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धराली और पौड़ी आपदा राहत की हाईलेवल समीक्षा,, 7 दिन में क्षति आकलन का निर्देश, प्रभावितों को मिल रही ₹5 लाख की तत्काल सहायता,, कल्प केदार मंदिर का होगा पुनर्निर्माण, सड़क व पुल बहाली कार्य तेज

इन्तजार रजा हरिद्वार- धराली और पौड़ी आपदा राहत की हाईलेवल समीक्षा,,
7 दिन में क्षति आकलन का निर्देश, प्रभावितों को मिल रही ₹5 लाख की तत्काल सहायता,,
कल्प केदार मंदिर का होगा पुनर्निर्माण, सड़क व पुल बहाली कार्य तेज

देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें धराली (उत्तरकाशी) और पौड़ी में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में जिलाधिकारियों के साथ-साथ संबंधित विभागों के सचिव भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री स्तर की इस समीक्षा में स्पष्ट निर्देश दिया गया कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त हुई निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति का आकलन अधिकतम 7 दिनों में पूरा किया जाए, ताकि पुनर्वास और मुआवजा प्रक्रिया में विलंब न हो।

बैठक में यह जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रभावित परिवारों को ₹5 लाख की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा—
“धराली आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार मंदिर का नवनिर्माण कराया जाएगा। आपदा में प्रभावित सभी लोग मेरे परिवारजन हैं, और उनकी हर संभव मदद के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित इलाकों में सड़क खोलने के कार्य में तेजी लाई जाए, ताकि राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता शीघ्र पहुंच सके। उन्होंने विशेष रूप से लिमचीगाड़ क्षेत्र में बेलीब्रिज के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा कर जनता के लिए खोलने के निर्देश दिए।

धराली और पौड़ी में हुई प्राकृतिक आपदाओं से जहां जनहानि और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है, वहीं स्थानीय लोगों के जीवन में भीषण कठिनाइयां उत्पन्न हुई हैं। बैठक में सचिवों को राहत और पुनर्वास योजनाओं की समयबद्ध क्रियान्विति सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट जिम्मेदारियां सौंपी गईं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आपदा से सैकड़ों घर, दुकानें और बुनियादी ढांचा क्षतिग्रस्त हुआ है। कई सड़क मार्ग अवरुद्ध हैं, जिससे दूरस्थ गांवों तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। राहत दल लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन मौसम और भौगोलिक परिस्थितियां चुनौती पेश कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन केवल राहत तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए दीर्घकालिक रणनीति भी बनाई जाएगी। इसमें मजबूत ढांचागत निर्माण, वैकल्पिक मार्ग, और स्थानीय स्तर पर आपदा प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

धराली और पौड़ी आपदा के बाद सरकार की यह सक्रियता और त्वरित निर्णय प्रभावित लोगों के लिए राहत का संदेश लेकर आई है। आने वाले दिनों में 7 दिन की समयसीमा के भीतर क्षति आकलन और मुआवजा प्रक्रिया शुरू होने से उम्मीद है कि प्रभावित परिवारों को जल्द पुनर्वास का रास्ता मिल सकेगा।

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