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पंचपुरी गढमीरपुर के ग्रामीणों ने किया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने का विरोध, ग्रामीणों संग विधायक रवि बहादुर ने डीएम हरिद्वार को सौंपा ज्ञापन

यदि कार्यवाहक विभाग ने पंचपुरी गढमीरपुर क्षेत्र में प्रस्तावित जगह पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने दी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने की चेतावनी.

इन्तजार रजा हरिद्वार-पंचपुरी गढमीरपुर के ग्रामीणों ने किया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने का विरोध, ग्रामीणों संग विधायक रवि बहादुर ने डीएम हरिद्वार को सौंपा ज्ञापन

हरिद्वार जनपद के ब्लॉक बहादराबाद क्षैत्र के पंचपुरी गढमीरपुर के मुख्य मार्ग द्वार पर बनने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP)के विरोध को लेकर पंचपुरी गढमीरपुर क्षेत्र के ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है. आज विधानसभा ज्वालापुर के विधायक रवि बहादुर और सैकड़ों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी हरिद्वार कार्यालय पहुंचकर एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाए जाने को लेकर हो रहे सर्वे और बनाए जाने का विरोध किया

और इसे कहीं दुसरी जगह ले जाने हेतु सुझाव देते हुए डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह को एक ज्ञापन सौंपा है ग्रामीणों ने एसटीपी का विरोध करते हुए साफ कर दिया है कि वे पंचपुरी गढमीरपुर आबादी वाले इलाके और गांव के आसपास खेती बाड़ी वाले क्षैत्र में किसी भी कीमत पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण नहीं होने देंगे.

यदि इसके बाद भी यदि कार्यवाहक विभाग ने पंचपुरी गढमीरपुर क्षेत्र में प्रस्तावित जगह पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की कोशिश की तो ग्रामीण अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ जाएंगे.आज सोमवार को पंचपुरी गढमीरपुर के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय में आकर प्रदर्शन किया और विधायक रवि बहादुर की अगुवाई में ज्ञापन सौंपा.

ग्रामीणों का कहना है कि गढमीरपुर क्षैत्र में एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगने के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा रास्ते संकरे और भविष्य में रास्ते के चौड़ीकरण में बांधा बनेगा यह प्रोजेक्ट यातायात का दबाव बढ़ने पर यह प्रोजेक्ट बड़ी दिक्कत और परेशानी का सबब बन जायेगा

और अब अगर यह सीवर प्लांट यहां बन गया तो यहां पर रहने वाले लोगों का जीवन मुश्किल हो जाएगा.ग्रामीणों ने सीवर प्लांट को कहीं ओर बनवाए जाने की मांग की है

और अगर मांग पूरी नहीं होती है तो सभी ग्रामीण वासी आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. बता दें कि प्रशासन की ओर से गढमीरपुर क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट का निर्माण किये जाने की दुविधा के चलते गढमीरपुर के ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट हमारे क्षेत्र में बनाया जा रहा है जिसका अभी सर्वे जारी है इससे गंदगी फैलेगी और आसपास के वातावरण के साथ नदी भी दूषित होगी.

2 दिन पहले निर्माण एजेंसी की टीम और प्रशासनिक अधिकारी सर्व काम करने पहुंची तो क्षेत्रवासियों ने काम रुकवा दिया था और इसके विरोध में ग्रामीण इकट्ठा हुए और टीम को वापस लौटना पड़ा था

विधायक रवि बहादुर और ग्रामीणों के द्वारा STP के विरोध में अपनी बात बताएं जाने और डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह को एक ज्ञापन सौंपने के बाद

   फाइल फोटो: कर्मेन्द्र सिंह जिलाधिकारी हरिद्वार जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि सभी से वार्तालाप कर ही योजनाएं शुरू की जा रही है किसी को कोई नुक्सान नहीं होगा परिक्षण और निरिक्षण के आदेश दे दिए गए हैं सभी की भावनाओं और ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखकर कार्य किए जायेंगे और सम्बंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है सभी के हितों को ध्यान में रखकर ही कार्य हो रहे हैं किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है

क्या होता है एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) प्लांट

एसटीपी प्लांट यानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सीवेज को साफ़ करने के लिए बनाया जाता है. यह घरों, दफ़्तरों, और उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ़ करता है. एसटीपी प्लांट, अपशिष्ट जल को उपचारित करके उसे सुरक्षित बनाता है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता और पानी की गुणवत्ता भी बनी रहती है. 

एसटीपी प्लांट के फ़ायदे: 

  • यह पर्यावरण को साफ़ रखने में मदद करता है.
  • यह सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करता है.
  • यह संधारणीय संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देता है.
  • यह पानी को दोबारा इस्तेमाल करने की सुविधा देता है.

एसटीपी प्लांट कैसे काम करता है?

एसटीपी प्लांट में भौतिक, जैविक, और रासायनिक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है. 

इसमें स्क्रीनिंग, ग्रिट रिमूवल, और अवसादन जैसी प्रक्रियाएं होती हैं. इसमें लाभकारी सूक्ष्मजीवों को बढ़ावा दिया जाता है, जो कार्बनिक पदार्थों को तोड़ते हैं. इसमें ट्रिकलिंग फ़िल्टर का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कार्बनिक प्रदूषकों को कम किया जाता है.

सीवेज उपचार संयंत्रों के नुकसान:

  1. उच्च प्रारंभिक लागत : एसटीपी के निर्माण और स्थापना के लिए महत्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता हो सकती है, जिससे ये नगर पालिकाओं के लिए, विशेष रूप से विकासशील क्षेत्रों में, महंगे हो जाते हैं।
  2. परिचालन जटिलता : एसटीपी चलाने में जटिल प्रक्रियाएं शामिल होती हैं और प्रभावी संचालन और रखरखाव के लिए कुशल कर्मियों की आवश्यकता होती है।
  3. ऊर्जा खपत : एसटीपी बड़ी मात्रा में ऊर्जा की खपत करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप यदि उनका स्थायी प्रबंधन नहीं किया जाता है तो परिचालन लागत और पर्यावरणीय प्रभाव बढ़ जाते हैं।
  4. दुर्गन्ध की सम्भावना : अनुचित तरीके से प्रबंधित एसटीपी से अप्रिय दुर्गन्ध उत्पन्न हो सकती है, जो आस-पास के समुदायों को प्रभावित कर सकती है।
  5. भूमि उपयोग : एसटीपी के लिए काफी भूमि क्षेत्र की आवश्यकता होती है, जो घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में ढूंढना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

एसटीपी परिभाषा

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) एक ऐसी सुविधा है जिसे घरेलू या औद्योगिक अपशिष्ट जल को उपचारित करने और प्रसंस्कृत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे दूषित पदार्थ और अशुद्धियाँ दूर होती हैं। यह सुरक्षित जल निर्वहन या पुनः उपयोग सुनिश्चित करता है, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है और नियामक मानकों के अनुपालन को बढ़ावा देता है।

निष्कर्ष:

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर्यावरण स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि वे चुनौतियों के साथ आते हैं, लेकिन जब उनका उचित प्रबंधन किया जाता है तो उनके लाभ नुकसान से कहीं अधिक होते हैं। जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ती है, हम अधिक कुशल और टिकाऊ उपचार प्रक्रियाओं की उम्मीद कर सकते हैं, जिससे शहरी बुनियादी ढांचे में एसटीपी की भूमिका और बढ़ जाती है। इन प्रणालियों को समझना हमारे समुदायों में टिकाऊ प्रथाओं की वकालत करने और एक स्वच्छ, स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

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