गढमीरपुर मे पट्टों के मालिकाना हक को लेकर फिर भड़के किसान नेता अर्जुन सिंह कर्णवाल,, अधिकारियों पर साधा निशाना, बोले– “धामी सरकार को बदनाम कर रहे हैं अफसर”,, आयोग अध्यक्ष से पूछा– “आप मालिक हैं या मलाई चाटने बैठे हैं?”,,
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शायद इन पट्टों की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं दी जा रही है। “अगर मुख्यमंत्री को सच्चाई मालूम होती तो वे स्वयं कोई ठोस कदम उठाते या बयान देते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसका मतलब है कि अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं।”

इन्तजार रजा हरिद्वार-गढमीरपुर मे पट्टों के मालिकाना हक को लेकर फिर भड़के किसान नेता अर्जुन सिंह कर्णवाल,,
अधिकारियों पर साधा निशाना, बोले– “धामी सरकार को बदनाम कर रहे हैं अफसर”,,
आयोग अध्यक्ष से पूछा– “आप मालिक हैं या मलाई चाटने बैठे हैं?”,,
प्रदेश में भूमि पट्टों के मुद्दे पर फिर से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। रुड़की में एसडीएम कार्यालय पर 3 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में शुरू हुए धरने के बाद अब युथ कांग्रेस प्रदेश सचिव एवं किसान यूनियन अंबवता के प्रदेश सचिव अर्जुन सिंह कर्णवाल ने सरकार और अधिकारियों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार के हालिया बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर अधिकारी सरकार की बात नहीं सुन रहे, तो फिर सरकार चला कौन रहा है — “अधिकारी या आप लोग?”
अर्जुन सिंह कर्णवाल ने कहा कि सरकार में बैठे लोग केवल बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि ज़मीनी स्तर पर अनुसूचित जाति के किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने मुकेश कुमार से सीधा सवाल करते हुए कहा — “आप आयोग के अध्यक्ष हैं, मालिक हैं या सिर्फ़ पद पर मलाई चाटने बैठे हैं? अगर अधिकारी आपकी नहीं सुन रहे, तो उन्हें हटाइए। नहीं तो इस्तीफा देकर जनता को स्पष्ट संदेश दीजिए कि आप भी सिर्फ़ दिखावे के पदाधिकारी हैं।”
कर्णवाल ने कहा कि टिहरी बांध विस्थापित परियोजना के अंतर्गत सुमन नगर क्षेत्र में कई पट्टे 60 साल पहले से किसानों को मिले हुए हैं। “हमारे पहाड़ी भाइयों को तो मालिकाना हक दे दिया गया, लेकिन मैदान के किसानों को अब तक वंचित रखा गया है। क्या मैदान के किसान इंसान नहीं हैं?” उन्होंने कहा कि यह पहाड़ी और मैदान के लोगों की लड़ाई नहीं, बल्कि न्याय की लड़ाई है — “जब उनके पट्टे भूमि हो सकते हैं, तो हमारे क्यों नहीं?”
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शायद इन पट्टों की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं दी जा रही है। “अगर मुख्यमंत्री को सच्चाई मालूम होती तो वे स्वयं कोई ठोस कदम उठाते या बयान देते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसका मतलब है कि अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं।”
अर्जुन सिंह कर्णवाल ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार से यह भी कहा कि अनुसूचित जाति समाज केवल वोट बैंक नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के विकास में उसका बराबर का हक है। “अगर आप अपने समाज के दर्द को नहीं समझ पा रहे तो बेहतर है अपने पद से त्यागपत्र दे दें।”
उन्होंने यह भी कहा कि रायबरेली के हरिओम वाल्मीकि और हरियाणा के आईपीएस प्रण सिंह की घटनाओं पर आयोग की चुप्पी शर्मनाक है। “जब समाज के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है, तब आयोग की जिम्मेदारी है कि वह खुलकर आवाज़ उठाए।”कर्णवाल ने अंत में कहा कि अब किसानों का सब्र जवाब दे चुका है। “हम 30 जनवरी को एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारे पट्टों का मालिकाना हक हमें नहीं मिल जाता।”