डीएम मयूर दीक्षित ने ब्लॉक बहादराबाद का किया औचक निरीक्षण,, विकास कार्यों की गुणवत्ता व पारदर्शिता पर विशेष जोर, अधिकारियों को दी सख्त चेतावनी,, जनकल्याणकारी योजनाओं के निष्पादन में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के दिए निर्देश,, जन शिकायतों के निस्तारण पर दिया विशेष जोर
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शुक्रवार को विकास खंड बहादराबाद का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और तत्परता बनाए रखने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने राज्य वित्त, विधायक निधि एवं मनरेगा के तहत संचालित विकास कार्यों की पत्रावलियों का गहन परीक्षण किया और प्रत्येक योजना की प्रगति रिपोर्ट का विस्तृत अवलोकन किया।

इन्तजार रजा हरिद्वार- डीएम मयूर दीक्षित ने ब्लॉक बहादराबाद का किया औचक निरीक्षण,,
विकास कार्यों की गुणवत्ता व पारदर्शिता पर विशेष जोर, अधिकारियों को दी सख्त चेतावनी,,
जनकल्याणकारी योजनाओं के निष्पादन में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के दिए निर्देश,,
जन शिकायतों के निस्तारण पर दिया विशेष जोर
हरिद्वार। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शुक्रवार को विकास खंड बहादराबाद का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और तत्परता बनाए रखने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने राज्य वित्त, विधायक निधि एवं मनरेगा के तहत संचालित विकास कार्यों की पत्रावलियों का गहन परीक्षण किया और प्रत्येक योजना की प्रगति रिपोर्ट का विस्तृत अवलोकन किया।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि विकास कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी, लेखाकार और विभिन्न विभागों के तैनात जूनियर अभियंताओं को निर्देशित किया कि जो भी कार्य योजनाएं उनके माध्यम से धरातल पर क्रियान्वित की जा रही हैं, उन्हें गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी भी कार्य में लापरवाही या अनियमितता की शिकायत प्राप्त होती है तो जांच कर दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पारदर्शी प्रक्रिया पर जिलाधिकारी का विशेष बल
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि किसी भी निर्माण कार्य हेतु जारी किए जाने वाले कोटेशन और ई-टेंडर की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता और नियमानुसार संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के तहत होने वाले प्रत्येक व्यय का लेखा-जोखा स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की शंका या विवाद की गुंजाइश न रहे।
जिलाधिकारी ने पटल सहायकों को चेतावनी दी कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र में रख-रखाव की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित रखें। उन्होंने कहा कि “कार्यालयीन पत्रावलियों की देखरेख में लापरवाही प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए सभी फाइलों का अद्यतन रिकॉर्ड ई-ऑफिस के माध्यम से संधारित किया जाए।”
जन शिकायतों के निस्तारण पर दिया विशेष जोर
मयूर दीक्षित ने कहा कि विकास खंड में आने वाले आम नागरिकों की समस्याओं का निस्तारण समयबद्धता और प्राथमिकता के साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता प्रशासन से उम्मीद लेकर आती है, इसलिए किसी भी स्तर पर शिथिलता या टालमटोल रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विकास खंड के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुंचे और शिकायतों का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए।
ई-ऑफिस प्रणाली से बढ़ेगी कार्यक्षमता
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विकास खंड अधिकारी व पटल सहायकों को यह भी निर्देश दिए कि सभी कार्यों को अब ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक पारदर्शी और तेज़ होंगी, साथ ही कार्यों की मॉनिटरिंग और जवाबदेही भी सुनिश्चित हो सकेगी।उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल माध्यमों से काम करने से फाइलों के विलंब, दस्तावेजों के गुम होने जैसी समस्याओं में कमी आएगी और जनहित के कार्य अधिक प्रभावी ढंग से पूरे किए जा सकेंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना, उद्यान एवं पशुपालन विभागों का भी निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना, उद्यान विभाग और पशुपालन विभाग के कार्यालयों का भी दौरा किया। उन्होंने वहां उपस्थित अधिकारियों और कार्मिकों की उपस्थिति की जांच की और उनसे चल रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने योजनाओं की प्रगति पर संतोष जताया लेकिन कार्य की गति को और तेज़ करने के निर्देश भी दिए।
जीर्णशीन भवनों के नवीनीकरण के निर्देश
जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि विकास खंड परिसर में अवस्थित जीर्णशीन भवनों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि इन भवनों की स्थिति का मूल्यांकन कर शासन को प्रस्ताव भेजा जाए ताकि पुराने भवनों के स्थान पर नए कार्यालय परिसर निर्मित किए जा सकें। इससे एक ही परिसर में सभी विभागों के कार्यालयों का संचालन संभव हो सकेगा, जिससे जनता को सभी सेवाएं एक ही स्थान पर आसानी से उपलब्ध होंगी।
जनसुविधाओं में सुधार को प्राथमिकता
मयूर दीक्षित ने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास कार्यों की गति और गुणवत्ता शहरी क्षेत्रों के समान हो। उन्होंने कहा कि बहादराबाद विकास खंड हरिद्वार जिले का महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां कई योजनाएं चल रही हैं, इसलिए यहां पारदर्शी शासन की मिसाल पेश की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी चेतावनी दी कि “यदि किसी भी परियोजना में वित्तीय अनियमितता या गुणवत्ता में कमी पाई गई तो जिम्मेदार व्यक्ति को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
निरीक्षण के दौरान खंड विकास अधिकारी मानस मित्तल, जिला सूचना अधिकारी अहमद नदीम सहित संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने सभी से कहा कि वे समन्वय बनाकर जनहित में बेहतर कार्य करें ताकि जनता का प्रशासन पर भरोसा और मजबूत हो सके।इस औचक निरीक्षण ने स्पष्ट कर दिया कि जिलाधिकारी मयूर दीक्षित विकास योजनाओं की समीक्षा केवल कागज़ों पर नहीं बल्कि धरातल पर वास्तविक बदलाव के साथ देखना चाहते हैं। उनका उद्देश्य है — हर विकास कार्य में जवाबदेही, पारदर्शिता और गुणवत्ता का संतुलन स्थापित करना, ताकि हरिद्वार जिला उत्तराखंड में सुशासन का मॉडल बन सके।