नीति आयोग योजनाओं की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित हुए सख्त, दे दिए सख्त निर्देश,, डाटा पोर्टल पर सही और समयबद्ध फीडिंग के निर्देश, भिन्नता मिलने पर होगी कार्रवाई,, महिला-बाल स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संरक्षण योजनाओं पर विशेष फोकस

इन्तजार रजा हरिद्वार- नीति आयोग योजनाओं की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित हुए सख्त, दे दिए सख्त निर्देश,,
डाटा पोर्टल पर सही और समयबद्ध फीडिंग के निर्देश, भिन्नता मिलने पर होगी कार्रवाई,,
महिला-बाल स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संरक्षण योजनाओं पर विशेष फोकस
हरिद्वार, 25 जुलाई 2025:
नीति आयोग द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस समीक्षा बैठक में उन्होंने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि नीति आयोग के तहत चल रही सभी योजनाओं का समय से आंकलन कर डाटा पोर्टल पर सटीक और अद्यतन फीडिंग सुनिश्चित की जाए।
समय पर सही डाटा फीड करना अनिवार्य
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी योजना की सफलता का मूल आधार उसका सटीक डाटा होता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उनके माध्यम से जो भी योजनाएं संचालित हो रही हैं, उनके सटीक आंकड़े डाटा पोर्टल पर समय से फीड किए जाएं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी योजना के डाटा में कोई भिन्नता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ काम करने और पारदर्शिता बनाए रखने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य विभाग पर विशेष निर्देश
स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. आर. के. सिंह को निर्देशित किया कि महिलाओं और बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ज़रूरतमंदों तक अवश्य पहुंचे। उन्होंने जिले में संचालित प्राइवेट प्रसव केंद्रों और अल्ट्रासाउंड केंद्रों की अद्यतन सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही अप्रैल से जून तिमाही में जन्मे बच्चों (मेल एवं फीमेल) का विस्तृत आंकड़ा, राजकीय और निजी अस्पतालों में हुए संस्थागत प्रसव का विवरण भी त्वरित रूप से मांगा गया।
बाल विकास और आंगनवाड़ी केंद्रों की दशा का आंकलन
जिलाधिकारी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि आंगनवाड़ी केंद्रों में अध्ययनरत बच्चों का जेंडरवाइज डाटा (मेल-फीमेल) उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने विशेष रूप से उन आंगनवाड़ी केंद्रों की सूची मांगी जो किराए के भवनों में संचालित हैं और वहां बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं, इसका भी लेखा-जोखा प्रस्तुत करने को कहा।
शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की दिशा में कदम
मुख्य शिक्षा अधिकारी के.के. गुप्ता को निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए कंप्यूटर कक्ष और लाइब्रेरी की स्थापना हो। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि कंप्यूटर का प्रयोग केवल विद्यार्थियों द्वारा किया जाए, किसी अन्य कर्मचारी को इसका उपयोग करने की अनुमति न हो।
इस निर्देश का उद्देश्य शिक्षा में तकनीकी समावेश और छात्रों को डिजिटल शिक्षा की सुविधा प्रदान करना है।
योजनाओं का लाभ समय से पहुंचे – जिलाधिकारी
जिलाधिकारी ने समस्त विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि नीति आयोग की जो भी योजनाएं उनके माध्यम से संचालित हो रही हैं, वे प्रभावी रूप से लागू हों और आमजन को उनका समय पर लाभ मिले। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जल संरक्षण के लिए SAARA योजना की समीक्षा
समीक्षा बैठक के दूसरे प्रमुख हिस्से में जल संरक्षण और संवर्धन को लेकर SAARA योजना की प्रगति पर चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल संरक्षण हेतु चल रही योजनाएं जैसे तालाब निर्माण, रिचार्ज पिट्स आदि गुणवत्तापूर्ण तरीके से और समयसीमा के भीतर पूर्ण की जाएं।
उन्होंने सिंचाई, लघु सिंचाई विभाग और खंड विकास अधिकारी बहादराबाद को निर्देश दिए कि वे समन्वय के साथ कार्य करें और सुनिश्चित करें कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग तत्परता से हो।
प्रमुख अधिकारियों की सहभागिता
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में जिले के लगभग सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
उपस्थित अधिकारियों में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर. के. सिंह, परियोजना निदेशक के. एन. तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल भंडारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी के.के. गुप्ता, जिला अर्थ संख्या अधिकारी नलिनी ध्यानी, खंड विकास अधिकारी बहादराबाद मानस मित्तल, खंड विकास अधिकारी रुड़की सुमन कोटियाल, जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास सुलेखा सहगल और आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत शामिल रहे।
डाटा पारदर्शिता और समन्वय पर जोर
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा आहूत यह समीक्षा बैठक एक संदेश देती है कि योजनाएं तभी प्रभावी होती हैं जब उनका डाटा सटीक और पारदर्शी हो। इस बैठक में योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने और उनकी पारदर्शिता को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।
स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संरक्षण और बाल विकास से संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश देकर जिलाधिकारी ने यह सुनिश्चित किया है कि हर योजना का लाभ पात्र नागरिकों तक समय पर पहुंचे और किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो।
यह बैठक नीति आयोग द्वारा संचालित योजनाओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता को नई दिशा देने का कार्य करेगी।