औचक निरीक्षण में खुला मेडिकल होलसेल कारोबार का काला सच,, ड्रग्स विभाग की संयुक्त टीम ने आर्य नगर-ज्वालापुर के कई परिसरों पर की बड़ी कार्रवाई,, अनियमितताओं के चलते एक परिसर सील, अन्य को दिशा-निर्देश देकर चेताया गया

इन्तजार रजा हरिद्वार- औचक निरीक्षण में खुला मेडिकल होलसेल कारोबार का काला सच,,
ड्रग्स विभाग की संयुक्त टीम ने आर्य नगर-ज्वालापुर के कई परिसरों पर की बड़ी कार्रवाई,,
अनियमितताओं के चलते एक परिसर सील, अन्य को दिशा-निर्देश देकर चेताया गया
हरिद्वार, 19 जुलाई 2025।
औषधियों के दुरुपयोग और फर्जी लाइसेंस पर चल रहे होलसेल कारोबार पर लगाम कसने के लिए ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। अपर आयुक्त के सख्त निर्देशों पर वरिष्ठ ड्रग्स इंस्पेक्टर श्रीमती अनीता भारती के नेतृत्व में गठित निरीक्षण दल ने आर्य नगर, ज्वालापुर और आसपास के क्षेत्रों में स्थित छह से अधिक मेडिकल होलसेल परिसरों पर औचक निरीक्षण किया।
इस निरीक्षण अभियान में ड्रग्स इंस्पेक्टर श्री हरीश सिंह और कुमारी मेघा ने भी भाग लिया और टीम ने मेडिकल स्टोर्स में स्टॉक सत्यापन के साथ ही लाइसेंस, स्टोरेज स्पेस और नारकोटिक औषधियों की बिक्री संबंधी अभिलेखों की सघन जांच की।
लाइसेंस लेकर बंद कर देते हैं परिसर, होती है दवा की हेराफेरी
निरीक्षण टीम ने पाया कि कुछ होलसेल विक्रेताओं ने लाइसेंस लेने के बाद अपने परिसर को या तो बंद कर रखा है या फिर अन्य गैर-लाइसेंसी परिसर में दवाओं का भंडारण कर रहे हैं। टीम को यह भी सूचना मिली कि कई बार इन बंद परिसरों के नाम पर दवाओं का गलत इस्तेमाल किया जाता है। इसे गंभीरता से लेते हुए टीम ने भौतिक सत्यापन कर असल स्थिति का जायजा लिया।
परिसर सील, अन्य को दी सख्त चेतावनी
निरीक्षण के दौरान एक होलसेल परिसर में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जहां न तो दवाओं का सही स्टॉक रजिस्टर उपलब्ध था, न ही नारकोटिक औषधियों के अभिलेख सही तरीके से रखे गए थे। वहां स्टोरेज की शर्तों का उल्लंघन भी पाया गया। इन परिस्थितियों को देखते हुए उस परिसर को तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया। अन्य विक्रेताओं को चेतावनी दी गई कि वे अपने परिसर में केवल उन्हीं स्थानों पर औषधियों का भंडारण करें, जो लाइसेंस लेआउट में स्वीकृत हैं।
सख्त निर्देश: लाइसेंस में बदलाव हो तो विभाग को पूर्व सूचना दें
निरीक्षण टीम ने संचालकों को स्पष्ट किया कि यदि किसी को लाइसेंस में परिवर्तन कराना है — जैसे कि स्टाफ में बदलाव, पता बदलना या परिसर का विस्तार — तो इसकी पूर्व सूचना ड्रग्स विभाग को देना अनिवार्य है। बिना अनुमति के किसी भी तरह के परिवर्तन को अधिनियम 1940 और नियमावली 1945 का उल्लंघन माना जाएगा, और उस पर विधिक कार्यवाही होगी।
नारकोटिक औषधियों के नियंत्रण पर विशेष जोर
टीम ने नारकोटिक औषधियों की खरीद-बिक्री और उनके भंडारण से जुड़े अभिलेखों की जांच की। कई स्थानों पर अभिलेखों की स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई, जिस पर टीम ने विक्रेताओं को अभिलेख व्यवस्थित रखने और समय-समय पर विभाग को रिपोर्ट करने के सख्त निर्देश दिए।
वरिष्ठ निरीक्षक का बयान
वरिष्ठ ड्रग्स इंस्पेक्टर श्रीमती अनीता भारती ने बताया,
“औषधियों के अनियमित भंडारण और बिना अनुमति के परिसर परिवर्तन जैसी गतिविधियाँ उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं। ड्रग्स विभाग इस पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है। दोषियों के विरुद्ध कानून के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी।”
आगे और कड़ी कार्रवाई की तैयारी
ड्रग्स विभाग ने स्पष्ट किया है कि आगे भी पूरे जिले में इसी प्रकार औचक निरीक्षण जारी रहेंगे। खासकर वे परिसर जो लंबे समय से बंद हैं या जो बार-बार संदेह के घेरे में आ रहे हैं, उन्हें प्राथमिकता पर जांचा जाएगा। विभाग के अनुसार, सभी रिटेल और होलसेल विक्रेताओं को निर्देशित किया जा चुका है कि वे विभागीय नियमों का सख्ती से पालन करें, अन्यथा उनका लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है।
निरीक्षण टीम
- श्रीमती अनीता भारती, वरिष्ठ ड्रग्स इंस्पेक्टर
- श्री हरीश सिंह, ड्रग्स इंस्पेक्टर
- कुमारी मेघा, ड्रग्स इंस्पेक्टर
यह कि ड्रग्स विभाग अब औषधि लाइसेंस प्रणाली को लेकर अधिक सक्रिय हो चुका है और सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। विभाग द्वारा उठाए गए इस कड़े कदम से जिले में औषधियों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने की दिशा में एक मजबूत संदेश है।