दरगाह साबिर पाक की सबसे बड़ी मस्जिद खस्ताहाल,, 10 साल से नहीं हुआ मरम्मत व रंग-रोगन, बारिश के पानी से नमाज़ियों की मुश्किलें जारी,, आज़ाद समाज पार्टी व भीम आर्मी ने दी आंदोलन की चेतावनी

इन्तजार रजा हरिद्वार- दरगाह साबिर पाक की सबसे बड़ी मस्जिद खस्ताहाल,,
10 साल से नहीं हुआ मरम्मत व रंग-रोगन, बारिश के पानी से नमाज़ियों की मुश्किलें जारी,,
आज़ाद समाज पार्टी व भीम आर्मी ने दी आंदोलन की चेतावनी
कलियर (हरिद्वार)। पिरान कलियर स्थित दरगाह साबिर पाक की साबरी जमा मस्जिद, जो उत्तराखंड राज्य की सबसे बड़ी मस्जिद मानी जाती है और जहां देश-विदेश से हजारों लोग रोजाना नमाज अदा करने आते हैं, इन दिनों अपनी खस्ता हालत के कारण चर्चा में है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बीते दो दिनों से कलियर में बारिश नहीं हुई है, लेकिन मस्जिद के अंदर छत से पानी टपकने का सिलसिला जारी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मस्जिद की मरम्मत को लेकर पिछले 10 वर्षों से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हालात यह हैं कि आज तक मस्जिद को रंग-रोगन तक नसीब नहीं हुआ। पानी रिसाव के चलते नमाज अदा करने वालों को भीगकर इबादत करनी पड़ रही है, जिससे श्रद्धालुओं में गहरी नाराज़गी है।
जिम्मेदारों पर सवाल
लोगों का आरोप है कि दरगाह प्रबंधन, सज्जादगान और पिरान कलियर के जिम्मेदार नेता इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। हर साल उर्स व मेलों की तैयारियों में दरगाह का लाखों रुपये खर्च किया जाता है, लेकिन मस्जिद की हालत में सुधार के लिए कोई बजट या योजना नहीं बनाई जाती। इस बार भी उर्स की तैयारियों में धन खर्च होने की संभावना जताई जा रही है, जबकि श्रद्धालु और क्षेत्रवासी मस्जिद के जीर्णोद्धार की मांग कर रहे हैं।
शिकायतों का कोई असर नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें दरगाह प्रबंधन को दी गईं, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। अब यह मामला श्रद्धालुओं और क्षेत्रवासियों के सब्र का इम्तेहान बन गया है।
आंदोलन की चेतावनी
आज़ाद समाज पार्टी हरिद्वार के जिला उपाध्यक्ष मास्टर अजीम ने कहा कि यदि इस बार मेले की तैयारियों में मस्जिद की मरम्मत और पानी रिसाव की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर आज़ाद समाज पार्टी और भीम आर्मी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक इमारत का मामला नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था और सम्मान का सवाल है।
श्रद्धालुओं ने प्रशासन और दरगाह प्रबंधन से अपील की है कि उर्स की तैयारियों से पहले मस्जिद के जीर्णोद्धार पर प्राथमिकता के आधार पर काम किया जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले मेहमानों का स्वागत सम्मानजनक तरीके से हो सके।