प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री धामी की अहम मुलाकात,, राज्य के विकास योजनाओं, कांवड़ मेला और आपदा प्रबंधन पर हुई चर्चा,, कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज, दिल्ली दरबार में दिखी राजनीतिक हलचल

इन्तजार रजा हरिद्वार- प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री धामी की अहम मुलाकात,,
राज्य के विकास योजनाओं, कांवड़ मेला और आपदा प्रबंधन पर हुई चर्चा,,
कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज, दिल्ली दरबार में दिखी राजनीतिक हलचल
नई दिल्ली/देहरादून, 14 जुलाई 2025 —
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की, लेकिन यह भेंट केवल औपचारिक नहीं रही। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, इस दौरान प्रदेश से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई। खासकर कांवड़ मेला, आपदा प्रबंधन, सीमांत जिलों में बुनियादी सुविधाओं का विकास और केंद्र से लंबित परियोजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मार्गदर्शन और सहयोग मांगा।
राज्यहित के प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को राज्य में कांवड़ मेले के दौरान की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी और बताया कि किस तरह “ग्रीन और क्लीन कांवड़ यात्रा” के लक्ष्य की ओर प्रशासन सफलतापूर्वक बढ़ रहा है। साथ ही राज्य में आई आपदाओं से निपटने के लिए केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग भी दोहराई गई। सीमा क्षेत्र विकास योजना, मेडिकल कॉलेजों के अपग्रेडेशन, रेलवे और हाईवे प्रोजेक्ट्स पर भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया।
कैबिनेट विस्तार की चर्चा को मिला बल
इस मुलाकात के बाद उत्तराखंड में लंबे समय से लंबित मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं। प्रदेश में अब भी कई विभागों का प्रभार खुद मुख्यमंत्री के पास है, जिससे प्रशासनिक दबाव भी बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व ने इस विषय में जल्द निर्णय लेने के संकेत दिए हैं और जुलाई के अंत तक नए चेहरों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। कुछ विधायकों की दिल्ली यात्रा और भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात ने भी इन अटकलों को बल दिया है।
राजनीतिक समीकरणों पर भी हो सकती है चालाकी
यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब राज्य में कई वर्गों की नाराजगी, विपक्ष की सक्रियता और आगामी निकाय चुनावों को लेकर भाजपा रणनीति पर काम कर रही है। मंत्रिमंडल विस्तार के माध्यम से पार्टी संतुलन साधने, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व बढ़ाने और जनआक्रोश को शांत करने का प्रयास कर सकती है। खासकर कुमाऊं और गढ़वाल अंचल के साथ ही अनुसूचित जाति वर्ग को भी संतुलित प्रतिनिधित्व देना भाजपा की प्राथमिकता हो सकती है।
भविष्य की दिशा तय करती मुलाकात
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम और सीएम के बीच यह मुलाकात केवल कार्यप्रणाली की समीक्षा नहीं, बल्कि उत्तराखंड में भाजपा के भविष्य की दिशा तय करने का अवसर भी थी। यह भी स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री धामी को दिल्ली का पूर्ण समर्थन प्राप्त है और वह आने वाले समय में और अधिक सशक्त भूमिका में नजर आ सकते हैं।
इस मुलाकात ने जहां प्रशासनिक कार्यों को गति देने की संभावनाएं बढ़ा दी हैं, वहीं भाजपा के भीतर संभावित फेरबदल और संतुलन साधने की दिशा में भी एक संकेत दे दिया है। अब सभी की निगाहें मंत्रिमंडल विस्तार और उसके संभावित चेहरों पर टिकी हैं।