हरिद्वार विकास के नए एजेंडे पर निर्णय: जिला योजना समिति बैठक में सतपाल महाराज का बड़ा ऐलान, 67 करोड़ के बजट पर मुहर, 35% राशि नए कार्यों के लिए सुरक्षित, कांग्रेस विधायकों के विरोध के बीच सभी जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव शामिल करने के निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार विकास के नए एजेंडे पर निर्णय: जिला योजना समिति बैठक में सतपाल महाराज का बड़ा ऐलान,
67 करोड़ के बजट पर मुहर, 35% राशि नए कार्यों के लिए सुरक्षित,
कांग्रेस विधायकों के विरोध के बीच सभी जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव शामिल करने के निर्देश
हरिद्वार, 22 मई 2025 – हरिद्वार के सीएसआर सभागार में जनपद प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की महत्त्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के सभी विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम के मेयर, प्रमुख विभागों के अधिकारी और संबंधित जनप्रतिनिधि शामिल रहे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जिले की विकास योजनाओं की समीक्षा करना और उन्हें अंतिम रूप देना था।
बैठक में 67.35 करोड़ रुपये के कुल प्रस्तावित बजट को अनुमोदित किया गया, जिसमें से 35 प्रतिशत धनराशि नए कार्यों पर और शेष राशि पूर्ववर्ती एवं वचनबद्ध कार्यों पर खर्च की जाएगी। इस बैठक में कांग्रेस विधायकों और कुछ अन्य प्रतिनिधियों ने उनके प्रस्तावों को एजेंडे में शामिल न करने पर आपत्ति दर्ज की, जिस पर जिला प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को सभी प्रस्तावों को यथासंभव योजना में शामिल करने के निर्देश दिए।
प्रभारी मंत्री ने दिए स्पष्ट निर्देश: जनहित सर्वोपरि
सतपाल महाराज ने कहा, “जिले का समग्र विकास तभी संभव है जब सभी प्रतिनिधियों के सुझावों को समान महत्व दिया जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विकास कार्यों में तेजी लाई जाए और जनहित से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए।”
उन्होंने विशेष रूप से सिंचाई, स्वास्थ्य और बाढ़ नियंत्रण संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। इकबालपुर नहर में 450 क्यूसेक पानी की आवश्यकता को प्राथमिकता में लेते हुए उन्होंने बताया कि जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस विषय में लखनऊ में बैठक प्रस्तावित है। साथ ही सीलाखाले और अन्य बाढ़ संभावित क्षेत्रों के लिए तैयारियां लगभग पूर्ण कर ली गई हैं।
मंत्री ने वन विभाग को निर्देशित किया कि जंगलों के रास्तों में मोबाइल नेटवर्क की स्थिति स्पष्ट करने के लिए सूचना पट्ट लगाएं और ग्रामीण क्षेत्रों के पास गांवों के नाम के बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाए जाएं ताकि भ्रमण करने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वरोजगार को प्राथमिकता
स्वास्थ्य विभाग को दिए गए निर्देशों में संभावित कोविड-19 के नए वैरिएंट से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई। मंत्री ने लोगों से योग और आयुर्वेद को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि बदलती जीवनशैली में इम्युनिटी बढ़ाना बेहद जरूरी है।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए हरिद्वार जनपद का कुल परिव्यय 6735.60 लाख रुपये निर्धारित किया गया है, जिसमें से सामान्य मद में 5297.60 लाख, अनुसूचित जाति मद में 1404.50 लाख और अनुसूचित जनजाति मद में 33.50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से लगभग 19 प्रतिशत राशि स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए रखी गई है।
सीडीओ ने बताया कि जिला योजना को सतत विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है और सभी निर्माण कार्यों में जियो टैगिंग अनिवार्य होगी ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
विधायकों के सुझावों को मिली जगह, विभागों को आवंटित बजट
बैठक में विधायक काजी निजामुद्दीन ने बाढ़ नियंत्रण और स्वास्थ्य सेवाओं पर ज़ोर दिया। विधायक आदेश चौहान, अनुपमा रावत और मोहम्मद शहजाद ने गड्ढा मुक्त सड़कों की मांग की, वहीं विधायक वीरेंद्र जाती और रवि बहादुर ने स्वास्थ्य और पेयजल से जुड़े विषयों को प्रमुखता से उठाया।
प्रमुख विभागों के लिए इस प्रकार बजट आवंटित किया गया:
- पंचायतीराज विभाग: 1550 लाख
- लोक निर्माण विभाग (PWD): 1084 लाख
- जल संस्थान: 200 लाख
- पेयजल निगम: 150 लाख
- स्वास्थ्य (एलोपैथिक चिकित्सा): 100 लाख
- युवा कल्याण: 1100 लाख
- खेल विभाग: 125 लाख
- माध्यमिक शिक्षा: 100 लाख
- वैकल्पिक ऊर्जा (UREDA): 100 लाख
- राजकीय सिंचाई नलकूप खंड: 300 लाख
- राजकीय सिंचाई: 600.37 लाख
- सामुदायिक विकास: 115 लाख
- मत्स्य विभाग: 100 लाख
- पशुपालन: 250 लाख
- गन्ना विकास: 130 लाख
- उद्यान विभाग: 207 लाख
- कृषि विभाग: 200 लाख
प्रशासन की प्रतिबद्धता और समन्वय का आश्वासन
जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने आश्वासन दिया कि बैठक में दिए गए सभी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को आदेश दिए कि जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए और योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की देरी न हो।
इस बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, मेयर किरण जैसल, विधायक फुरकान अहमद, आदेश सिंह चौहान, मौहम्मद शहजाद, काजी निजामुद्दीन, वीरेंद्र जाती, ई. रवि बहादुर, प्रदीप बत्रा, ममता राकेश, अनुपमा रावत, दर्जा राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी, राजेंद्र सिंह, सीडीओ आकांक्षा कोण्डे, डीएफओ वैभव सिंह, परियोजना निदेशक के.एन. तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, जिला पंचायतराज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, सीएमओ डॉ. आर.के. सिंह और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
हरिद्वार जनपद में विकास की गति को रफ्तार देने के लिए यह बैठक एक अहम पहल रही, जहां जनप्रतिनिधियों की सहभागिता, अधिकारियों की तत्परता और सरकार की प्रतिबद्धता का समन्वय स्पष्ट रूप से देखने को मिला। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि धरातल पर इन योजनाओं का क्रियान्वयन किस स्तर तक प्रभावी होता है।