मनसा देवी हादसे के घायलों का सीएम ने जाना हाल,, 🙏 ट्रस्ट ने दिखाई संवेदनशीलता: ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने भी मृतकों को 5-5 लाख और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता ऐलान,, 🚑 अंतिम यात्रा और सुरक्षित घर वापसी तक की जिम्मेदारी भी ट्रस्ट ने ली, सीएम ने दिए कड़े मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार-🔴 मनसा देवी हादसे के घायलों का सीएम ने जाना हाल,,
🙏 ट्रस्ट ने दिखाई संवेदनशीलता: ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने भी मृतकों को 5-5 लाख और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता ऐलान,,
🚑 अंतिम यात्रा और सुरक्षित घर वापसी तक की जिम्मेदारी भी ट्रस्ट ने ली, सीएम ने दिए कड़े मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश
हरिद्वार | रविवार को मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर हुई भगदड़ ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर दिया। भारी भीड़ के बीच मची अफरा-तफरी में कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए और दुर्भाग्यवश छह लोगों की मौत भी हो गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी खुद हरिद्वार पहुंचे और जिला चिकित्सालय में जाकर घायलों का हालचाल जाना।
मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों को हरसंभव और उच्चतम स्तर की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार पीड़ितों के साथ पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है और इस दुख की घड़ी में सरकार हरसंभव मदद करेगी।
ट्रस्ट ने दिखाई मानवीयता, की बड़ी घोषणा
मुख्यमंत्री श्री धामी से जिला अस्पताल में हुई मुलाकात के दौरान मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने घटना को लेकर गहरा दुःख प्रकट किया और प्रभावित परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि भगदड़ में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जबकि घायल श्रद्धालुओं को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि ट्रस्ट की ओर से प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा, ट्रस्ट ने यह भी जिम्मेदारी ली है कि मृतकों के शवों को उनके गृह जनपद तक पहुंचाने के लिए वाहन व्यवस्था की जाएगी। इसी प्रकार, जिन घायलों को छुट्टी दे दी जाएगी, उन्हें भी उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ट्रस्ट द्वारा वाहनों की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच और व्यवस्था सुधार के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरी घटना को बेहद गंभीर मानते हुए स्थानीय प्रशासन, पुलिस और ट्रस्ट अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों, इसके लिए स्थायी और प्रभावी उपाय किए जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, और इस प्रकार की अव्यवस्था या अफवाह जनित भगदड़ से बचने के लिए भीड़ नियंत्रण प्रणाली, कैमरा निगरानी, वालंटियर्स की तैनाती और आपातकालीन व्यवस्था को मजबूत किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक पर्यटन उत्तराखंड की आत्मा है, और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मनसा देवी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण की नई नीति बनाई जाएगी जिसमें हर प्रमुख अवसर पर चरणबद्ध दर्शन और तकनीकी निगरानी शामिल होगी।
मौके पर सक्रिय रहा प्रशासन, एसएसपी-डीएम ने संभाला मोर्चा
घटना के तुरंत बाद हरिद्वार जिला प्रशासन और पुलिस विभाग हरकत में आ गया। डीएम मयूर दीक्षित और एसएसपी अजय सिंह ने स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की। एसएसपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि भीड़ में किसी ने अफवाह फैलाई, जिसके कारण भगदड़ मची। इसकी विस्तृत जांच की जा रही है, और सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
डीएम ने भी कहा कि घायलों को त्वरित इलाज मुहैया कराया गया है और मृतकों के परिजनों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन की टीमें इस मामले में मानवता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही हैं।
पीड़ित परिवारों को मिलेगा संबल
हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, जो सीधे उनके खातों में जल्द ट्रांसफर की जाएगी। इसके अलावा, ट्रस्ट की ओर से दी जा रही सहायता राशि भी अलग से दी जाएगी, जिससे पीड़ित परिवारों को दोहरी मदद मिलेगी।
सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह समय राजनीति का नहीं, सेवा और सहानुभूति का है। हम सुनिश्चित करेंगे कि पीड़ितों को न्याय और सहारा दोनों मिले। घटना की निष्पक्ष जांच होगी और लापरवाही यदि किसी स्तर पर पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
भविष्य के लिए चेतावनी और तैयारी
यह हादसा न केवल हरिद्वार या उत्तराखंड के लिए, बल्कि पूरे देश के धार्मिक स्थलों के लिए एक चेतावनी है। राज्य सरकार अब सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की योजना बना रही है। मनसा देवी हादसे के बाद सरकार की नीति में बड़ा बदलाव संभावित है।
Daily Live Uttarakhand की विशेष टीम ने स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं से बातचीत की, जिसमें कई लोगों ने बताया कि दर्शन की लंबी कतार और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्वयंसेवकों की संख्या कम थी। वहीं कुछ श्रद्धालुओं ने ट्रस्ट और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की।
मनसा देवी हादसा दुखद और चिंताजनक अवश्य है, परंतु इसके बाद मुख्यमंत्री, ट्रस्ट और प्रशासन की सक्रियता ने यह संदेश भी दिया है कि उत्तराखंड हर संकट में अपने लोगों के साथ खड़ा होता है। अब उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं और धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बने।
रिपोर्ट: Daily Live Uttarakhand
इन्तजार रजा हरिद्वार