EVM-VVPAT वेयरहाउस की सुरक्षा पर सख्ती हरिद्वार डीएम मयूर दीक्षित ने किया सुरक्षा व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण राजनीतिक दलों की मौजूदगी में खोली गई सील, सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

इन्तजार रजा हरिद्वार- EVM-VVPAT वेयरहाउस की सुरक्षा पर सख्ती
हरिद्वार डीएम मयूर दीक्षित ने किया सुरक्षा व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण
राजनीतिक दलों की मौजूदगी में खोली गई सील, सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
हरिद्वार, 09 जून 2025 | इन्तजार रजा, Daily Live Uttarakhand
लोकतंत्र की मजबूती और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है। इसी क्रम में हरिद्वार के जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मयूर दीक्षित ने सोमवार को रोशनाबाद स्थित जिला कार्यालय परिसर में बने EVM-VVPAT वेयरहाउस का औचक निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में वेयरहाउस के सील बंद कमरे को खोला और वहां रखी गई ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। निरीक्षण के समय सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, सीसीटीवी निगरानी, प्रवेश-निकास रजिस्टर सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सक्रिय और व्यवस्थित पाई गईं।
पारदर्शिता के लिए राजनीतिक दलों की उपस्थिति
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा जब वेयरहाउस की सील खोली गई, तब वहां विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संतोष कुमार और चन्द्र पाल सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से राजीव गर्ग, बहुजन समाज पार्टी से जिलाध्यक्ष अनिल चौधरी, भारतीय जनता पार्टी से मंडल अध्यक्ष बिन्दर पाल, एवं अन्य पदाधिकारी निरीक्षण के समय उपस्थित रहे। यह उपस्थिति यह दर्शाती है कि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सभी दलों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
सील खोले जाने और मशीनों की गिनती व निरीक्षण के उपरांत वेयरहाउस को पुनः सील किया गया, इस बार भी राजनीतिक प्रतिनिधियों की निगरानी में यह कार्य संपन्न हुआ।
डीएम ने दिए सख्त निर्देश – सुरक्षा में कोताही बर्दाश्त नहीं
निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने वेयरहाउस में तैनात सुरक्षाकर्मियों को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “ईवीएम और वीवीपैट मशीनें लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मूल आधार हैं। इनकी सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही न केवल अनुशासनहीनता होगी, बल्कि लोकतंत्र के प्रति अपमान भी मानी जाएगी।” उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी सतर्कता और संवेदनशीलता से करें।
डीएम ने यह भी कहा कि वेयरहाउस की सुरक्षा चौकसी चौबीसों घंटे बनी रहनी चाहिए। किसी भी अनधिकृत व्यक्ति की पहुंच प्रतिबंधित रखी जाए और सभी गतिविधियां सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड होनी चाहिए।
सीसीटीवी कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने वेयरहाउस परिसर में स्थित सीसीटीवी कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहाँ तैनात तकनीकी कर्मियों से रियल-टाइम निगरानी प्रणाली की जानकारी ली और यह सुनिश्चित किया कि हर एंट्री और मूवमेंट कैमरे में दर्ज हो रहा है। उन्होंने कंट्रोल रूम की निगरानी प्रणाली को बेहतर बनाने के सुझाव भी दिए और कहा कि समय-समय पर रिकार्डिंग की जांच की जाए।
इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी आने पर तुरंत सूचना दी जाए और वैकल्पिक व्यवस्था सक्रिय की जाए। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रशासन की निष्पक्षता पर बढ़ा जनता का भरोसा
हरिद्वार जिले में इस प्रकार की सतर्कता और पारदर्शिता से न केवल राजनीतिक दलों का भरोसा बढ़ा है, बल्कि आम जनता के बीच भी चुनावी प्रक्रिया को लेकर विश्वास और मजबूत हुआ है। आमजन मानते हैं कि यदि मशीनों की सुरक्षा पारदर्शिता और राजनीतिक भागीदारी के साथ सुनिश्चित की जाती है, तो चुनाव परिणामों पर किसी प्रकार की शंका की गुंजाइश नहीं रहती।
इस निरीक्षण से यह संदेश साफ गया कि जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और चुनावी प्रक्रिया की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
इन अधिकारियों की उपस्थिति रही महत्वपूर्ण
इस महत्वपूर्ण निरीक्षण कार्यक्रम में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के साथ-साथ अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी अरुणेश पैन्यूली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी देवेंद्र अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी इंद्रजीत प्रसाद तथा अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने स्तर पर निरीक्षण को गंभीरता से लिया और आवश्यक टिप्पणियां साझा कीं।
, हरिद्वार में EVM-VVPAT वेयरहाउस की सुरक्षा पर जिलाधिकारी की यह कार्रवाई न केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता थी, बल्कि एक सशक्त संदेश भी था – “लोकतंत्र की नींव की सुरक्षा सर्वोपरि है, और उसमें कोई चूक नहीं हो सकती।”