अवैध खनन पर डीएम मयूर दीक्षित का बड़ा एक्शन – 8 स्टोन क्रेशर सीज, ई-रवन्ना पोर्टल बंद,, राजस्व हानि करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा: डीएम दीक्षित

इन्तजार रजा हरिद्वार- अवैध खनन पर डीएम मयूर दीक्षित का बड़ा एक्शन – 8 स्टोन क्रेशर सीज, ई-रवन्ना पोर्टल बंद,,
राजस्व हानि करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा: डीएम दीक्षित
हरिद्वार, 28 जून 2025 –
जनपद हरिद्वार में अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एक बार फिर सख्ती का परिचय दिया है। खनन से जुड़े कारोबारियों द्वारा सरकारी राजस्व को चूना लगाए जाने की मिल रही लगातार शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए डीएम ने राजस्व एवं खनन विभाग की संयुक्त टीम को छापेमारी के निर्देश दिए।
शुक्रवार देर रात तक चली इस कार्रवाई में लक्सर तहसील क्षेत्र में संचालित आठ स्टोन क्रेशर यूनिटों को अवैध खनन और भंडारण के आरोप में सील कर दिया गया। साथ ही इन क्रेशरों से जुड़ी लॉजिस्टिक व्यवस्था को बाधित करते हुए संबंधित ई-रवन्ना पोर्टल को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
सीज की गई स्टोन क्रेशर यूनिटें निम्नलिखित हैं:
- किसान स्टोन क्रेशर – ग्राम महतोली
- गणपति स्टोन क्रेशर – ग्राम जवाहर खान उर्फ झींवरहेड़ी
- वानिया स्टोन क्रेशर – ग्राम महतोली
- तुलसी स्टोन क्रेशर – ग्राम मुजफ्फरपुर गुजरा
- सूर्या स्टोन क्रेशर – ग्राम मुजफ्फरपुर गुजरा
- दून स्टोन क्रेशर – ग्राम महतोली
- शुभ स्टोन क्रेशर – ग्राम मुजफ्फरपुर गुजरा
- नेशनल एसोसिएट – ग्राम मुजफ्फरपुर गुजरा
डीएम मयूर दीक्षित ने साफ शब्दों में कहा कि राज्य सरकार की नीति स्पष्ट है – राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी तत्व को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की छापेमारी भविष्य में भी जारी रहेगी और जिन भी इकाइयों में अवैध भंडारण या खनन पाया जाएगा, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की इस कार्रवाई से क्षेत्र के खनन कारोबारियों में भारी हड़कंप मच गया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार कई अन्य क्रेशर संचालक अब अपने रिकॉर्ड और संचालन प्रक्रिया की समीक्षा करने में जुट गए हैं।
डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि खनन से जुड़ी गतिविधियों की नियमित निगरानी के लिए संबंधित विभागों को तकनीकी टूल्स से लैस किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को समय रहते रोका जा सके।
प्रशासन की ओर से जनता से भी अपील की गई है कि वे अवैध खनन या उससे संबंधित गतिविधियों की जानकारी प्रशासन को दें ताकि पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।