हरिद्वार में आईएफएडी सुपरविजन मिशन का दौरा,, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की प्रगति और प्रभाव का लिया जायजा,, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण आजीविका सुधार पर खास फोकस

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में आईएफएडी सुपरविजन मिशन का दौरा,,
ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की प्रगति और प्रभाव का लिया जायजा,,
महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण आजीविका सुधार पर खास फोकस
हरिद्वार, 19 अगस्त 2025।
हरिद्वार जनपद में चल रही ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के प्रभाव और प्रगति का आकलन करने के लिए इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट (आईएफएडी) का सुपरविजन मिशन मंगलवार को दौरे पर रहा। मिशन टीम ने जिले के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण कर लाभार्थियों, उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों से बातचीत की तथा परियोजना की जमीनी स्थिति को गहराई से समझा।
खानपुर से हुई शुरुआत – सिंघाड़ा प्रोसेसिंग यूनिट का निरीक्षण
दौरे की शुरुआत खानपुर से हुई, जहां टीम ने उजाला सीएलएफ द्वारा संचालित सिंघाड़ा प्रोसेसिंग यूनिट का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मिशन के सदस्यों ने सीएलएफ के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और रीप/एनआरएलएम के स्टाफ के साथ बैठक की। उन्होंने लाभार्थियों की चुनौतियों और अनुभवों को प्रत्यक्ष सुना तथा उनकी सफलता की कहानियों से प्रेरणा ली। मिशन टीम ने यह माना कि इस प्रकार की इकाइयां ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
महिला उद्यमिता की मिसाल – उत्कर्ष रेस्टोरेंट का दौरा
इसके बाद टीम ने उत्कर्ष स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित उत्कर्ष रेस्टोरेंट का दौरा किया। यहां मिशन सदस्यों ने महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए व्यंजनों का स्वाद लिया और उनके साहस व लगन की सराहना की। चर्चा के दौरान महिलाओं ने बताया कि इस रेस्टोरेंट ने उन्हें आर्थिक मजबूती के साथ-साथ सामाजिक पहचान भी दिलाई है। मिशन सदस्यों ने इसे महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास का सशक्त उदाहरण बताया।
डेयरी उद्यमों की मजबूती – माही डेयरी का निरीक्षण
मिशन का अगला पड़ाव मंगलौर नारसन रहा, जहां श्री राधे कृष्णा सीएलएफ के तहत संचालित माही डेयरी का निरीक्षण किया गया। मिशन टीम ने दूध उत्पादों की गुणवत्ता और डेयरी के संचालन की जानकारी ली। उन्होंने आउटलेट पर उपलब्ध विभिन्न दुग्ध उत्पादों का स्वाद भी लिया। इस अवसर पर पशु सखी द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखा गया और महिला उद्यमिता को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका को सराहा गया।
रुड़की में बेकरी यूनिट – नई कार्यप्रणालियों पर चर्चा
रुड़की में मिशन ने एक बेकरी यूनिट का निरीक्षण किया। यहां उद्यमियों, सीएलएफ और बीओडी सदस्यों से सीधी बातचीत की गई। मिशन ने परियोजना से जुड़े अनुभवों को सुना और आगे की रणनीतियों पर दिशा-निर्देश दिए। मिशन सदस्यों ने माना कि महिलाओं के एंटरप्राइजेज स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं और इन्हें अधिक संगठित रूप से विस्तार की जरूरत है।
सीडीओ से बैठक – उपलब्धियों और चुनौतियों पर चर्चा
दौरे के अंत में मिशन टीम ने विकास भवन, रोशनाबाद पहुंचकर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्रीमती आकांक्षा कोंडे से मुलाकात की। इस बैठक में जिले में चल रही गतिविधियों, उनकी उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। सीडीओ ने बताया कि परियोजना ने ग्रामीण स्तर पर आजीविका सुधार और महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मिशन की प्रतिक्रिया – ग्रामीण आजीविका सुधार का मजबूत मॉडल
मिशन टीम ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस जमीनी दौरे से यह साफ है कि ग्रामोत्थान परियोजना ने ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं, को आत्मनिर्भर बनाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। मिशन ने आश्वस्त किया कि भविष्य की कार्ययोजनाओं में इन अनुभवों को शामिल कर परियोजना को और मजबूत बनाया जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ रहे मौजूद
इस दौरे और बैठकों के दौरान आईएफएडी की कंट्री कॉर्डिनेटर मीरा मिश्रा, आईएफएडी उज़्बेकिस्तान के वित्त सदस्य नॉरपुलट, नरेश कुमार (उपायुक्त ग्राम्य विकास), महेंद्र सिंह यादव (उपनिदेशक मानव संसाधन एवं प्रशिक्षण), अरविन्द झाम (एग्री-हॉर्टी एवं एंटरप्राइजेज एक्सपर्ट), कैलाश नाथ तिवारी (परियोजना निदेशक डीआरडीए), संजय सक्सेना (जिला परियोजना प्रबंधक) समेत एमसीएफ टीम के अनमोल जैन और मनोज रावत, मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना टीम, सभी ब्लॉक स्तरीय स्टाफ, सीएलएफ स्टाफ और बीओडी सदस्य मौजूद रहे।
हरिद्वार में आईएफएडी सुपरविजन मिशन का यह दौरा न केवल परियोजना की उपलब्धियों का मूल्यांकन था, बल्कि आने वाले समय में ग्रामीण आजीविका और महिला उद्यमिता को और अधिक सशक्त करने की दिशा तय करने वाला भी साबित हुआ। महिला समूहों की मेहनत और उद्यमशीलता ने मिशन टीम को प्रभावित किया और यह संकेत दिया कि सामुदायिक प्रयासों से ग्रामीण विकास की नई इबारत लिखी जा सकती है।