मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक सम्पन्न,, ✨ यूसीसी रजिस्ट्रेशन की अवधि बढ़ी, अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण के गठन पर मुहर,, ✨ आगामी विधानसभा सत्र में कई अहम विधेयक होंगे पेश

इन्तजार रजा हरिद्वार ✨ मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक सम्पन्न,,
✨ यूसीसी रजिस्ट्रेशन की अवधि बढ़ी, अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण के गठन पर मुहर,,
✨ आगामी विधानसभा सत्र में कई अहम विधेयक होंगे पेश
देहरादून, 17 अगस्त 2025।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक कई महत्वपूर्ण निर्णयों की गवाह बनी। बैठक में कुल पाँच प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी, जिनमें यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के अंतर्गत होने वाले रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाने से लेकर उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण के गठन तक के अहम निर्णय शामिल रहे।
🔹 यूसीसी के तहत रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ी
बैठक में सबसे प्रमुख फैसला यूसीसी के अंतर्गत होने वाले रजिस्ट्रेशन, विशेषकर विवाह पंजीकरण से संबंधित रहा। पहले निर्धारित समय सीमा में संशोधन करते हुए अब लोग जनवरी 2026 तक विवाह और अन्य पंजीकरण करवा सकेंगे। राज्य सरकार का कहना है कि आम जनता को इससे बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों से लगातार समय सीमा बढ़ाने की मांग उठ रही थी।
🔹 अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन
कैबिनेट ने उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा कल्याण बोर्ड गठित करने पर सहमति दी है। इसके तहत राज्य में यदि कोई अल्पसंख्यक समुदाय — जैसे मुस्लिम ,ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध या पारसी — स्कूल या अन्य शैक्षिक संस्थान खोलना चाहता है, तो उसे इस प्राधिकरण से मान्यता लेना अनिवार्य होगा।
अब तक यह दर्जा केवल मुस्लिम समुदाय को मिलता था, लेकिन आगामी विधानसभा सत्र में लाए जाने वाले उत्तराखंड अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान अधिनियम, 2025 के बाद सभी अल्पसंख्यक समुदायों को समान अवसर और अधिकार मिलेंगे। यह देश का पहला ऐसा अधिनियम होगा, जो पारदर्शिता और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया जा रहा है।
🔹 अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँ
- प्राधिकरण का गठन – उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन होगा।
- अनिवार्य मान्यता – सभी अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को इस प्राधिकरण से मान्यता लेना ज़रूरी होगा।
- संस्थागत अधिकारों की सुरक्षा – सरकार संस्थानों के संचालन में हस्तक्षेप नहीं करेगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने पर ध्यान देगी।
- अनिवार्य शर्तें – संस्थान को सोसाइटी एक्ट, ट्रस्ट एक्ट या कंपनी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत होना होगा। वित्तीय पारदर्शिता और सामाजिक सद्भावना अनिवार्य शर्तें होंगी।
- निगरानी और परीक्षा – विद्यार्थियों की पढ़ाई और मूल्यांकन राज्य शिक्षा बोर्ड के मानकों के अनुसार पारदर्शी तरीके से होगा।
🔹 अधिनियम का प्रभाव
इस फैसले से राज्य के अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी हो जाएगी। सरकार का दावा है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे, और संस्थानों की जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
🔹 विधानसभा सत्र में पेश होंगे विधेयक
बैठक में यह भी तय हुआ कि 19 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में कई विधेयक पटल पर रखे जाएंगे। इनमें सेवा नियमावली से जुड़े प्रस्तावों सहित अल्पसंख्यक शिक्षा अधिनियम भी शामिल होगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब ये प्रस्ताव विधानसभा की कार्यवाही में नए अध्याय जोड़ेंगे।
आज की कैबिनेट बैठक को भविष्य की शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में लिए गए ये निर्णय न केवल राज्य की नीतियों को नई दिशा देंगे, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों को शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर भी प्रदान करेंगे।
👉 जनवरी 2026 तक UCC रजिस्ट्रेशन की सुविधा, अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन और पारदर्शी मान्यता प्रक्रिया—ये सभी फैसले उत्तराखंड की शिक्षा और सामाजिक व्यवस्था को एक नए आयाम की ओर ले जाने वाले साबित हो सकते हैं।