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अलीपुर मे सीएसआर पहल से शिक्षा को नई दिशा,, डीएम मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने किया विद्यालय-आंगनबाड़ी का लोकार्पण,, फोरेस केमिकल प्रा. लि. ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास में जोड़ा नया आयाम

इन्तजार रजा हरिद्वार- अलीपुर मे सीएसआर पहल से शिक्षा को नई दिशा,,

डीएम मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने किया विद्यालय-आंगनबाड़ी का लोकार्पण,,

फोरेस केमिकल प्रा. लि. ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास में जोड़ा नया आयाम

हरिद्वार, 20 अगस्त 2025।
आज हरिद्वार जिले के अलीपुर क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण एक ऐतिहासिक अवसर बन गया। फोरेस केमिकल प्राइवेट लिमिटेड की सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) पहल के अंतर्गत विद्यालय और आंगनबाड़ी को सुसज्जित कर बच्चों को एक नई शैक्षिक एवं स्वास्थ्यपरक दिशा प्रदान की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, कंपनी के एमडी विकास गर्ग और डायरेक्टर सोनिया गर्ग ने संयुक्त रूप से इस पहल का लोकार्पण किया।

शिक्षा को प्राथमिकता, भविष्य को नई दिशा : डीएम मयूर दीक्षित

कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने विद्यालय में उपस्थित विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था को उच्च पायदान पर ले जाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब बच्चों को विद्यालय में सुंदर, सुरक्षित और फ्रेंडली माहौल मिलेगा तो उनकी विद्यालय में उपस्थिति स्वतः बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि “विद्यालय सिर्फ पढ़ाई का केंद्र नहीं है, बल्कि यह बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण का आधार है। यहां का वातावरण बच्चों में ज्ञान, आत्मविश्वास और अच्छे संस्कार विकसित करने का कार्य करता है।”

डीएम ने अभिभावकों से अपील की कि वे विद्यालयों का नियमित भ्रमण करें, अभिभावक-शिक्षक बैठकों में भाग लें और अपने बच्चों की पढ़ाई में सक्रिय योगदान दें। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिए कि विद्यालय में उपलब्ध उपकरणों, कम्प्यूटर और अन्य संसाधनों का सही उपयोग करते हुए बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता पर भी विशेष बल दिया।

प्राथमिक शिक्षा की अहमियत : एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने अपने भावुक अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिक शिक्षा भी राजकीय विद्यालय से ही शुरू हुई थी, इसलिए इस तरह का बदलाव देखकर उन्हें विशेष प्रसन्नता हो रही है।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा बच्चों की स्मृति और जीवन पर गहरा असर डालती है। यदि बच्चों को इसी स्तर पर बेहतर सुविधाएं और प्रेरणादायक वातावरण मिले तो उनका भविष्य सुनहरा बन सकता है।

उन्होंने जोर देकर कहा—
शिक्षा और स्वास्थ्य ही विकास की असली नींव हैं। यदि ग्राउंड लेवल पर इन्हें मजबूत किया जाए तो समाज और राष्ट्र दोनों की प्रगति सुनिश्चित है।

शिक्षा विभाग हरिद्वार का दृष्टिकोण : सीईओ के.के. गुप्ता

मुख्य शिक्षा अधिकारी के.के. गुप्ता ने इस पहल को शिक्षा विभाग के लिए एक नई ऊर्जा करार दिया। उन्होंने कहा कि अच्छे वातावरण में ही अच्छी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि फोरेस कंपनी ने विद्यालय को आकर्षक लुक और आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराकर छात्रों की उपस्थिति में पहले से ही वृद्धि कर दी है। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि बच्चे प्रारंभिक ज्ञान में अधिक निपुण होकर अपने भविष्य की मजबूत नींव रख पाएंगे।

उन्होंने विभागीय आंकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि विद्यालय में शिक्षक-छात्र अनुपात (PTR) भी संतोषजनक है, जिससे बच्चों को व्यक्तिगत ध्यान मिल सकेगा।

कंपनी का योगदान : आत्मनिर्भर भारत की ओर

फोरेस केमिकल प्राइवेट लिमिटेड के एमडी विकास गर्ग और डायरेक्टर सोनिया गर्ग ने बताया कि कंपनी सिर्फ उत्पादन और व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्थान में भी सक्रिय योगदान दे रही है।

उन्होंने कहा कि—

  • कम्पनी उत्तराखण्ड की जीडीपी में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रही है।
  • आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में फोरेस का योगदान लगातार जारी है।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कंपनी हर साल नियत बजट से खर्च करती है और समय-समय पर मेंटेनेंस टीम विद्यालयों का दौरा कर सुविधाओं की जांच करती है।

सोनिया गर्ग ने कहा कि “प्राइमरी स्तर बच्चों की नींव है। नींव जितनी मजबूत होगी, भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा। इसलिए कंपनी ने प्राइमरी विद्यालय को चुना।

अभिभावकों और विद्यार्थियों की खुशी

विद्यालय और आंगनबाड़ी में आधुनिक सुविधाओं जैसे कि कम्प्यूटर लैब, खेल सामग्री, रंगीन कक्षाएं और स्वच्छ वातावरण को देखकर बच्चों और अभिभावकों में उत्साह का संचार हुआ।

प्रधानाचार्य नीरज चौहान ने बताया कि रेनोवेशन और नई सुविधाओं के बाद बच्चों की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है। पहले जहां कई बच्चे विद्यालय आने से कतराते थे, अब वे उत्साहित होकर समय पर पहुंचते हैं।

सीएसआर पहल से सामाजिक बदलाव

फोरेस कंपनी की इस पहल को सिर्फ विद्यालय सुधार परियोजना न मानकर, एक सामाजिक बदलाव का प्रयास कहा जा सकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी न केवल सरकारी प्रयासों को मजबूत करती है बल्कि समाज में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की साझेदारी (PPP मॉडल) का भी उदाहरण पेश करती है।

इस अवसर पर विद्यार्थी, अभिभावक, स्थानीय ग्रामीण, शिक्षा विभाग के अधिकारी और कंपनी के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया।

हरिद्वार के अलीपुर क्षेत्र में हुआ यह प्रयास सीएसआर के सफल और प्रेरणादायक मॉडल के रूप में सामने आया है। जिलाधिकारी और एसएसपी के अनुभवजन्य विचारों, शिक्षा विभाग की दृष्टि और कंपनी की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित किया कि जब सरकार, समाज और उद्योग मिलकर काम करें तो शिक्षा की तस्वीर और तकदीर दोनों बदली जा सकती हैं।

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