हरिद्वार के जिला पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह को मिला अतिरिक्त दायित्व गढ़वाल मण्डल के उपायुक्त (खाद्य) का प्रभार भी सौंपा गया, बिना अतिरिक्त वेतन भत्ते के निभाएंगे दोनों पदों की जिम्मेदारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार के जिला पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह को मिला अतिरिक्त दायित्व
गढ़वाल मण्डल के उपायुक्त (खाद्य) का प्रभार भी सौंपा गया,
बिना अतिरिक्त वेतन भत्ते के निभाएंगे दोनों पदों की जिम्मेदारी
देहरादून, 19 मई 2025 — उत्तराखंड शासन ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लेते हुए हरिद्वार के जिला पूर्ति अधिकारी श्री तेजबल सिंह को तत्काल प्रभाव से गढ़वाल मंडल के उपायुक्त (खाद्य) का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले अनुभाग-1 की ओर से जारी आदेश संख्या-36/XIX-1/25-141/2006 के अनुसार यह निर्णय जनहित एवं शासकीय हित में लिया गया है।
तेजबल सिंह को दोहरी जिम्मेदारी
श्री तेजबल सिंह वर्तमान में हरिद्वार में जिला पूर्ति अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। अब उन्हें गढ़वाल मंडल के उपायुक्त (खाद्य) का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया है। शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस अतिरिक्त दायित्व के लिए उन्हें किसी प्रकार का अतिरिक्त वेतन अथवा भत्ता नहीं दिया जाएगा। यह आदेश दर्शाता है कि सरकार ने श्री सिंह की कार्यकुशलता और प्रशासनिक क्षमता पर भरोसा जताया है।
तत्काल कार्यभार ग्रहण का निर्देश
कार्यालय आदेश में श्री सिंह को यह निर्देश भी दिया गया है कि वे गढ़वाल मंडल के उपायुक्त (खाद्य) पद पर तत्काल कार्यभार ग्रहण करें और इसकी सूचना शासन एवं खाद्य विभाग के आयुक्त को शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध कराएं। इस आदेश पर प्रमुख सचिव एल. फैनई के डिजिटल हस्ताक्षर हैं और इसे 19 मई 2025 को जारी किया गया है।
प्रमुख अधिकारियों को भेजी गई प्रतिलिपियां
इस आदेश की प्रतिलिपि राज्य के खाद्य मंत्री के निजी सचिव, खाद्य विभाग के आयुक्त, गढ़वाल मंडल के मंडलायुक्त, साथ ही देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, चमोली, पौड़ी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारियों को भी भेजी गई है ताकि सभी संबंधित प्रशासनिक इकाइयों को इस परिवर्तन की जानकारी समय रहते मिल सके।
श्री तेजबल सिंह को सौंपा गया यह अतिरिक्त कार्यभार न केवल उनकी प्रशासनिक क्षमता पर सरकार का विश्वास दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि उत्तराखंड सरकार संसाधनों के कुशल प्रबंधन की ओर अग्रसर है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि श्री सिंह अपने दोहरे दायित्वों का निर्वहन कितनी दक्षता और प्रभावशीलता से करते हैं।