है, न रहने की जगह, उनके लिए यह ट्रक जीवन का सहारा बनकर पहुंचे हैं। बच्चों के लिए दूध और बिस्किट, बीमारों के लिए दवाइयां और बुजुर्गों के लिए जरूरी सामान भी इन पैकेट्स में रखा गया है।

यह राहत अभियान न केवल पतंजलि की सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बड़े संगठन किस तरह अपने संसाधनों का उपयोग समाज की सेवा में कर सकते हैं। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का यह कदम निश्चित ही धराली और आसपास के गांवों के लोगों के दिलों में उम्मीद और भरोसा जगाने वाला है।

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