उत्तराखंड में मदरसों की अवैध गतिविधियों की जांच को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारीगणो की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच के आदेश कर दिए जारी
CM धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में संचालित मदरसो की जांच शुरु ,मदरसों में अवैध फंडिंग समेत मदरसे से जुड़े दस्तावेजों और यहां पढ़ने और पढ़ाने वालो सहित अन्य गतिविधियों की होगी जांच
इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखंड में मदरसों की अवैध गतिविधियों की जांच को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारीगणो की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच के आदेश कर दिए जारी ,,, CM धामी के निर्देश पर उत्तराखंड में संचालित मदरसो की जांच शुरु ,मदरसों में अवैध फंडिंग समेत मदरसे से जुड़े दस्तावेजों और यहां पढ़ने और पढ़ाने वालो सहित अन्य गतिविधियों की होगी जांच
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अब प्रदेश के मदरसों में अवैध गतिविधियों की जांच होने जा रही है. इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं जो एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रेषित करेगी. इसमें अवैध फंडिंग समेत मदरसे से जुड़े दस्तावेजों और यहां पढ़ रहे बच्चों की भी जांच होगी. उत्तराखंड में मदरसों को लेकर धामी सरकार ने अपना कठोर रूख जाहिर कर दिया है. इस कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को मदरसों की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए हैं. महत्वपूर्ण यह है कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में जिलों के जिलाधिकारियों के अध्यक्षता में कमेटी गठित करने को भी कहा है. यह कमेटी एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रेषित करेगी. जिसमें कमेटी के जरिए सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी.
अवैध मदरसों की अवैध गतिविधियों की होगी जांच
खास बात यह है कि लगातार कई मदरसों की मुख्यमंत्री कार्यालय को शिकायतें मिल रही थी और इसमें कई अवैध गतिविधियों की भी जानकारियां दी जा रही थी. इन्हीं बातों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को इस पर कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. जिलाधिकारीगणो की अध्यक्षता में कमेटी एक तरफ मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की जानकारी जुटाएगी और प्रदेश से बाहर के बच्चों पर खासतौर पर जांच की जाएगी. इसी तरह मदरसे में अवैध फंडिंग से जुड़े विषय पर भी कमेटी जांच करेगी. इतना ही नहीं, मदरसे की जमीन और उससे जुड़े हुए तमाम दस्तावेजों की भी यह कमेटी जांच करेगी.उत्तराखंड में संचालित मदरसों को लेकर बाहरी फंडिंग के इनपुट्स मिलने के बाद अब प्रदेश पुलिस सतर्क हो गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद उत्तराखंड पुलिस , ग्रह मंत्रालय, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इस मुद्दे की गहन जांच शुरू कर दी है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों में जिला अधिकारियों की अध्यक्षता में विशेष कमेटियां गठित की गई हैं. इन कमेटियों को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपनी होगी.
उत्तराखंड राज्य में करीब 400 से अधिक रजिस्टर्ड मदरसे हैं, लेकिन कई मदरसे ऐसे भी हैं, जो अवैध रूप से संचालित किए जा रहे हैं. इन मदरसों के संचालन के स्रोतों और उनकी फंडिंग की बारीकी से जांच की जाएगी. पुलिस इस मामले में किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलने पर सख्त कार्रवाई करेगी. शुरुआती इनपुट्स सुत्रो के अनुसार कुछ मदरसे बाहरी स्रोतों से फंडिंग प्राप्त कर रहे हैं. यह फंडिंग किन स्रोतों से आ रही है और इसका उपयोग कहां किया जा रहा है, यह जानने के लिए पुलिस ने विस्तृत जांच शुरू की है. मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है, खासकर उन छात्रों के बारे में जो बाहरी राज्यों से आकर उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई कर रहे हैं.उत्तराखंड में कई मदरसे ऐसे हैं, जो बिना सरकारी मान्यता के संचालित किए जा रहे हैं. ऐसे मदरसों की पहचान कर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. पुलिस की जांच में इन मदरसों के संचालकों, उनके फंडिंग स्रोतों और छात्रों की जानकारी को प्राथमिकता दी जाएगी.इस मुद्दे पर जनता से भी सहयोग की अपील की गई है कहा गया है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को दी जाए, ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके. इसके साथ ही आश्वासन दिया गया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाएगी.
उत्तराखंड के मदरसों का प्रदेश के सामाजिक और शैक्षिक विकास में एक अहम योगदान रहा है. लेकिन बाहरी फंडिंग के इनपुट्स ने इन संस्थानों की पारदर्शिता और उद्देश्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं. सरकार और पुलिस प्रशासन का मानना है कि इस जांच का उद्देश्य केवल अनियमितताओं को रोकना है, न कि किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाना.
मुख्यमंत्री और संबंधित विभागों को सौंपी जाएगी मदरसों की जांच रिपोर्ट
जांच पूरी होने के बाद कमेटियों द्वारा तैयार रिपोर्ट को मुख्यमंत्री और संबंधित विभागों को सौंपी जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. फिलहाल, पुलिस और प्रशासन इस मुद्दे पर सतर्क हैं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर कठोर कदम उठाने के लिए तैयार हैं. यह कार्रवाई न केवल मदरसों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है, बल्कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी अहम है.उत्तराखंड पुलिस राज्य में संचालित अवैध मदरसों मे बाहरी राज्यों के बच्चों को पढ़ने की खबरो पर संज्ञान लेते हुए राज्य के सभी जिलों में मदरसों की गहनता से जांच करेगी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में डीजीपी दीपम सेठ को जांच के निर्देश दिये हैं। पुलिस महानिरीक्षक अपराध एंव कानून व्यवस्था नीलेश आनन्द भरणे ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में राज्य में संचालित सभी मदरसों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। यह जांच प्रक्रिया बच्चों की सुरक्षा और राज्य में कानून- व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इस जांच अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी मदरसे कानूनी ढांचे के भीतर कार्य करें। वहीं उन्होने बताया कि सभी जनपदों को एक माह के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।