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ईवीएम/वीवीपैट थ्री लेयर सिक्योरिटी में पूरी तरह सुरक्षित,, मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने किया हरिद्वार वेयरहाउस का त्रैमासिक निरीक्षण,, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सुरक्षा व्यवस्था का गहन परीक्षण, सभी संतुष्ट

इन्तजार रजा हरिद्वार-  ईवीएम/वीवीपैट थ्री लेयर सिक्योरिटी में पूरी तरह सुरक्षित,,

मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने किया हरिद्वार वेयरहाउस का त्रैमासिक निरीक्षण,,

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सुरक्षा व्यवस्था का गहन परीक्षण, सभी संतुष्ट

हरिद्वार, 17 जून 2025।
उत्तराखंड में आगामी चुनावों को लेकर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपैट (वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की सुरक्षा को लेकर चुनाव आयोग पूरी तरह सतर्क और सक्रिय नजर आ रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने हरिद्वार स्थित वेयरहाउस का त्रैमासिक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ विभिन्न राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे जिन्होंने पूरे निरीक्षण में भाग लिया और सुरक्षा मानकों का स्वयं आकलन किया।

निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि मशीनों की सुरक्षा किसी भी प्रकार की चूक से अछूती रहे, साथ ही यह पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर मतदाताओं और राजनीतिक दलों के बीच भरोसा कायम रख सके।


डबल लॉक सिस्टम और 24×7 सीसीटीवी निगरानी

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निरीक्षण के दौरान स्पष्ट किया कि वेयरहाउस में रखी गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनें ‘डबल लॉक सिस्टम’ में सुरक्षित हैं। इसका अर्थ है कि इन मशीनों तक पहुंच केवल अधिकृत अधिकारियों की संयुक्त उपस्थिति में ही संभव है। इसके अलावा पूरे वेयरहाउस परिसर में उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

निरीक्षण के दौरान डॉ. पुरुषोत्तम ने ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के स्टोरिंग रूम, सीसीटीवी कंट्रोल रूम, फायर सेफ्टी सिस्टम, विजिटर्स रजिस्टर, पुलिस निरीक्षण रजिस्टर, पावर बैकअप सिस्टम और पुलिस कर्मियों की ड्यूटी रजिस्टर जैसे अहम बिंदुओं की भी विस्तार से समीक्षा की।


आग से सुरक्षा और बरसात से सीलन रोकने के निर्देश

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अग्निशमन यंत्रों की स्थिति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि समय-समय पर उनकी वैधता की जांच करते रहें और एक्सपायर होने से पहले ही इन्हें बदल दिया जाए। उन्होंने बरसात के मौसम को देखते हुए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को सीलन या नमी से बचाने के लिए विशेष उपाय करने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने कहा कि “ये मशीनें लोकतंत्र की आधारशिला हैं। इनकी सुरक्षा सिर्फ तकनीकी ही नहीं, नैतिक जिम्मेदारी भी है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी प्राकृतिक या मानवीय कारण से इन मशीनों को कोई क्षति न पहुंचे।”


राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी रहे मौजूद, सभी ने जताया संतोष

निरीक्षण में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी सहित प्रमुख दलों के स्थानीय प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इनमें चंद्रपाल (जिला उपाध्यक्ष, कांग्रेस), बिंदर पाल (मंडल अध्यक्ष, भाजपा), अनिल चौधरी (जिलाध्यक्ष, बसपा), अक्षय कुमार गौतम (बसपा) और एनएस सैनी (बसपा) जैसे नेता शामिल थे।

इन सभी नेताओं ने ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा व्यवस्थाओं का स्वयं निरीक्षण किया और संतोष जताया। उन्होंने निर्वाचन आयोग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मशीनों की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जा रही है।


पारदर्शिता के लिए सभी राजनीतिक दलों को दी जा रही है सहभागिता

चुनाव आयोग की ओर से लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। इसी कड़ी में निरीक्षण के दौरान राजनीतिक दलों को न केवल आमंत्रित किया गया, बल्कि उन्हें हर तकनीकी और सुरक्षा पहलू को समझाया भी गया।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर राजनीतिक दल को ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा, संचालन, ट्रांसपोर्ट और गिनती प्रक्रिया की पूरी जानकारी हो। यह लोकतंत्र की पारदर्शिता और विश्वसनीयता के लिए अत्यंत आवश्यक है।”


विस्तृत सुरक्षा घेरा: तकनीक और तैनाती दोनों का समन्वय

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने वेयरहाउस के चारों ओर की सुरक्षात्मक व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया। इसमें चौबीसों घंटे पुलिस की तैनाती, सीमाओं पर बैरिकेडिंग, प्रवेश द्वार पर रेगुलर लॉग बुक एंट्री, आगंतुकों की स्कैनिंग और सभी कर्मचारियों के पहचान पत्र की अनिवार्यता शामिल है।

इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि बिजली की आपूर्ति निर्बाध बनी रहे। पावर बैकअप की व्यवस्था के तहत जनरेटर और यूपीएस सिस्टम की कार्यशीलता का परीक्षण भी किया गया।


स्थानीय प्रशासन और निर्वाचन कार्यालय की तालमेलपूर्ण सहभागिता

निरीक्षण के दौरान सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तु दास, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, तहसीलदार सचिन कुमार भी मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने सीईओ को संपूर्ण व्यवस्था की रिपोर्ट प्रस्तुत की और पिछले निरीक्षण के बाद हुई प्रगति की जानकारी दी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन और निर्वाचन कार्यालय के बीच तालमेल और प्रतिबद्धता ही पारदर्शी चुनाव की नींव है।


भविष्य की तैयारी और सतर्कता बनी रहेगी जारी

डॉ. पुरुषोत्तम ने यह भी स्पष्ट किया कि निर्वाचन आयोग आगामी चुनावों को लेकर पूरी तरह तैयार है और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि समय-समय पर निरीक्षण, प्रशिक्षण और अभ्यास का दौर चलता रहेगा ताकि तकनीकी कमियों को पहले ही दूर किया जा सके।


लोकतंत्र की रक्षा में कोई कोताही नहीं

हरिद्वार वेयरहाउस निरीक्षण ने यह साफ कर दिया है कि राज्य निर्वाचन आयोग, प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच सहयोग की भावना के साथ एक पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ है। ईवीएम और वीवीपैट मशीनें तीन स्तरीय सुरक्षा घेरों में पूरी तरह संरक्षित हैं, और चुनाव आयोग की दृष्टि में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा सर्वोपरि है।

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