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देहरादून-मसूरी रोपवे: नया युग, नई उड़ान,, सीएम धामी की असंख्य विकास यात्रा से उड़ान भर रहा उत्तराखंड पर्यटन,, 20 मिनट में देहरादून से मसूरी की दूरी तय करेगी देश की सबसे लंबी यात्री रोपवे,, सितंबर 2026 से रोपवे सेवा शुरू होने की उम्मीद, पर्यटन और विकास को मिलेगा नया पंख 

इन्तजार रजा हरिद्वार- देहरादून-मसूरी रोपवे: नया युग, नई उड़ान,, सीएम धामी की असंख्य विकास यात्रा से उड़ान भर रहा उत्तराखंड पर्यटन,,
20 मिनट में देहरादून से मसूरी की दूरी तय करेगी देश की सबसे लंबी यात्री रोपवे,,
सितंबर 2026 से रोपवे सेवा शुरू होने की उम्मीद, पर्यटन और विकास को मिलेगा नया पंख

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क निर्माण और यातायात की कठिनाइयों के बीच एक क्रांतिकारी पहल के रूप में देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना सामने आई है। यह देश की सबसे लंबी मोनोकैबल डिटैचेबल गोंडोला यात्री रोपवे होगी, जो उत्तराखंड को तकनीकी और पर्यटन विकास के पथ पर नई ऊंचाई प्रदान करेगी।

5.2 किमी लंबी, 20 मिनट की उड़ान

देहरादून से मसूरी तक अब पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को पहाड़ी मोड़ों और जाम की झंझट से राहत मिलने वाली है। 5.2 किलोमीटर लंबी यह अत्याधुनिक रोपवे प्रणाली, लगभग 1,000 मीटर की ऊंचाई तक जाएगी और केवल 20 मिनट में सफर पूरा करेगी। यह अत्याधुनिक गोंडोला प्रणाली प्रति घंटे 1,300 यात्रियों को एक साथ लाने-ले जाने की क्षमता रखती है, जिससे यात्रियों की भीड़ और वाहन दबाव में कमी आएगी।

पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना को प्राथमिकता देने के पीछे एक बड़ा कारण पर्यावरण संतुलन बनाए रखना भी है। पर्वतीय इलाकों में सड़कों का चौड़ीकरण और भारी यातायात पर्यावरण के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। वहीं रोपवे प्रणाली एक हरित विकल्प के रूप में सामने आ रही है जो कार्बन उत्सर्जन को भी कम करेगी।

साथ ही, यह परियोजना देहरादून और मसूरी के बीच पर्यटन को नई दिशा देगी। मसूरी, जो पहले से ही “क्वीन ऑफ हिल्स” के नाम से प्रसिद्ध है, अब और अधिक सुगम और तेज़ी से पहुँचा जा सकेगा। इससे होटल, टैक्सी, रेस्तरां और स्थानीय व्यवसायों को नई ऊर्जा मिलेगी।

रोजगार और आर्थिक विकास की संभावना

रोपवे निर्माण और संचालन से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। सुरक्षा, रखरखाव, संचालन, टिकटिंग और पर्यटक सहायता जैसी कई भूमिकाओं में भर्ती संभावित है। इससे न केवल प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे बल्कि परोक्ष रूप से भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

सितंबर 2026 से संचालन की उम्मीद

इस मेगा प्रोजेक्ट को सितंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कार्य तेज़ी से प्रगति पर है और अधिकारियों का दावा है कि समय पर इसे पूरा किया जाएगा। यह परियोजना देहरादून और मसूरी को न केवल जोड़ने का काम करेगी बल्कि उत्तराखंड को पर्यटन के राष्ट्रीय नक्शे पर और भी मजबूती से स्थापित करेगी।


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