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सुमन नगर में हाथी की दस्तक: सहमे लोग, पूरी रात घरों में दुबके रहे निवासी रिहायशी क्षेत्र में जंगली हाथी की आमद से दहशत का माहौल, वन विभाग पर उठे सवाल, सुमन नगर की गलियों में हाथी की आहट, नींद छोड़ छतों-खिड़कियों से हाथी को झांकते रहे लोग, प्रशासन क्यों है मौन, क्या कह दे वन विभाग की लापरवाही, या एक्सपर्ट और संसाधनों की है कमी

इन्तजार रजा हरिद्वार- सुमन नगर में हाथी की दस्तक: सहमे लोग, पूरी रात घरों में दुबके रहे निवासी,
रिहायशी क्षेत्र में जंगली हाथी की आमद से दहशत का माहौल, वन विभाग पर उठे सवाल,

सुमन नगर की गलियों में हाथी की आहट,

नींद छोड़ छतों-खिड़कियों से झांकते रहे लोग,

प्रशासन मौन, क्या कह दे वन विभाग की घोर लापरवाही 


 

हरिद्वार (सुमन नगर), 18 मई:
सुमन नगर के लोगों के लिए बीती रात भय और बेचैनी से भरी रही। देर रात करीब 09 बजे एक जंगली हाथी आवासीय क्षेत्र में दाखिल हो गया। शांत मोहल्ले में अचानक हाथी की मौजूदगी से लोगों में अफरातफरी मच गई। हालांकि हाथी ने किसी भी वस्तु या व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन उसकी उपस्थिति मात्र से ही पूरा इलाका दहशत में डूब गया।

स्थानीय चश्मदीद आदिल ने बताया, “हाथी सड़क किनारे काफी देर तक घूमता रहा। लोगों ने दरवाजे बंद कर लिए और खिड़कियों से झांकते रहे कि कहीं वह उग्र न हो जाए। हमने तुरंत वन विभाग को सूचना दी, लेकिन घंटों तक कोई भी मदद नहीं पहुंची।”

वन विभाग की लापरवाही पर गुस्सा

इलाके के लोगों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब हाथी ने इस क्षेत्र में दस्तक दी हो, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है।

एक और स्थानीय महिला, मीना देवी ने कहा, “हम छोटे बच्चों के साथ रहते हैं। रात में इस तरह हाथी का आना बहुत खतरनाक है। शुक्र है कि उसने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन अब यह रोज़ का सिलसिला बन गया है हम कहां सुरक्षित हैं?”

प्राकृतिक सीमा से सटी बस्तियों में खतरा

हरिद्वार के कई रिहायशी क्षेत्र जंगलों के बेहद करीब बसे हैं, जिससे ऐसे खतरे लगातार मंडरा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि जंगलों में भोजन और पानी की कमी, और मानवीय अतिक्रमण के चलते हाथी जैसे जंगली जानवर आबादी की ओर खिंचने लगे हैं।

जरूरत है सतर्कता और सुरक्षा उपायों की

स्थानीय लोगों और समाजसेवी संस्थाओं ने वन विभाग से मांग की है कि रिहायशी क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जाए और हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें तैनात की जाएं। साथ ही, ऐसी घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मोहल्लों में आपातकालीन दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएं।

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