अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में अनियमितताओं की जांच को लेकर सीएम धामी का बड़ा कदम,, एसआईटी गठित कर होगी घोटाले की गहराई से जांच

इन्तजार रजा हरिद्वार- अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में अनियमितताओं की जांच को लेकर सीएम धामी का बड़ा कदम,,
एसआईटी गठित कर होगी घोटाले की गहराई से जांच
देहरादून।
राज्य में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में सामने आई अनियमितताओं और संभावित घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए, ताकि हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और दोषियों को सख्त सजा मिल सके।
मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते कुछ समय से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजनाओं में फर्जीवाड़े और वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन स्तर पर प्राथमिक जांच शुरू की गई थी, जिसके बाद प्रारंभिक रिपोर्ट में कई गड़बड़ियों की पुष्टि हुई है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यक छात्रों के हक पर किसी भी कीमत पर डाका नहीं डालने देगी। जिन लोगों ने गरीब छात्रों के नाम पर योजनाओं का दुरुपयोग किया है, उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि SIT जांच में किसी भी प्रभाव या दबाव को न झेलते हुए दोषियों की पहचान करें और जल्द चार्जशीट दाखिल की जाए।
इस निर्णय के तहत संबंधित विभागों से दस्तावेज तलब किए जा रहे हैं और वित्तीय रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है। जल्द ही SIT का गठन कर इस पूरे घोटाले की तह तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री की यह पहल अल्पसंख्यक समाज के उन छात्रों और अभिभावकों के लिए आशा की किरण है, जो वर्षों से इस योजना के वास्तविक लाभार्थी हैं लेकिन उन्हें योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब उम्मीद की जा रही है कि इस घोटाले में शामिल हर स्तर के भ्रष्ट अधिकारियों और बिचौलियों पर शिकंजा कसेगा।
प्रमुख बिंदु:
- प्रारंभिक जांच में सामने आई कई गड़बड़ियां
- छात्रवृत्ति के नाम पर फर्जी दस्तावेज और खातों के जरिए फंड का ग़लत इस्तेमाल
- SIT को मिलेगी विस्तृत जांच की जिम्मेदारी
- दोषियों के खिलाफ होगी फास्ट-ट्रैक कार्रवाई
राज्य सरकार का यह फैसला साफ संकेत देता है कि मुख्यमंत्री धामी की सरकार किसी भी भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है।
(यह एक प्रारंभिक रिपोर्ट है, SIT की जांच के बाद विस्तृत तथ्य और नाम सामने आने की संभावना है।)