सरकारी जमीन से हटे अतिक्रमण, प्रमोशन में न हो देरी और न्यायालयीन मामलों की हो मजबूत पैरवी,, डीएम मयूर दीक्षित ने मासिक स्टाफ बैठक में दिए सख्त निर्देश, कहा – “प्रभावी कार्य ही प्रशासन की पहचान”,, ई-ऑफिस, खनन रोकथाम और जनसेवा से जुड़े मुद्दों पर भी हुई गंभीर समीक्षा

इन्तजार रजा हरिद्वार- सरकारी जमीन से हटे अतिक्रमण, प्रमोशन में न हो देरी और न्यायालयीन मामलों की हो मजबूत पैरवी,,
डीएम मयूर दीक्षित ने मासिक स्टाफ बैठक में दिए सख्त निर्देश, कहा – “प्रभावी कार्य ही प्रशासन की पहचान”,,
ई-ऑफिस, खनन रोकथाम और जनसेवा से जुड़े मुद्दों पर भी हुई गंभीर समीक्षा
हरिद्वार, 26 जुलाई 2025।
जनपद हरिद्वार के जिला कार्यालय सभागार में आयोजित मासिक स्टाफ बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकारी संपत्ति की सुरक्षा, प्रशासनिक पदोन्नति, न्यायालयीन मामलों की पैरवी और अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीएम ने इस अवसर पर 21 महत्वपूर्ण बिंदुओं की विस्तार से समीक्षा करते हुए विभागीय कार्यों को तेजी और पारदर्शिता से संपन्न करने का निर्देश दिया।
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण नहीं सहेंगे, ड्रोन से हो निगरानी
बैठक में सबसे पहले जिलाधिकारी ने सरकारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर नाराज़गी जताते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि सरकारी जमीन को प्राथमिकता के आधार पर अतिक्रमणमुक्त किया जाए। इसके लिए ज़रूरत पड़ने पर ड्रोन तकनीक का भी प्रयोग किया जाए ताकि अतिक्रमण की निगरानी और मैपिंग सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि “जहां सरकार की भूमि चिह्नित हो, वहां तारबाड़ और साइनेज लगाना अनिवार्य है।” इसके साथ ही डीएम ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर संयुक्त बैठकें करें और अतिक्रमण विरोधी अभियान की प्रभावी रूपरेखा बनाएं।
डीएम ने यह भी चेतावनी दी कि यदि किसी कार्मिक की भूमिका अतिक्रमण में पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पदोन्नति में देरी नहीं, पात्र कर्मचारियों को समय पर मिले अवसर
बैठक में जिला स्तर पर रिक्त पदों पर समयबद्ध प्रमोशन की आवश्यकता पर बल देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि योग्य कार्मिकों का प्रमोशन लंबित न रखा जाए। विभागीय स्तर पर सभी रिक्तियों की सूची बनाकर प्रक्रिया को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चल सके और कर्मचारियों में उत्साह बना रहे।
न्यायालयों में लंबित मामलों की मजबूत पैरवी हो सुनिश्चित
डीएम मयूर दीक्षित ने सभी डीजीसी और शासकीय अधिवक्ताओं को निर्देशित किया कि कोर्ट में चल रहे वादों की समयबद्ध और प्रभावी पैरवी की जाए। साथ ही काउंटर दाखिल करने में कोई लापरवाही न हो।
उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे श्रेणीवार लंबित मामलों की सूची बनाएं और आगामी समीक्षा बैठक में उसे प्रस्तुत करें।
खनन और भंडारण पर कठोर कार्यवाही, राजस्व की हानि रोकी जाए
जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग और खनन अधिकारी को सख्त निर्देश दिए कि जनपद में अवैध खनन व भंडारण पर लगातार कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि “सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।”
ई-ऑफिस व्यवस्था को पूरी तरह लागू करें, पारदर्शिता हो अनिवार्य
जिलाधिकारी ने सभी सरकारी कार्यालयों को निर्देश दिए कि अब पत्रावलियों का संचालन ई-ऑफिस के माध्यम से ही किया जाए। उन्होंने कहा कि “डिजिटलीकरण, पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई के लिए ई-ऑफिस प्रणाली बेहद जरूरी है।” केवल आपातकालीन परिस्थितियों में ही ऑफलाइन फाइलों का संचालन किया जाए।
इन बिंदुओं पर भी हुई गंभीर समीक्षा
डीएम मयूर दीक्षित ने राजस्व वाद, फौजदारी वाद, लंबित पेंशन, वाहन दुर्घटना जांच, सेवा का अधिकार, सूचना का अधिकार, सीएम हेल्पलाइन, यूसीसी पंजीकरण समेत कुल 21 विषयों पर विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने प्रत्येक अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि कार्य प्रणाली में लापरवाही बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है और संबंधित विभागों को जवाबदेह बनाया जाएगा।
बैठक में रहे ये अधिकारी उपस्थित
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व दीपेन्द्र चौधरी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन फिंचाराम चौहान, उप जिलाधिकारी मनीष सिंह, एसएलओ एवं कुम्भ उप मेलाधिकारी दयानन्द सरस्वती, जिला खान अधिकारी काज़िम रज़ा सहित जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
जिम्मेदारी और जवाबदेही का संदेश
इस महत्वपूर्ण बैठक के माध्यम से डीएम मयूर दीक्षित ने जिला प्रशासन को एक स्पष्ट संदेश दिया है – कि विकास, पारदर्शिता और कानूनी दायित्वों के निर्वहन में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभी अधिकारियों को जनहित से जुड़े कार्यों में सजगता और तत्परता से कार्य करना होगा, जिससे शासन की नीतियों का लाभ आम जनता तक सही रूप में पहुंच सके।