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हरिद्वार में फर्जी दस्तावेजों का जाल, ‘रूबी’ निकली बांग्लादेशी ‘रुबीना’!, हर की पौड़ी के पास पुलिस सत्यापन में बड़ा खुलासा, फर्जी पहचान पर रह रही थी बांग्लादेशी महिला, फर्जी दस्तावेज तैयार कराने वाला नेटवर्क भी हो सकता है सक्रिय पड़ताल शुरू 

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में फर्जी दस्तावेजों का जाल,
‘रूबी’ निकली बांग्लादेशी ‘रुबीना’!,
हर की पौड़ी के पास पुलिस सत्यापन में बड़ा खुलासा, फर्जी पहचान पर रह रही थी बांग्लादेशी महिला, फर्जी दस्तावेज तैयार कराने वाला नेटवर्क भी हो सकता है सक्रिय पड़ताल शुरू

हरिद्वार: पवित्र नगरी हरिद्वार में पुलिस के सत्यापन अभियान ने एक बड़ी साजिश से पर्दा उठाया है। हर की पौड़ी जैसे अति संवेदनशील धार्मिक स्थल के पास फर्जी पहचान के साथ रह रही एक बांग्लादेशी महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। महिला ‘रूबी’ के नाम से स्थानीय लोगों के बीच तिलक-चंदन लगाने का कार्य कर रही थी, लेकिन जब पुलिस ने पहचान सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की, तो उसके असली नाम ‘रुबीना’ और बांग्लादेशी नागरिक होने की सच्चाई सामने आ गई।

इस गिरफ्तारी ने न सिर्फ हरिद्वार पुलिस की सतर्कता को सिद्ध किया, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि कैसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे देश की सीमाएं और कानून को धता बताकर अवैध घुसपैठिए धर्मनगरी में शरण ले रहे हैं।

बांग्लादेश से हरिद्वार तक का फर्जीवाड़ा

हर की पौड़ी क्षेत्र में तिलक-चंदन लगाने का कार्य करने वाली महिला को स्थानीय लोग ‘रूबी’ के नाम से जानते थे। वह रोड़ी बेलवाला क्षेत्र में किराए के मकान में रह रही थी और देखने में साधारण महिला लगती थी। परंतु पुलिस के दस्तावेज सत्यापन अभियान के दौरान जब उसके दस्तावेजों की जांच की गई, तो कई विसंगतियां सामने आईं।

पूछताछ में महिला ने अपना असली नाम रुबीना बताया और स्वीकार किया कि वह मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली है। उसने यह भी खुलासा किया कि उसके पति संतोष दुबे ने फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाने में उसकी मदद की थी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

फर्जी दस्तावेज तैयार कराने वाला नेटवर्क सक्रिय

हरिद्वार एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि महिला के पास जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, वे सभी फर्जी हैं। आधार कार्ड, पैन कार्ड, और स्थानीय पते के प्रमाण सभी नकली पाए गए हैं। महिला काफी समय से फर्जी नाम ‘रूबी’ के साथ हर की पौड़ी क्षेत्र में रह रही थी और खुद को भारतीय नागरिक बता रही थी।

एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने कहा,
“यह महज एक महिला का मामला नहीं है, बल्कि एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है जो बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से घुसाकर उन्हें फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराता है। हम इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और इसमें जो भी लोग शामिल होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”

पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह दंपती कब भारत आया, किन रास्तों से सीमा पार की, और किसने उन्हें फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए। साथ ही, रुबीना के किसी चरमपंथी या आपराधिक संगठन से जुड़े होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

हरिद्वार जैसे धार्मिक शहर की सुरक्षा पर सवाल

यह मामला सिर्फ फर्जी पहचान का नहीं है, बल्कि इससे हरिद्वार जैसे धार्मिक और संवेदनशील शहर की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु हर की पौड़ी पर आते हैं और ऐसे में किसी अवैध विदेशी की उपस्थिति, वह भी फर्जी दस्तावेजों के साथ, न केवल सुरक्षा के लिहाज से चिंताजनक है, बल्कि इससे भविष्य में किसी बड़े खतरे की आशंका को भी बल मिलता है।

स्थानीय प्रशासन और खुफिया एजेंसियों के लिए यह एक चेतावनी है कि सत्यापन और निगरानी की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत किया जाए। खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहां भीड़ अधिक होती है और विदेशी नागरिक आसानी से छिप सकते हैं।

स्थानीय लोगों में दहशत, प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में दहशत है। हर की पौड़ी पर व्यवसाय करने वाले दुकानदारों और तिलक लगाने वाले अन्य लोगों में भय और असंतोष है। उनका कहना है कि प्रशासन को इस तरह के फर्जी नागरिकों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

स्थानीय निवासी रमेश चंद्र ने कहा,
“यह महिला हमारे बीच तिलक-चंदन लगाने का काम करती थी। कभी नहीं लगा कि वह विदेशी है। अगर पुलिस ने यह खुलासा नहीं किया होता, तो शायद हम कभी जान नहीं पाते।”

लोगों ने यह भी मांग की है कि प्रशासन को सभी किराएदारों का व्यापक स्तर पर सत्यापन करना चाहिए, खासकर उन क्षेत्रों में जो धार्मिक महत्व के हैं और जहां भीड़ अधिक रहती है।

आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस

हरिद्वार पुलिस अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। रुबीना और उसके पति से पूछताछ जारी है और पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उनके साथ और कौन लोग जुड़े हुए हैं। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या इस महिला का किसी कट्टरपंथी संगठन से कोई संबंध है।

पुलिस अब अन्य संदिग्ध किराएदारों और बिना सत्यापन रह रहे लोगों की तलाश में जुट गई है। हर की पौड़ी, भीमगौड़ा, ज्वालापुर, और कनखल क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर दस्तावेज जांच की जा रही है।

यह मामला महज एक बांग्लादेशी महिला के फर्जी दस्तावेजों से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा और दस्तावेजीय प्रणाली की खामियों को उजागर करता है। हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थल पर ऐसी घटनाएं गंभीर संकेत देती हैं कि अब प्रशासन को और अधिक सतर्क, तकनीकी रूप से सशक्त और सूचनात्मक ढांचे को मजबूत करना होगा ताकि किसी भी प्रकार की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को समय रहते रोका जा सके।

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