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वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स का पुतला दहन करने के आरोपियों पर हरिद्वार में कलियर पुलिस की कार्यवाही,वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर मुकदमा हुआ दर्ज, 01 युवक हिरासत में

प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी गलत तरीके से नाबालिक बच्चों का ले रहे थे सहारा, वीडियो के आधार पर किया जा रहा है चिन्हित। 

इन्तजार रजा हरिद्वार- वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स का पुतला दहन करने के आरोपियों पर हरिद्वार में कलियर पुलिस की कार्यवाही,वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर मुकदमा हुआ दर्ज, 01 युवक हिरासत में

प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी गलत तरीके से नाबालिक बच्चों का ले रहे थे सहारा, वीडियो के आधार पर किया जा रहा है चिन्हित। 

बीते कल थाना पिरान कलियर को एक महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त हुई कि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का पुतला पीपल चौक, पिरान कलियर में जलाया जा रहा है। यह सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। इस घटना से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, जो इस पूरे मामले की गंभीरता और पुलिस की तत्परता को उजागर करती हैं।

पुतला दहन और प्रदर्शन की शुरुआत

जैसा कि जानकारी मिली, पिरान कलियर के पीपल चौक पर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के विरोध में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा पुतला दहन किया जा रहा था। यह विरोध वक्फ बोर्ड के फैसलों या उनके कार्यों के खिलाफ था। वक्फ बोर्ड, जो धार्मिक स्थलों के प्रशासन और उनकी देखभाल के लिए जिम्मेदार होता है, के खिलाफ प्रदर्शन करना आम बात नहीं होती, लेकिन इस बार विरोध ने हिंसक रूप धारण कर लिया था। प्रदर्शनकारियों ने पुतला जलाकर अपनी नाराजगी और विरोध व्यक्त किया।

प्रदर्शनकारियों के उग्र होने के बाद स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की और उन्हें समझाया। लेकिन विरोध को लेकर एक युवक ने अपनी उग्रता दिखाते हुए पुलिस के साथ किसी प्रकार का संवाद करने के बजाय अपनी रशूखदारी का प्रदर्शन किया और स्थिति को और बिगाड़ने की कोशिश की। यह युवक, जिसने अपना उग्र व्यवहार दिखाया था, पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया।

  1. आरोपी का हिरासत में लिया जाना...प्रदर्शनकारियों द्वारा पुतला दहन की घटना के दौरान, एक आरोपी युवक ने न केवल विरोध को उग्र रूप दिया बल्कि यह भी दिखाया कि वह अपने रसूख और प्रभाव का इस्तेमाल पुलिस की कार्रवाई को टालने के लिए कर रहा था। इस युवक ने पुलिस के आदेशों का उल्लंघन किया और अपनी शक्ति का नाजायज इस्तेमाल करते हुए शांति व्यवस्था को भंग किया। इस स्थिति को देखते हुए, पुलिस ने उस युवक को हिरासत में लिया और उसे शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से गिरफ्तार किया। युवक का नाम मुन्तहीद है, जो पिरान कलियर का निवासी है और 25 वर्ष का है। पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी प्रकार की रियायत देने को तैयार नहीं थी। पुलिस ने इस मामले में तुरंत और प्रभावी कार्रवाई की, ताकि कोई और व्यक्ति या समूह इस प्रकार के उग्र प्रदर्शन को बढ़ावा न दे सके।प्रदर्शन के दौरान एक और गंभीर पहलू सामने आया। वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा गया कि प्रदर्शनकारियों ने नाबालिक बच्चों का गलत तरीके से सहारा लिया। बच्चों का इस्तेमाल प्रदर्शन में एक शत्रुतापूर्ण और अवैध तरीके से किया गया था। यह एक गंभीर मुद्दा था, क्योंकि बच्चों को किसी भी प्रकार के हिंसक या उग्र प्रदर्शन में शामिल करना कानूनन गलत है और इसे निंदनीय माना जाता है। वीडियो में यह साफ देखा गया कि प्रदर्शनकारी बच्चों को आगे करके उनका सहारा ले रहे थे, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई करना और मुश्किल हो सके।इस वीडियो को पुलिस ने गंभीरता से लिया और तत्काल जांच शुरू की। वीडियो के आधार पर पुलिस ने थाना कलियर में मुकदमा दर्ज किया और आरोपियों की पहचान करने का काम शुरू किया। नाबालिक बच्चों के साथ हुई इस अप्राकृतिक घटना को लेकर पुलिस ने न केवल कार्रवाई की, बल्कि यह संदेश भी दिया कि इस तरह के कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पुलिस की कार्यवाही और धारा 125 बीएनएस के तहत मामला

विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई घटनाओं के आधार पर थाना कलियर में मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपियों के खिलाफ धारा 125 बीएनएस के तहत मामला कायम किया गया, जिसमें सार्वजनिक स्थान पर उग्र प्रदर्शन और शांति व्यवस्था भंग करने का आरोप लगाया गया। इस धारा के तहत, पुलिस को आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी की प्रक्रिया को तेज़ी से अंजाम देना होता है, ताकि किसी प्रकार के हिंसक विरोध को रोकने में मदद मिल सके।

पुलिस ने घटनास्थल पर हुई कार्रवाई के बाद आरोपियों को चिन्हित करने के लिए जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, जो वीडियो वायरल हो रहे थे, उनके आधार पर अधिक जानकारी प्राप्त की जा रही है और आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रकार की गंभीर घटनाओं में पुलिस की भूमिका बेहद अहम होती है और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि किसी भी प्रकार की हिंसा या अशांति न फैले।

पुलिस टीम की भूमिका….…इस मामले में पुलिस टीम की भूमिका महत्वपूर्ण रही। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की और उस युवक को गिरफ्तार किया, जिसने उग्रता दिखाई थी। पुलिस टीम में शामिल प्रमुख अधिकारी थे:

1. व0उ0नि0 बी0एस0 चौहान – जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की और पुलिस कार्रवाई को व्यवस्थित रूप से किया।

2. उ0नि0 उमेश कुमार – जिन्होंने मामले की जांच की और वीडियो के आधार पर आरोपी की पहचान की।

3. हे0का0 जमशेद अली – जिन्होंने प्रदर्शन स्थल पर शांति व्यवस्था बनाए रखने में मदद की।

4. का0 सुनील चौहान – जिन्होंने आरोपी को हिरासत में लेने और मामले की आगे की जांच में सक्रिय भूमिका निभाई।

 

इन अधिकारियों की सक्रियता और जिम्मेदारी से यह सुनिश्चित हुआ कि पुलिस ने प्रभावी रूप से स्थिति को संभाला और कोई बड़ी घटना नहीं हुई। कानून व्यवस्था को बनाए रखना पुलिस का प्रमुख दायित्व है और इसके लिए किसी भी प्रकार की राजनीतिक या सामाजिक दबाव के सामने झुकना नहीं चाहिए। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की, न केवल प्रदर्शनकारियों को समझाकर शांत किया, बल्कि आरोपी युवक को हिरासत में लेकर यह संदेश भी दिया कि कोई भी कानून का उल्लंघन करेगा, तो उसे कड़ी सजा मिलेगी। साथ ही, नाबालिक बच्चों के गलत इस्तेमाल को लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, जो यह साबित करता है कि कानून हर किसी के लिए बराबर है।

वक्फ बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किसी राजनीतिक या सामाजिक कारण से किया गया हो सकता है, लेकिन इसका तरीका गलत था। पुलिस ने इस स्थिति को काबू करने में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की।

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