उत्तराखण्ड के डीजीपी दीपम सेठ का हरिद्वार दौरा रहा ऐतिहासिक, आईएमसी चौक पर प्रस्तावित थाना सिड़कुल भवन का विधिवत शिलान्यास, नए भवन से सशक्त होगी पुलिस व्यवस्था, बढ़ेगा जनता का विश्वास शानदार स्वागत और सेरिमोनियल गार्द के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ,
एक मजबूत पहल, बेहतर कल की ओर एक सशक्त कदम, सिड़कुल क्षेत्र को मिलेगा आधुनिक थाना, बढ़ेगी सुरक्षा और प्रशासनिक दक्षता,भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार होगा निर्माण, थाना सिडकुल हर सुविधा से होगा लैस, जनता में उत्साह, क्षेत्रवासियों ने जताई प्रसन्नता

इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखण्ड के डीजीपी दीपम सेठ का हरिद्वार दौरा रहा ऐतिहासिक,
आईएमसी चौक पर प्रस्तावित थाना सिड़कुल भवन का विधिवत शिलान्यास,
नए भवन से सशक्त होगी पुलिस व्यवस्था, बढ़ेगा जनता का विश्वास
शानदार स्वागत और सेरिमोनियल गार्द के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ, एक मजबूत पहल, बेहतर कल की ओर एक सशक्त कदम, सिड़कुल क्षेत्र को मिलेगा आधुनिक थाना, बढ़ेगी सुरक्षा और प्रशासनिक दक्षता,भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार होगा निर्माण, थाना सिडकुल हर सुविधा से होगा लैस, जनता में उत्साह, क्षेत्रवासियों ने जताई प्रसन्नता
इन्तजार रजा हरिद्वार, 29 अप्रैल:
उत्तराखण्ड राज्य की पुलिस व्यवस्था को आधुनिक, तकनीकी और नागरिक हितकारी बनाने के क्रम में एक और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया है। उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक (D.G.P.) दीपम सेठ आज हरिद्वार के अपने आधिकारिक भ्रमण पर पहुंचे, जहां उन्होंने आईएमसी चौक स्थित सिड़कुल क्षेत्र में नए थाना भवन के निर्माण कार्य का विधिवत शिलान्यास कर इस क्षेत्र के नागरिकों को वर्षों पुरानी सौगात प्रदान की।
उनके स्वागत में हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल सहित कई पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम ने न केवल प्रशासनिक और सुरक्षा दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि यह क्षेत्रवासियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने वाला एक बहुप्रतीक्षित अवसर भी बना।
शानदार स्वागत और सेरिमोनियल गार्द के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
डीजीपी दीपम सेठ जब आईएमसी चौक पहुंचे तो वहां उनका भव्य स्वागत किया गया। जिलाधिकारी, एसएसपी और जिले के अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पारंपरिक सम्मान के साथ उन्हें अगवानी दी। इसके पश्चात सेरिमोनियल गार्द द्वारा उन्हें पुलिसीय सलामी दी गई, जो कि किसी भी उच्च पुलिस अधिकारी के स्वागत की सर्वोच्च परंपरा है। सेरिमोनियल गार्द के बाद डीजीपी ने विधिपूर्वक पूजा-अर्चना के साथ प्रस्तावित थाना सिड़कुल भवन का भूमि पूजन किया और निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत की। शिलान्यास के इस आयोजन में धार्मिक विधियों को ध्यान में रखते हुए वैदिक मंत्रोच्चार हुआ, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। यह कार्यक्रम केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि स्थानीय जनता के लिए एक सामाजिक पर्व जैसा प्रतीत हुआ।
सिड़कुल क्षेत्र को मिलेगा आधुनिक थाना, बढ़ेगी सुरक्षा और प्रशासनिक दक्षता
हरिद्वार जिले का सिड़कुल क्षेत्र राज्य का प्रमुख औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र है, जहां सैकड़ों फैक्ट्रियां, व्यापारिक प्रतिष्ठान और कार्यालय कार्यरत हैं। साथ ही, यहां बड़ी संख्या में श्रमिक, कर्मचारी, व्यवसायी और उनके परिवार भी निवास करते हैं। विगत वर्षों में क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों के साथ-साथ जनसंख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है। इस बढ़ते दबाव के बावजूद सिड़कुल थाना वर्तमान में एक अस्थायी भवन से संचालित हो रहा है, जो न तो संरचनात्मक रूप से उपयुक्त है और न ही आधुनिक पुलिसिंग की आवश्यकताओं को पूरा करता है।
डीजीपी ने शिलान्यास के दौरान कहा, “यह नया थाना भवन ना केवल क्षेत्रीय कानून व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि जनता और पुलिस के बीच संवाद को भी सशक्त बनाएगा। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त यह भवन हमारी पुलिसिंग को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।”
भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार होगा निर्माण, हर सुविधा से होगा लैस
आईएमसी चौक पर बनने वाला यह थाना भवन बहुमंजिला संरचना के रूप में तैयार किया जाएगा। इसमें निम्नलिखित विशेषताएं शामिल होंगी:
- आधुनिक कंट्रोल रूम: सभी सीसीटीवी मॉनिटरिंग, वायरलेस संचार, और इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम एकीकृत होंगे।
- साइबर क्राइम सेल: बढ़ते डिजिटल अपराधों से निपटने के लिए विशेष कक्ष और स्टाफ।
- महिला हेल्प डेस्क: महिलाओं से जुड़ी शिकायतों की गोपनीयता एवं त्वरित समाधान हेतु पृथक सुविधा।
- प्रशिक्षण कक्ष: पुलिस कर्मियों के लिए निरंतर कौशल विकास का स्थान।
- वेटिंग एरिया, एफआईआर सेक्शन, हवालात, एवं साक्ष्य भंडारण कक्ष भी सुरक्षित और आधुनिक मानकों के अनुरूप होंगे।
- ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट: भवन में पर्यावरणीय सततता जैसे वर्षा जल संचयन, सोलर एनर्जी और ऊर्जा दक्ष प्रकाश व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी।
इस निर्माण कार्य को राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय के संयुक्त प्रयासों से दो वर्षों की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जनता में उत्साह, क्षेत्रवासियों ने जताई प्रसन्नता
शिलान्यास समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, उद्योग प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने इस कदम का स्वागत किया और इसे सिड़कुल क्षेत्र की सुरक्षा, व्यापारिक स्थिरता एवं सामाजिक विकास के लिए मील का पत्थर बताया।स्थानीय व्यापारी संगठन के अध्यक्ष ने कहा, “सिड़कुल जैसे व्यस्त क्षेत्र में पुलिसिंग के लिए संसाधनों की भारी कमी लंबे समय से थी। नया थाना केवल अपराध रोकने में मदद नहीं करेगा, बल्कि आपदा के समय भी एक केंद्र के रूप में काम करेगा।”वहीं क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि वर्षों से नए थाने की मांग की जा रही थी, जिसे अब साकार रूप मिल रहा है। कुछ ने यह भी कहा कि इससे न केवल अपराध दर में कमी आएगी, बल्कि जन सुरक्षा का भाव भी गहराएगा।
डीजीपी का हरिद्वार दौरा प्रशासनिक समीक्षा के दृष्टिकोण से भी रहा अहम
श्री दीपम सेठ ने अपने दौरे के दौरान जिले की संपूर्ण कानून-व्यवस्था की समीक्षा भी की। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर लंबित मामलों की स्थिति, महिला अपराध, साइबर अपराध, यातायात व्यवस्था, एवं नागरिकों की शिकायत निवारण प्रणाली की विस्तार से समीक्षा की।
उन्होंने विशेष रूप से हरिद्वार के तीर्थाटन सीज़न को देखते हुए आने वाले यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर बल दिया और निर्देश दिया कि रात्रि गश्त, महिला सुरक्षा दलों की तैनाती और संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित किया जाए।
डीजीपी ने थानों का आकस्मिक निरीक्षण कर रिकॉर्ड प्रणाली, शिकायत निवारण प्रक्रिया एवं थाना परिसर की सफाई व्यवस्था पर संतोष जताया और कुछ सुझाव भी दिए।
भविष्य की ओर बढ़ता हरिद्वार, बेहतर पुलिसिंग से सशक्त होगा समाज
उत्तराखण्ड राज्य तेजी से प्रगति की ओर अग्रसर है। पर्यटन, तीर्थाटन, उद्योग एवं शिक्षा के क्षेत्रों में हुए विकास ने जहां अवसर प्रदान किए हैं, वहीं नई चुनौतियों को भी जन्म दिया है। इनसे निपटने के लिए पुलिस को न केवल आधुनिक संसाधनों से लैस होना होगा, बल्कि संरचनात्मक रूप से भी सशक्त बनना होगा।
हरिद्वार जिले के सिड़कुल क्षेत्र में प्रस्तावित नया थाना भवन इसी सोच का प्रतिबिंब है। यह केवल एक इमारत नहीं, बल्कि नागरिक सुरक्षा और भरोसे की नई पहचान है।
डीजीपी दीपम सेठ के प्रयासों एवं प्रदेश सरकार के सहयोग से यह निर्माण कार्य एक नई मिसाल बन सकता है, जो अन्य जनपदों के लिए भी प्रेरणादायक सिद्ध होगा।
एक मजबूत पहल, बेहतर कल की ओर एक सशक्त कदम
हरिद्वार का यह आयोजन न केवल शिलान्यास की रस्म था, बल्कि एक सकारात्मक संदेश भी था — कि शासन और प्रशासन नागरिकों की मांगों और आवश्यकताओं को लेकर सजग हैं। प्रस्तावित थाना भवन न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि आम जनता में सुरक्षा और विश्वास की भावना को भी गहरा करेगा।
डीजीपी दीपम सेठ का हरिद्वार दौरा हर दृष्टिकोण से सफल, सकारात्मक और दूरदर्शी रहा। अब सबकी निगाहें इस बात पर रहेंगी कि भवन का निर्माण कार्य तय समय सीमा में पूर्ण हो और क्षेत्रवासियों को एक प्रभावी, उत्तरदायी और संवेदनशील पुलिस व्यवस्था का अनुभव हो।