आकांक्षी ब्लॉक बहादराबाद में लापरवाही पर मुख्य विकास अधिकारी का कड़ा रुख,, जल निकाय पुनर्जीवन कार्यों की समीक्षा में हुई अनियमितताओं का खुलासा,, Avani Gramin App पर जानकारी अपलोड न करने पर अधिकारियों को फटकार, वेतन रोकने के निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- आकांक्षी ब्लॉक बहादराबाद में लापरवाही पर मुख्य विकास अधिकारी का कड़ा रुख,,
जल निकाय पुनर्जीवन कार्यों की समीक्षा में हुई अनियमितताओं का खुलासा,,
Avani Gramin App पर जानकारी अपलोड न करने पर अधिकारियों को फटकार, वेतन रोकने के निर्देश
हरिद्वार, 24 सितम्बर 2025: मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोंडे ने आज विकास भवन में नीति आयोग के आकांक्षी विकासखण्ड कार्यक्रम के अंतर्गत Water Bodies Rejuvenation (जल निकाय पुनर्जीवन) कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में यह गंभीर तथ्य सामने आया कि कुल 50 कार्यों में से 40 कार्य भले ही पूर्ण हो चुके हों, फिर भी संबंधित अद्यतन सूचनाएं Avani Gramin App पर अपलोड नहीं की गई हैं।
मुख्य विकास अधिकारी ने इस लापरवाही पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई और स्पष्ट किया कि यह स्थिति किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि सभी जल निकायों से संबंधित “Before” और “After” फोटोग्राफ्स सहित अद्यतन सूचनाएं आज ही पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ तो संबंधित विभागों के खिलाफ कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने खंड विकास अधिकारी बहादराबाद की लापरवाही पर असंतोष व्यक्त किया और उनके वेतन को तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आकांक्षी विकासखण्ड कार्यक्रम राज्य सरकार और नीति आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसकी सफलता सुनिश्चित करना सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में इस प्रकार की चूक दोबारा नहीं होनी चाहिए।
बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी श्री गोपाल सिंह भंडारी, अधि. अभियंता लघु सिंचाई श्री भरत राम, अपर सांख्यिकी अधिकारी श्री सुभाष सिंह शाक्य, खंड विकास अधिकारी श्री नवीन कुमार, सहायक अभियंता सिंचाई श्री वाई.एस. तोमर, लघु सिंचाई श्री विद्याधर पाण्डेय, सहायक विकास अधिकारी पंचायत श्री विजेंद्र सैनी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी अधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया कि जल निकाय पुनर्जीवन कार्य केवल पूरा करना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि उसकी सही और समय पर डिजिटल जानकारी अपलोड करना भी समान रूप से आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल नीति आयोग के समन्वय में पारदर्शिता बढ़ती है, बल्कि स्थानीय जनता को भी विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति का पता चलता है।
बैठक के दौरान यह बात भी सामने आई कि कुछ जल निकायों में तकनीकी समस्याओं के कारण डेटा अपलोड नहीं हो पाया था। इसके बावजूद मुख्य विकास अधिकारी ने सभी तकनीकी और प्रशासनिक खामियों को तुरंत दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में किसी भी जल निकाय की स्थिति पोर्टल पर अद्यतन न होने की स्थिति न बने।
मुख्य विकास अधिकारी ने अंत में जोर देकर कहा कि आकांक्षी विकासखण्ड कार्यक्रम में सभी अधिकारी सक्रिय, जिम्मेदार और समयबद्ध कार्य करें। राज्य सरकार और नीति आयोग की उच्च प्राथमिकताओं के अनुरूप काम न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। यह बैठक प्रशासनिक अनुशासन और जवाबदेही को मजबूत करने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।