सलेमपुर महदुद नाम परिवर्तन पर बवाल, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, कांग्रेस नेता वीरेंद्र रावत ने बताया जनविरोधी फैसला, भाजपा को दी चेतावनी – नाम से नहीं खेलने देंगे जनता की पहचान के साथ

इन्तजार रजा हरिद्वार- सलेमपुर महदुद नाम परिवर्तन पर बवाल,
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, कांग्रेस नेता वीरेंद्र रावत ने बताया जनविरोधी फैसला,
भाजपा को दी चेतावनी – नाम से नहीं खेलने देंगे जनता की पहचान के साथ
हरिद्वार/सलेमपुर महदूद | डेली लाइव उत्तराखंड
हरिद्वार जनपद के चर्चित गांव सलेमपुर दादुपुर का नाम बदलने की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई घोषणा के बाद से पूरे क्षेत्र में सियासी भूचाल आ गया है। जहां एक ओर भाजपा इस निर्णय को सांस्कृतिक पुनर्स्थापना का हिस्सा बता रही है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय ग्रामीणों और विपक्षी दलों ने इसे जनविरोधी, जबरदस्ती और पहचान मिटाने वाला फैसला करार दिया है।
इसी सिलसिले में रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरिद्वार से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी वीरेंद्र रावत सलेमपुर महदूद पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से संवाद किया और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। रावत ने कहा कि यह निर्णय लोगों की भावनाओं पर सीधा आघात है और इससे जनता के बीच रोष है।
“सलेमपुर सिर्फ नाम नहीं, हमारी पहचान है”
ग्रामीणों के साथ हुई सभा में वीरेंद्र रावत ने कहा –
“यह नाम हमारे पूर्वजों की धरोहर है। सरकार इसे मिटाकर हम पर नई पहचान थोपना चाहती है। ये न केवल गलत है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी है।”
ग्रामीणों ने खुलकर कहा कि उन्हें किसी भी हाल में नाम परिवर्तन स्वीकार नहीं। एक स्थानीय बुजुर्ग ने कहा, “जब हमारे दादा-परदादा के समय से यह नाम चला आ रहा है, तो सरकार को किस हक से इसे बदलने का अधिकार है?” ग्रामीणों ने कहा कि वे इस निर्णय के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करेंगे।
“नाम बदलने से नहीं होता विकास, पहले दें सुविधाएं”
ग्रामीणों ने रावत से मुलाकात के दौरान कहा कि गांव में आज भी पेयजल, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। एक महिला ने बताया कि “गांव में न नल चलता है, न अस्पताल है, और न ही युवाओं को रोजगार। लेकिन सरकार को इन समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं, बस नाम बदलो अभियान चला रखा है।”
वीरेंद्र रावत ने भी इस बात को दोहराते हुए कहा कि सरकार विकास, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए “नाम बदलो राजनीति” कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को वास्तविक विकास की बजाय प्रतीकात्मक कदम उठाने में रुचि है।
“नाम बदलने पर कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी”
राव आफाक अली पूर्व अध्यक्ष जिला पंचायत हरिद्वार ने सभा में चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो कांग्रेस गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाएगी और जनता की भावनाओं को कुचलने की किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देगी।
उन्होंने कहा –
“हम इस लड़ाई को विधानसभा और संसद दोनों में उठाएंगे। जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। सरकार को जनता की बात सुननी होगी, नहीं तो संघर्ष के लिए तैयार रहें।”
भाजपा को घेरा, कहा – “सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश”
रावत ने आरोप लगाया कि भाजपा इस तरह के फैसलों के जरिए समाज में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की शांत और समरसता भरी संस्कृति को इस तरह के राजनीतिक निर्णयों से खतरा पैदा हो रहा है।
उन्होंने भाजपा से सवाल पूछा –
“क्या नाम बदलने से बेरोजगारों को नौकरी मिल जाएगी? क्या इससे गांव में पीने का पानी आ जाएगा? क्या सड़कें सुधर जाएंगी?”
ग्रामीणों के नारे और विरोध प्रदर्शन
सभा के अंत में ग्रामीणों ने “हमारा नाम, हमारी पहचान”, “नाम नहीं चलेगा बदलाव”, और “सलेमपुर रहेगा सलेमपुर” जैसे नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन संदेश स्पष्ट था – “गांव की अस्मिता से समझौता नहीं होगा।”
सलेमपुर दादुपुर का नाम बदलने का मामला केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि यह एक भावनात्मक, सामाजिक और राजनीतिक मसला बन चुका है। जहां एक ओर भाजपा इसे सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ रही है, वहीं ग्रामीण और विपक्ष इसे जनता की अस्मिता और अधिकारों पर हमला मान रहे हैं।
यदि सरकार इस विषय पर संवाद स्थापित नहीं करती और फैसला थोपने की कोशिश करती है, तो यह विवाद आने वाले समय में उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है।
रिपोर्ट: इन्तजार रज़ा
संपादन: डेली लाइव उत्तराखंड डेस्क