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विवेचना को सुदृढ़ और साक्ष्य आधारित बनाने हेतु SSP हरिद्वार की पहल, हर थाने से कर्मचारियों ने लिया भाग, क्राइम सीन प्रबंधन व वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन पर मिला व्यावहारिक प्रशिक्षण, फॉरेंसिक प्रक्रिया, फिंगरप्रिंट संग्रहण, सैंपल सीलिंग और दस्तावेजीकरण की बारीकियों पर दी गई जानकारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- विवेचना को सुदृढ़ और साक्ष्य आधारित बनाने हेतु SSP हरिद्वार की पहल,

हर थाने से कर्मचारियों ने लिया भाग, क्राइम सीन प्रबंधन व वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन पर मिला व्यावहारिक प्रशिक्षण,

फॉरेंसिक प्रक्रिया, फिंगरप्रिंट संग्रहण, सैंपल सीलिंग और दस्तावेजीकरण की बारीकियों पर दी गई जानकारी

हरिद्वार। 01 जून 2025
जनपद हरिद्वार में अपराध की विवेचना को अधिक प्रभावशाली और वैज्ञानिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) हरिद्वार के निर्देश पर पुलिस कार्यालय रोशनाबाद में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें जिले के सभी थानों और कोतवालियों से आए पुलिसकर्मियों ने प्रतिभाग किया।

यह प्रशिक्षण ‘क्राइम सीन मैनेजमेंट’ और वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन की तकनीकों पर आधारित था, जिसमें फील्ड यूनिट के अनुभवी विशेषज्ञों ने “क्राइम किट बॉक्स” के माध्यम से व्यावहारिक जानकारी दी। पुलिस कर्मियों को घटनास्थल की सुरक्षा, फिंगरप्रिंट उठाने की विधियां, सैंपल सीलिंग, साक्ष्यों का सही दस्तावेजीकरण और फॉरेंसिक जांच की प्रक्रियाओं के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया गया।

घटनास्थल की सुरक्षा और वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन पर विशेष बल

प्रशिक्षण के दौरान यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि घटनास्थल पर पहुंचते ही उसकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए, जिससे साक्ष्यों से छेड़छाड़ न हो। कर्मियों को घटनास्थल के पहले दृश्य की फोटो डॉक्यूमेंटेशन, फिंगरप्रिंट कलेक्शन के लिए ब्रश व पाउडर का प्रयोग, रक्त, बाल, कपड़े अथवा अन्य नमूनों की सुरक्षित सीलिंग एवं उनके संग्रहण की विधियों के बारे में बताया गया।

साथ ही, प्रशिक्षकों ने यह भी स्पष्ट किया कि इन प्रक्रियाओं में थोड़ी भी लापरवाही न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित कर सकती है। इसलिए सभी कर्मचारियों को यह प्रशिक्षण गंभीरता से लेने की सलाह दी गई।

साक्ष्य आधारित विवेचना: अपराध नियंत्रण की दिशा में सशक्त कदम

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार द्वारा दिए गए निर्देशों में स्पष्ट रूप से यह बताया गया है कि भविष्य में विवेचना केवल मौखिक बयानों पर आधारित नहीं होगी, बल्कि वैज्ञानिक और भौतिक साक्ष्य ही निर्णायक भूमिका निभाएंगे। इस दिशा में प्रशिक्षित पुलिसकर्मी फील्ड में जाकर सटीकता और दक्षता के साथ अपराध स्थल से साक्ष्य संकलित कर सकेंगे।

प्रशिक्षण के इस पहले चरण में पुलिस थानों से चयनित कर्मचारियों ने भाग लिया, जिन्हें अब अपनी-अपनी इकाइयों में जाकर अन्य पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने का दायित्व भी सौंपा गया है। यह प्रक्रिया एक श्रृंखलाबद्ध अभियान के रूप में आगे बढ़ेगी, जब तक कि प्रत्येक थाना स्तर पर साक्ष्य संकलन की पूर्ण दक्षता हासिल न हो जाए।

भविष्य में भी जारी रहेंगे प्रशिक्षण, हर कर्मचारी होगा दक्ष

पुलिस विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस तरह के प्रशिक्षण अब नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाएंगे। उद्देश्य यह है कि थानों में नियुक्त प्रत्येक पुलिसकर्मी कम से कम प्राथमिक स्तर की फॉरेंसिक जानकारी से लैस हो और हर प्रकार के अपराध की विवेचना में तकनीकी रूप से दक्षता प्राप्त कर सके।

फील्ड यूनिट के अधिकारियों ने प्रशिक्षण में शामिल कर्मचारियों से यह भी आग्रह किया कि वे आगामी आपराधिक घटनाओं की विवेचना में प्राप्त ज्ञान और उपकरणों का भरपूर प्रयोग करें, जिससे न केवल दोषियों को सजा दिलाना आसान हो, बल्कि बेगुनाह लोगों की रक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।


संवाददाता – Daily Live Uttarakhand
स्थान – हरिद्वार, उत्तराखंड

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