प्राधिकरण की कार्रवाई के खिलाफ साजिश!, 22 लाख की वसूली और धमकी की शिकायत से मचा हड़कंप, फर्जी अधिकारी बनकर कॉलोनी मालिक को डराने वालों पर FIR दर्ज

इन्तजार रजा हरिद्वार- प्राधिकरण की कार्रवाई के खिलाफ साजिश!,
22 लाख की वसूली और धमकी की शिकायत से मचा हड़कंप,
फर्जी अधिकारी बनकर कॉलोनी मालिक को डराने वालों पर FIR दर्ज
प्राधिकरण की कार्रवाई के खिलाफ साजिश!,
22 लाख की वसूली और धमकी की शिकायत से मचा हड़कंप,
फर्जी अधिकारी बनकर कॉलोनी मालिक को डराने वालों पर FIR दर्ज
हरिद्वार/भगवानपुर, 09 जून 2025।
हरिद्वार-भगवानपुर क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों पर प्राधिकरण की कार्रवाई के विरोध की आड़ में अब साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। एक कॉलोनी स्वामी ने प्रदर्शन कर रहे तीन लोगों पर फर्जी अधिकारी बनकर ₹22 लाख की अवैध वसूली, धमकी देने और अंततः कॉलोनी ध्वस्त होने का आरोप लगाया है। अब यह मामला पुलिस के शिकंजे में आ चुका है और दोनों पक्षों पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू हो गई है।
प्रदर्शन: विरोध या पूर्व नियोजित साजिश?
बीते दिनों हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) द्वारा भगवानपुर क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाया गया था। इस कार्रवाई का कुछ तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइंस स्थित HRDA कार्यालय पर विरोध किया। लेकिन प्राधिकरण से जुड़े एक अभियंता ने इस प्रदर्शन को पूर्वनियोजित बताते हुए कहा कि, “इसका उद्देश्य केवल सरकारी कार्य में बाधा डालना और प्रशासन पर दबाव बनाना था।”
FIR: ₹22 लाख की वसूली, धमकी और फिर कॉलोनी ध्वस्त
भगवानपुर निवासी मुशीर आलम ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि विवेक, अजीज और राव अकरम नामक तीन व्यक्तियों ने खुद को HRDA से जुड़ा बताते हुए उनकी कॉलोनी को सील न करने के एवज में ₹22 लाख की मांग की।
मुशीर के अनुसार, “डर के कारण मैंने किस्तों में यह राशि दे दी, लेकिन 6 जून को कॉलोनी ध्वस्त कर दी गई। 9 जून को इन्हीं लोगों को जब टीवी पर HRDA कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते देखा तो मुझे सच्चाई का अंदाज़ा हुआ और मैंने पुलिस को पूरी बात बताई।”
पुलिस कार्रवाई: मुकदमा दर्ज, CCTV कब्जे में
सिविल लाइंस कोतवाली व भगवानपुर थाने की पुलिस ने अब दोनों पक्षों की तहरीर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर CCTV फुटेज जब्त कर लिए गए हैं। अब पुलिस इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है।
मुकदमा इन धाराओं में दर्ज:
- धारा 186 – सरकारी काम में बाधा
- धारा 353 – सरकारी कर्मचारी पर हमला या बल प्रयोग
- धारा 504 – जानबूझकर अपमान कर शांति भंग
- धारा 506 – आपराधिक धमकी
- धारा 120B – आपराधिक षड्यंत्र
- धारा 171H – अवैध वसूली
- अन्य धाराएं भी लागू
प्राधिकरण की सख्ती: “अवैध निर्माण पर कोई समझौता नहीं”
HRDA अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि “जिन कॉलोनियों में नियमों का पालन नहीं हुआ है, उन पर नियमानुसार कार्रवाई जारी रहेगी। किसी प्रकार का दबाव या फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” प्राधिकरण अब इस मामले में और भी कॉलोनी मालिकों से पूछताछ की तैयारी में है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं और भी वसूली के ऐसे मामले तो नहीं हुए।
फर्जी अधिकारी बनकर ठगी? जांच की जद में पूरा नेटवर्क
मुशीर की शिकायत ने सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या यह केवल तीन लोगों की करतूत है, या कोई संगठित गिरोह है जो अवैध कॉलोनी मालिकों को डराकर पैसे वसूल रहा है? क्या इसमें प्राधिकरण के भीतर किसी की मिलीभगत भी है?
सूत्रों के मुताबिक, मामले की गंभीरता को देखते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो भी इस दिशा में निगरानी कर रहा है।
राजनीतिक संरक्षण का भी संदेह
स्थानीय लोग यह भी कह रहे हैं कि कुछ कॉलोनियों को वर्षों से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। जब कार्रवाई शुरू हुई तो ऐसे लोगों ने प्राधिकरण की छवि बिगाड़ने के लिए प्रदर्शन की आड़ में साजिश रची। इस एंगल से भी पुलिस जांच कर रही है।
पीड़ित की अपील: न्याय मिले, रकम लौटाई जाए
पीड़ित मुशीर आलम का कहना है कि, “मुझसे जो ₹22 लाख वसूले गए, वह मेरी जीवनभर की कमाई थी। मैंने डर के कारण वह राशि दी, लेकिन अब मेरे साथ धोखा हुआ है। मुझे पूरा न्याय चाहिए और दोषियों को सख्त सज़ा मिले।”
कार्रवाई की आड़ में झूठ का जाल!
भगवानपुर में अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई के साथ अब जो घटनाक्रम सामने आया है, उसने एक गंभीर प्रश्न खड़ा कर दिया है – क्या सरकारी कार्रवाई को रोकने के लिए फर्जी अधिकारी बनकर अवैध वसूली का खेल चल रहा है? आने वाले दिनों में यह मामला उत्तराखंड के अब तक के सबसे चौंकाने वाले रैकेट के रूप में सामने आ सकता है।