अटल वाटिका में लहराया तिरंगा, देशभक्ति के रंग में रंगा शिवालिक नगर,, राजवीर चौहान के नेतृत्व और रविराज चौहान के जोश ने भरी आज़ादी की हुंकार,, हजारों लोगों की मौजूदगी में युवा कांग्रेस ने रचा यादगार स्वतंत्रता दिवस समारोह

इन्तजार रजा हरिद्वार- अटल वाटिका में लहराया तिरंगा, देशभक्ति के रंग में रंगा शिवालिक नगर,,
राजवीर चौहान के नेतृत्व और रविराज चौहान के जोश ने भरी आज़ादी की हुंकार,,
हजारों लोगों की मौजूदगी में युवा कांग्रेस ने रचा यादगार स्वतंत्रता दिवस समारोह
शिवालिक नगर अटल चौक स्थित अटल वाटिका इस स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति के रंग में पूरी तरह सराबोर नज़र आई। युवा कांग्रेस के बैनर तले आयोजित इस भव्य और ऐतिहासिक समारोह में हजारों लोग उमड़े। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा वरिष्ठ कांग्रेसी और श्रमिक नेता, रानीपुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी राजवीर चौहान द्वारा किया गया ध्वजारोहण। जैसे ही तिरंगा ऊंचाई पर लहराया, भीड़ में मौजूद हर व्यक्ति ने पूरे जोश और सम्मान के साथ “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारे लगाए, जिससे पूरा वातावरण देशभक्ति की गूंज से भर गया।
कार्यक्रम में युवा नेता रविराज चौहान का जोश और ऊर्जा देखते ही बन रही थी। उनकी अगुवाई में सैकड़ों युवा हाथों में तिरंगा लेकर मार्च पास्ट के रूप में आगे बढ़े। देशभक्ति गीतों की गूंज, तिरंगों की लहर और युवाओं का उत्साह—ये सब मिलकर अटल वाटिका को एक जीवंत देशभक्ति मंच में बदल दिया। बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग—हर वर्ग के लोग इस आयोजन का हिस्सा बने और एक स्वर में आज़ादी के महत्व का संदेश दिया।
राजवीर चौहान ने अपने संबोधन में कहा—
“स्वतंत्रता दिवस केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि देश को आज़ाद रखने के लिए हर नागरिक को अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा। युवाओं को राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए, तभी हम अपने शहीदों के सपनों का भारत बना पाएंगे।”
रविराज चौहान ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आज के समय में देशभक्ति सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि कर्मों में झलकनी चाहिए। उन्होंने सभी को संकल्प दिलाया कि चाहे शिक्षा, सेवा, या समाज सुधार का क्षेत्र हो—युवा पीढ़ी हमेशा आगे रहकर देश को मजबूत बनाएगी।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने राष्ट्रगान गाया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। अटल वाटिका का हर कोना तिरंगे की थीम से सजा था—दीवारों पर रंग-बिरंगे पोस्टर, तिरंगे की झालरें, और मंच पर आज़ादी के वीरों की तस्वीरें माहौल को और भावुक बना रही थीं।
यह आयोजन सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक संदेश बनकर सामने आया—कि एकजुट होकर, जोश और संकल्प के साथ, हर कोई देश की प्रगति में अपनी भूमिका निभा सकता है। शिवालिक नगर ने इस दिन यह साबित कर दिया कि देशभक्ति की लौ आज भी उतनी ही प्रबल है, जितनी आज़ादी के समय थी।