757वाँ उर्स मुबारक : हज़रत साबिर पाक कलियर शरीफ़ रहमतुल्लाह अलैह इब्तिदा-ए-इश्क से मेन क़ुल शरीफ़ तक का रूहानी सफ़र दरग़ाह कलियर शरीफ़ से अमन-ओ-मोहब्बत का पैग़ाम

इन्तजार रजा हरिद्वार 🌹✨ 757वाँ उर्स मुबारक : हज़रत साबिर पाक कलियर शरीफ़ रहमतुल्लाह अलैह ✨🌹
🌙 इब्तिदा-ए-इश्क से मेन क़ुल शरीफ़ तक का रूहानी सफ़र
💚 दरग़ाह कलियर शरीफ़ से अमन-ओ-मोहब्बत का पैग़ाम 💚
हरिद्वार जनपद के सुप्रसिद्ध सूफी संत हज़रत मख़दूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक कलियर शरीफ़ रहमतुल्लाह अलैह का 757वाँ सालाना उर्स मुबारक इस बार 3 सितंबर (10 रबीउल अव्वल) से शुरू होकर 7 सितंबर (14 रबीउल अव्वल) तक अकीदतमंदों की रूहानी हाज़िरी और मोहब्बत की महफ़िलों से रौशन रहेगा। यह उर्स न केवल आध्यात्मिक उत्सव है बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता और इंसानियत का सबसे बड़ा पैग़ाम देने वाला अवसर भी है।
🌹 इब्तिदा-ए-इश्क — 3 सितंबर (10 रबीउल अव्वल)
उर्स की शुरुआत 3 सितंबर को “महफ़िल-ए-अव्वल” से होगी, जो हज़रत बाबा गुलाम जिलानी र.अ. के हुज़रे में आयोजित की जाएगी। इस दिन कुरआन-ए-पाक की तिलावत और महफ़िल-ए-शमा के ज़रिए इश्क-ए-इलाही की रूहानी रौशनी फैलाई जाएगी।
🌙 छोटी रौशनी — 4 सितंबर (11 रबीउल अव्वल)
दूसरे दिन सबरी जामा मस्जिद में तिलावत-ए-कुरान और महफ़िल-ए-रौशनी के साथ छोटी रौशनी का आयोजन होगा। अकीदतमंद रातभर दरगाह पर हाज़िरी देंगे और दुआ-ओ-इबादत का सिलसिला चलता रहेगा।
🕌 बड़ी रौशनी — 5 सितंबर (12 रबीउल अव्वल)
तीसरे दिन का आयोजन बहुत अहम होगा क्योंकि इसी दिन जश्न-ए-ईद मीलादुन्नबी ﷺ मनाया जाएगा। इस मौके पर नात, सलाम और महफ़िलों से पूरा कलियर शरीफ़ रौशन हो उठेगा।
🌹 मेन क़ुल शरीफ़ — 6 सितंबर (13 रबीउल अव्वल)
उर्स का सबसे अहम दिन 6 सितंबर होगा जब सुबह 10 बजे मेन क़ुल शरीफ़ अदा किया जाएगा। यह रस्म हज़रत साबिर पाक र.अ. की याद में हर साल पूरे अदब और मोहब्बत से निभाई जाती है।
🕋 गुस्ल शरीफ़ (संडल) — 7 सितंबर (14 रबीउल अव्वल)
आख़िरी दिन 7 सितंबर को सुबह 10 बजे दरगाह शरीफ़ में गुस्ल शरीफ़ (संडल की रस्म) अदा की जाएगी। इस मौके पर दूर-दराज़ से आए ज़ायरीन ग़ुस्ल की रस्म में शरीक होकर अपनी अकीदत पेश करेंगे।
🌹 सज्जादा नशीन और खलीफ़ा
सज्जादा नशीन सैय्यद मेराज हुसैन साबरी साहब की सरपरस्ती में किए जा रहे हैं। वहीं, इस उर्स मुबारक का रूहानी सिलसिला हज़रत ख़्वाजा हाफ़िज़ सय्यदना शमसुद्दीन तुर्क पानीपती शाह-ए-विलायत साहिब र.अ. की चिश्तिया-साबिरिया सिलसिले से जुड़ा हुआ है।
💚 उर्स का पैग़ाम
साबिर पाक कलियर शरीफ़ का उर्स केवल इबादत और रूहानी महफ़िलों का तसव्वुर नहीं, बल्कि अमन, भाईचारे और मोहब्बत का पैग़ाम भी है। यह वह जगह है जहाँ हर मज़हब और तबक़े के लोग एक साथ आते हैं और इंसानियत की ख़िदमत को असली इबादत मानते हैं।
💐 उर्स मुबारक की लाख-लाख बधाइयाँ 💐
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