उत्तराखंडएक्सक्लूसिव खबरेंदेहारादूनधर्म और आस्थापॉलिटिकल तड़काप्रशासन

संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल: मुद्रा गैरोला(IAS)

इन्तजार रजा हरिद्वार-संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल: मुद्रा गैरोला(IAS)

चमोली जिले के कर्णप्रयाग की मुद्रा गैरोला ने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंज़िल असंभव नहीं। उनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी एक दिन आईएएस बने। उसी सपने को साकार करने के लिए मुद्रा ने डॉक्टर बनने की राह छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

मुद्रा ने 2018 में पहली बार सिविल सेवा परीक्षा दी और इंटरव्यू तक पहुँचीं। 2019 में भी इंटरव्यू दिया, लेकिन अंतिम चयन नहीं हुआ। 2020 में मेन्स परीक्षा भी नहीं निकाल सकीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2021 में उन्होंने फिर से प्रयास किया और 165वीं रैंक के साथ आईपीएस बनीं। इसके बाद भी उन्होंने रुकने का नाम नहीं लिया और 2022 में फिर से परीक्षा दी। इस बार उन्हें 53वीं रैंक मिली और उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ।

मुद्रा गैरोला की यह यात्रा न केवल उनके आत्मविश्वास और मेहनत को दर्शाती है, बल्कि यह हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को लेकर संघर्ष कर रहा है। उन्होंने साबित कर दिया कि सच्ची लगन और मेहनत से हर सपना हकीकत बन सकता है।

Related Articles

Back to top button
× Contact us