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धर्मनगरी को शर्मसार करने वाली भाजपा नेत्री अनामिका शर्मा और प्रेमी सुमित पटवाल केस में नया मोड़,, आगरा के होटल प्रेसिडेंट में पहुंची टीम अब तीन रहस्यमयी चेहरों की तलाश में जुटी एसआईटी,, नाबालिग बेटी का यौन शोषण मामला बना राजनीति और अपराध की जटिल परतों वाला केस

इन्तजार रजा हरिद्वार- धर्मनगरी को शर्मसार करने वाली भाजपा नेत्री अनामिका शर्मा और प्रेमी सुमित पटवाल केस में नया मोड़,,
आगरा के होटल प्रेसिडेंट में पहुंची टीम अब तीन रहस्यमयी चेहरों की तलाश में जुटी एसआईटी,,
नाबालिग बेटी का यौन शोषण मामला बना राजनीति और अपराध की जटिल परतों वाला केस

हरिद्वार –
हरिद्वार की राजनीति को झकझोर देने वाले भाजपा नेत्री यौन शोषण प्रकरण में अब एक नया और रहस्यमय मोड़ सामने आ गया है। पहले ही अपनी नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुकी भाजपा नेत्री और उसका कथित प्रेमी सुमित पटवाल, अब एसआईटी की पूछताछ के घेरे में हैं। इस केस में जिस तरह से घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे यह मामला न केवल पारिवारिक और आपराधिक, बल्कि राजनीतिक साजिश का रूप लेता जा रहा है।

आगरा के होटल प्रेसिडेंट में तीन रहस्यमयी चेहरे

पुलिस सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेत्री और सुमित पटवाल को तीन दिन की रिमांड पर लेने के बाद एसआईटी टीम उन्हें आगरा स्थित होटल प्रेसिडेंट लेकर पहुंची। यहां से जो जानकारी निकली, उसने जांच एजेंसियों के होश उड़ा दिए। होटल के रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज में भाजपा नेत्री, उसकी नाबालिग बेटी और सुमित के अलावा तीन और अज्ञात व्यक्तियों की मौजूदगी दर्ज की गई है।

इन तीनों रहस्यमयी चेहरों की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं हो सकी है, लेकिन एसआईटी इन्हें इस केस की सबसे अहम कड़ी मान रही है। यह संयोग नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश का हिस्सा हो सकता है, ऐसा जांच अधिकारियों का मानना है। होटल से प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

रिश्तों की दरार से साजिश तक की कहानी

इस केस की पृष्ठभूमि बेहद चौंकाने वाली है। बताया जाता है कि भाजपा नेत्री और उसके पति के बीच लंबे समय से संबंधों में खटास थी। नेत्री कई महीनों से अपने कथित प्रेमी सुमित पटवाल के साथ अलग रह रही थी। उनका परिवार टूट चुका था और इसी टूटन की दरार में यह अमानवीय अपराध जन्म ले रहा था।

मामला तब सामने आया जब भाजपा नेत्री की नाबालिग बेटी, जो कि कुछ समय पहले अपने पिता के पास लौट आई थी, धीरे-धीरे असामान्य व्यवहार करने लगी। जब पिता ने उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की तो जो बात सामने आई, उसने सबको स्तब्ध कर दिया। किशोरी ने आरोप लगाया कि उसकी मां ने सुमित पटवाल और शुभम नामक एक युवक के साथ मिलकर उसका यौन शोषण करवाया।

भेल स्टेडियम से आगरा तक फैला अपराध का जाल

किशोरी के अनुसार, पहली बार जनवरी 2025 में भेल स्टेडियम के पास उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इसके बाद वृंदावन और आगरा की यात्राओं के दौरान इस घिनौने अपराध को दोहराया गया। खास बात यह है कि इन घटनाओं की समय-सीमा और लोकेशन लगभग सटीक बैठती हैं, जो अब जांच एजेंसियों के लिए केस को कानूनी रूप से मजबूत बना सकती हैं।

अब आगरा के होटल प्रेसिडेंट में जिन तीन अज्ञात चेहरों की मौजूदगी दर्ज हुई है, उनकी भूमिका बेहद संदेह के घेरे में है। क्या ये लोग भी अपराध में शामिल थे? क्या इनका संबंध किसी राजनीतिक साजिश से है? क्या इन्हें किसी बड़े उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया गया? ये सवाल अब जांच के केंद्र में हैं।

जांच में तेजी, गिरफ्तारी जल्द संभव

एसआईटी की टीम तीनों अज्ञात चेहरों की पहचान में जुट गई है और सूत्रों का कहना है कि कुछ तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर इनकी लोकेशन और मोबाइल डेटा ट्रेस कर लिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में इनकी गिरफ्तारी हो सकती है।

हरिद्वार पुलिस के उच्चाधिकारियों के अनुसार, इस केस में किसी भी राजनीतिक दबाव को स्वीकार नहीं किया जा रहा है और जांच पूरी निष्पक्षता से की जा रही है। वहीं, पुलिस विभाग के उच्च सूत्र इस केस को “पॉलिटिकली सेंसिटिव” और “हाई प्रोफाइल क्रिमिनल केस” मानते हुए दिल्ली से विशेषज्ञों की सहायता लेने की भी योजना बना रहे हैं।

प्रशासन सतर्क, राजनीति में हलचल

इस प्रकरण ने भाजपा की जिला इकाई से लेकर प्रदेश स्तर तक हड़कंप मचा दिया है। हालांकि पार्टी ने अभी तक आरोपी नेत्री से किसी तरह की सार्वजनिक दूरी नहीं बनाई है, लेकिन अंदरखाने पार्टी की छवि को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है। महिला संगठनों और विपक्षी दलों ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच और त्वरित न्याय की मांग की है।

इस पूरे मामले में सबसे अहम पहलू यह है कि जबतक होटल में ठहरे तीन अज्ञात चेहरों की पहचान नहीं होती, तब तक केस की दिशा और गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल है। कई राजनीतिक जानकार इसे एक “फिक्स्ड ट्रैप” की संज्ञा दे रहे हैं जिसमें या तो ब्लैकमेलिंग, या फिर किसी उच्च स्तरीय राजनीतिक षड्यंत्र की संभावना है।

हरिद्वार की यह घटना केवल एक परिवार की निजी त्रासदी नहीं है, यह एक ऐसे जाल की ओर संकेत कर रही है, जिसमें अपराध, राजनीति और संवेदनहीनता का संगठित रूप शामिल हो सकता है। भाजपा नेत्री के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं और जिस तरह से जांच आगे बढ़ रही है, आने वाले दिनों में इस केस में कई बड़े चेहरे सामने आ सकते हैं। अगर होटल प्रेसिडेंट में ठहरे तीन रहस्यमयी लोग पुलिस की गिरफ्त में आ जाते हैं, तो यह केस उत्तराखंड की राजनीति को हिलाकर रख सकता है।

यह एक ऐसा मुकाम है जहां से केवल न्याय की उम्मीद ही नहीं, बल्कि समाज और सत्ता को भी खुद से सवाल पूछने की जरूरत है।

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