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भगवानपुर में बिना रजिस्ट्रेशन के मदरसा सील,, अवैध मदरसों पर प्रशासन की कड़ी कार्रवाई,, शिक्षा के नाम पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा प्रशासन

इन्तजार रजा हरिद्वार- भगवानपुर में बिना रजिस्ट्रेशन के मदरसा सील,,

अवैध मदरसों पर प्रशासन की कड़ी कार्रवाई,,

शिक्षा के नाम पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा प्रशासन

भगवानपुर (हरिद्वार)। प्रशासन ने अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार को भगवानपुर थाना क्षेत्र में बिना किसी पंजीकरण और मान्यता के चल रहे एक मदरसे को अधिकारियों ने सील कर दिया। कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।

सूत्रों के अनुसार यह मदरसा लंबे समय से स्थानीय स्तर पर संचालित हो रहा था लेकिन शिक्षा विभाग और प्रशासन से इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई थी। जैसे ही इस बात की पुष्टि हुई, टीम ने अचानक मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और दस्तावेज मांगे। संचालकों द्वारा संतोषजनक प्रमाण पत्र न दिखाए जाने पर अधिकारियों ने तत्काल मदरसे को बंद कराने के आदेश दिए।

स्थानीय लोगों में चर्चा और प्रशासन की सख्ती

इस कार्रवाई की खबर फैलते ही आसपास के क्षेत्रों में चर्चा तेज हो गई। कई स्थानीय लोगों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना की और कहा कि बिना पंजीकरण और बिना मान्यता के चलने वाले संस्थान बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि ऐसे संस्थानों की आड़ में कई बार संदिग्ध गतिविधियां भी पनप सकती हैं, इसलिए इस तरह की जांच जरूरी है।

जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि शिक्षा के नाम पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीएम हरिद्वार ने पहले ही निर्देश जारी किए थे कि जनपद में संचालित सभी मदरसों और निजी शैक्षणिक संस्थानों का सत्यापन किया जाए। इन्हीं निर्देशों के तहत लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

लगातार जारी है अभियान

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से हरिद्वार जनपद के विभिन्न इलाकों में अवैध रूप से चल रहे मदरसों और कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन ने साफ किया है कि जिन संस्थानों के पास रजिस्ट्रेशन, मान्यता और आवश्यक दस्तावेज नहीं होंगे, उन्हें किसी भी हाल में संचालित नहीं होने दिया जाएगा।

पुलिस और शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम इन दिनों क्षेत्रवार सूची बनाकर छापेमारी कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा।

बच्चों की सुरक्षा और भविष्य प्राथमिकता

अधिकारियों का कहना है कि यह कदम बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है। यदि किसी संस्थान के पास जरूरी योग्यता और मानक पूरे नहीं होंगे तो वहां शिक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

भगवानपुर में हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि सरकार और प्रशासन अवैध शिक्षा संस्थानों को लेकर पूरी तरह सख्त है। आने वाले समय में ऐसे और भी संस्थानों की सूची तैयार कर उन पर कार्यवाही की जाएगी।

👉 यह कार्रवाई न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की दिशा में अहम है बल्कि समाज में पारदर्शिता और विश्वास कायम करने की कोशिश भी है।

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