सुशासन का सशक्त उदाहरण: हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण द्वारा तीसरे कैम्प का सफल आयोजन, एकल आवासीय एवं लघु व्यवसायिक भवनों के लिए मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया हुई आसान, कैम्प में 110 आवेदन प्राप्त, 77 स्वीकृत, आम नागरिकों ने सराहा त्वरित समाधान

इन्तजार रजा हरिद्वार- सुशासन का सशक्त उदाहरण: हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण द्वारा तीसरे कैम्प का सफल आयोजन,
एकल आवासीय एवं लघु व्यवसायिक भवनों के लिए मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया हुई आसान,
कैम्प में 110 आवेदन प्राप्त, 77 स्वीकृत, आम नागरिकों ने सराहा त्वरित समाधान,
हरिद्वार, 05 मई 2025 — उत्तराखण्ड सरकार द्वारा “सरलीकरण, समाधान, निस्तारण तथा संतुष्टि” के सुशासन मंत्र को मूर्त रूप देने हेतु हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) द्वारा मानचित्र स्वीकृति प्रक्रिया को सहज एवं सुलभ बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को भगवानपुर ब्लॉक एवं प्राधिकरण मुख्यालय-हरिद्वार में एक साथ तीसरे सुशासन कैम्प का आयोजन किया गया।
इस कैम्प का मुख्य उद्देश्य ऐसे नागरिकों को त्वरित सेवा उपलब्ध कराना है, जो अपने एकल आवासीय भवनों या अधिकतम 75 वर्ग मीटर भूखण्ड क्षेत्रफल के व्यावसायिक भवनों के लिए मानचित्र स्वीकृति प्राप्त करना चाहते हैं। आम नागरिकों को तकनीकी जटिलताओं एवं कार्यालयीय प्रक्रियाओं से राहत दिलाने हेतु यह अभिनव प्रयास सरकार की पारदर्शिता व संवेदनशीलता का प्रमाण है।
तीसरे कैम्प में मिली उत्साहजनक सहभागिता
05 मई को आयोजित कैम्प में नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कुल 110 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 89 आवेदन एकल आवासीय भवनों के लिए तथा 21 व्यावसायिक भवनों के लिए थे। प्राधिकरण की तकनीकी टीम द्वारा तत्परता से कार्य करते हुए उसी दिन 77 मानचित्र स्वीकृत कर दिए गए। शेष आवेदन या तो अपूर्ण दस्तावेजों के कारण लंबित रखे गए हैं या तकनीकी कारणों से अस्वीकृत किए गए।
विशेष बात यह रही कि कैम्प के दौरान अधिकांश आवेदकों को उसी समय उनका समाधान प्राप्त हुआ, जिससे नागरिकों में प्रसन्नता देखी गई। कई नागरिकों ने मौखिक रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया और इस व्यवस्था को “सरल, पारदर्शी और भरोसेमंद” बताया।
अब तक तीन कैम्पों में कुल 302 आवेदन, 250 स्वीकृत
हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण द्वारा अब तक आयोजित तीन सुशासन कैम्पों में कुल 302 भवन मानचित्र आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 260 आवेदन आवासीय तथा 42 व्यावसायिक श्रेणी के रहे। अब तक कुल 250 भवन मानचित्र स्वीकृत किए जा चुके हैं, 39 अस्वीकृत तथा 13 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं, जिन्हें आगामी 02 कार्यदिवसों में पूर्ण कर लिया जाएगा।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महोदय द्वारा कैम्प स्थल पर निरीक्षण किया गया एवं वहाँ उपस्थित नागरिकों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं को जाना। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को प्रत्येक समस्या का शीघ्र एवं न्यायोचित समाधान सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया। उपाध्यक्ष महोदय ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान वास्तव में गुड गवर्नेंस को ज़मीन पर उतारने का एक सफल उदाहरण है।
तकनीकी टीम एवं प्राधिकरण की कर्मठ भूमिका
इस सफल आयोजन में प्राधिकरण की तकनीकी टीम — अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता, अवर अभियन्ता सहित समस्त कार्मिकों ने कुशल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दस्तावेजों की त्वरित जांच, तकनीकी मूल्यांकन, व ड्राइंग अनुमोदन की प्रक्रिया को现场 ही पूर्ण कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे टीम ने दक्षता से निभाया।
प्राधिकरण ने यह भी सुनिश्चित किया कि प्रत्येक आवेदनकर्ता को मानचित्र प्रक्रिया की स्थिति की जानकारी डिजिटल माध्यम से उपलब्ध हो, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
आगामी कैम्पों की तिथियां घोषित, नागरिकों से सहभागिता की अपील
हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण द्वारा आगामी सुशासन कैम्प निम्न तिथियों पर आयोजित किए जाएंगे:
- मुख्यालय-हरिद्वार: 07.05.2025, 09.05.2025, 13.05.2025, 15.05.2025, 19.05.2025, 21.05.2025
- ब्लॉक-भगवानपुर: 07.05.2025
- ब्लॉक-बहादराबाद: 09.05.2025 एवं 13.05.2025
जो भी नागरिक अपने भवन मानचित्र स्वीकृत कराना चाहते हैं, वे निर्धारित तिथि को संबंधित स्थान पर पहुँचकर आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों की सूची प्राधिकरण की वेबसाइट एवं सूचना पट्टों पर उपलब्ध है।
प्राधिकरण ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस सुव्यवस्थित एवं त्वरित प्रक्रिया का लाभ लें और अवैध निर्माण से बचते हुए वैध रूप से अपने भवनों का निर्माण सुनिश्चित करें।
यह सुशासन कैम्प न केवल सरकार की जनहितकारी सोच का प्रमाण है, बल्कि प्रशासनिक तत्परता एवं तकनीकी दक्षता का भी उत्कृष्ट उदाहरण है। आने वाले कैम्पों के लिए लोगों में सकारात्मक उत्साह देखा जा रहा है और उम्मीद है कि यह पहल हरिद्वार जनपद को सुचारु, सुरक्षित एवं नियोजित विकास की ओर अग्रसर करेगी।