मौसम ने ली करवट: तेज हवाओं और झमाझम बारिश से हरिद्वारवासियों को मिली राहत, धूल भरी आंधी और बारिश ने बदला शहर का मिज़ाज, तापमान में आई गिरावट, प्रदेशभर में सक्रिय हुआ पश्चिमी विक्षोभ, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, हरिद्वार मे अचानक बदले मौसम ने ली राहत की सांस दिलाई

इन्तजार रजा हरिद्वार-मौसम ने ली करवट: तेज हवाओं और झमाझम बारिश से हरिद्वारवासियों को मिली राहत,
धूल भरी आंधी और बारिश ने बदला शहर का मिज़ाज, तापमान में आई गिरावट,
प्रदेशभर में सक्रिय हुआ पश्चिमी विक्षोभ, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, हरिद्वार मे अचानक बदले मौसम ने ली राहत की सांस दिलाई
गुरुवार की शाम हरिद्वार में मौसम ने अचानक करवट ली। सुबह तक तपती धूप और उमस से बेहाल लोग शाम होते ही राहत की सांस लेते नजर आए। करीब साढ़े चार बजे तेज हवाएं चलनी शुरू हुईं, जिसने देखते ही देखते पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया। हवाओं के साथ आई धूल भरी आंधी ने कुछ देर के लिए जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, लेकिन उसके बाद शुरू हुई झमाझम बारिश ने मौसम को खुशनुमा बना दिया।
शहर के रानीपुर, ज्वालापुर, भेल, सुभाषनगर, शिवालिकनगर, कांवड़पथ और हर की पौड़ी क्षेत्र में तेज बारिश हुई। कई जगहों पर जलभराव की स्थिति भी बनी। मौसम की इस बदली चाल ने तापमान में गिरावट ला दी, जिससे आमजन को भीषण गर्मी और उमस से फिलहाल राहत मिली है।
लोगों ने बारिश का लिया आनंद
बारिश के बाद हरिद्वार के बाजारों में रौनक लौट आई। बच्चे सड़कों पर भीगते नजर आए और कई परिवार घरों की छतों से बारिश का आनंद लेते दिखाई दिए। दुकानदारों ने बताया कि दिन भर की मंदी के बाद बारिश के चलते फुटफॉल बढ़ा और ग्राहकों की आवाजाही से कारोबार को रफ्तार मिली।
स्थानीय निवासी गढमीरपुर खलील ने बताया, “दिन भर बिजली की कटौती और गर्मी से हालत खराब थी, लेकिन शाम की इस बारिश ने जैसे राहत की दवा दे दी।”
तेज हवाओं से गिरे पेड़, बिजली आपूर्ति पर असर
तेज हवाओं के कारण शहर के कई हिस्सों में पेड़ गिरने की खबरें भी आई हैं। भेल क्षेत्र में एक पेड़ गिरने से सड़क कुछ देर के लिए अवरुद्ध रही। उधर, कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई। विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने रात तक आपूर्ति बहाल करने का भरोसा दिया है।
प्रदेशभर में बदला मौसम का मिज़ाज, कई जिलों में बारिश
हरिद्वार ही नहीं, उत्तराखंड के कई जिलों में मौसम ने अचानक करवट ली है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर, और चंपावत में भी शाम से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। पर्वतीय इलाकों में हल्की ओलावृष्टि और बिजली चमकने की खबरें भी हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो चुका है, जिसके चलते प्रदेश में मौसम अगले 48 घंटे तक अस्थिर बना रह सकता है। विभाग ने विशेष रूप से पर्वतीय जिलों में भूस्खलन और मैदानी जिलों में जलभराव की संभावना को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है।
मौसम विभाग का अलर्ट: अगले दो दिन और सतर्क रहने की ज़रूरत
भारतीय मौसम विभाग (IMD) देहरादून केंद्र ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि 8 और 9 मई को राज्य के कई हिस्सों में तेज बारिश, ओलावृष्टि और आंधी-तूफान की संभावना है। विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह ने बताया, “यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते है। अगले दो दिनों तक प्रदेशभर में मौसम अस्थिर रह सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों में फिसलन और भूस्खलन की आशंका भी बनी हुई है।”
चारधाम यात्रा पर भी पड़ सकता है असर
मौसम में आए इस बदलाव का असर चारधाम यात्रा पर भी देखने को मिल सकता है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की ओर जाने वाले रास्तों पर बारिश और ओलावृष्टि के चलते फिसलन बढ़ गई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से यात्रा से पहले मौसम की जानकारी लेने और सुरक्षित मार्गों का चयन करने की अपील की है।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन की तैयारियां तेज
हरिद्वार प्रशासन ने तेज हवाओं और संभावित भारी बारिश को देखते हुए राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है। नगर निगम की ओर से नालों की सफाई और जलभराव वाले क्षेत्रों में पंप सेट तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वे बिना आवश्यकता घर से बाहर न निकलें, और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1077 पर संपर्क करें।
जनता को सलाह: सतर्क रहें, मौसम अपडेट पर रखें नज़र
- घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें
- पेड़ों और खंभों के नीचे खड़े न हों
- अनावश्यक यात्रा से बचें
- बारिश के दौरान बिजली उपकरणों से दूरी बनाए रखें
- मौसम विभाग के अलर्ट और स्थानीय प्रशासन की सलाहों का पालन करें
मौसम ने दी राहत, पर संभलकर रहना जरूरी
हरिद्वार समेत पूरे उत्तराखंड में मौसम ने जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी है, वहीं आने वाले कुछ घंटों और दिनों में सावधानी बरतने की ज़रूरत है। बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से जनजीवन पर असर पड़ सकता है। ऐसे में प्रशासन और जनता दोनों को सतर्क रहकर स्थिति का सामना करना होगा।