लक्ष्मणझूला पुलिस ने दबोचा शातिर महिला टप्पेबाजों का अंतराज्यीय गिरोह, चारधाम यात्रा और मेलों में श्रद्धालुओं को बनाती थीं निशाना, सात महिलाएं गिरफ्तार

इन्तजार रजा हरिद्वार- लक्ष्मणझूला पुलिस ने दबोचा शातिर महिला टप्पेबाजों का अंतराज्यीय गिरोह,
चारधाम यात्रा और मेलों में श्रद्धालुओं को बनाती थीं निशाना, सात महिलाएं गिरफ्तार
उत्तराखंड की पवित्र भूमि जहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु गंगा दर्शन, गंगा आरती और चारधाम यात्रा के लिए आते हैं, वहां एक शातिर महिला टप्पेबाज गिरोह ने अपने ठगी के जाल फैला रखे थे। लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में सक्रिय इस गिरोह का पर्दाफाश कर पुलिस ने एक बड़ी सफलता अर्जित की है। यह गिरोह खासकर धार्मिक स्थलों और पर्यटन क्षेत्रों में आने वाली महिलाओं को निशाना बनाकर ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था। पुलिस ने सात महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली की रहने वाली हैं और वर्षों से इस संगठित अपराध में लिप्त थीं।
अपराध की सूचना और त्वरित कार्रवाई
यह कार्रवाई उस वक्त शुरू हुई जब कोलकाता की एक पर्यटक महिला, अंशुमाला बंसल ने लक्ष्मणझूला थाने में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि वह रामझूला और परमार्थ निकेतन क्षेत्र में घूम रही थी, तभी छह-सात अजनबी महिलाएं उससे बातचीत में लग गईं। उन्होंने उसे इस कदर उलझाया कि वह अपना कीमती बैग खो बैठी। बैग में नगदी, डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा जरूरी दस्तावेज थे।
थानाध्यक्ष संतोष पैथवाल ने शिकायत मिलते ही गंभीरता दिखाई और तुरंत तीन फ्लाइंग स्क्वायड टीमों को एक्टिव किया गया। घटनास्थल के आसपास मौजूद सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, जिससे संदिग्ध महिलाओं की पहचान की गई। साथ ही, पुलिस ने पुराने अपराधियों की कुंडली भी खंगाली और गिरोह से जुड़ी कड़ियों को जोड़ना शुरू किया।
गिरोह की गिरफ्तारी और खुलासा
कड़ी निगरानी और सतर्कता के बाद पुलिस ने नागबाबा तिराहे के पास से सात महिलाओं को धर दबोचा। गिरफ्तार महिलाएं निम्नलिखित हैं:
- नैना पत्नी अमजद (उम्र 24 वर्ष)
- प्रिया पत्नी सरजू (उम्र 40 वर्ष)
- प्रीति पत्नी गोविंद
- साक्षी पत्नी धर्म सिंह (उम्र 18 वर्ष)
- कोमल पत्नी वृष (उम्र 20 वर्ष)
- सोनिया पत्नी नीरज (उम्र 26 वर्ष)
- शारदा पत्नी अमन (उम्र 30 वर्ष)
ये सभी महिलाएं दिल्ली के फरीदपुरी इलाके की निवासी हैं। पूछताछ में इन सभी ने खुलासा किया कि वे सिर्फ लक्ष्मणझूला ही नहीं, बल्कि प्रयागराज, हरिद्वार और नासिक जैसे धार्मिक स्थलों पर पहले भी इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे चुकी हैं। उनका उद्देश्य धार्मिक यात्राओं, मेलों और त्यौहारों के समय भीड़भाड़ वाले इलाकों में महिलाओं को टारगेट कर उनकी कीमती वस्तुएं चोरी करना होता है।
टप्पेबाजी की संगठित कार्यशैली
इस गिरोह की कार्यशैली बेहद संगठित थी। वे एक समूह में काम करते थे, जिनमें कुछ महिलाएं शिकार को बातचीत में उलझातीं, तो कुछ उनकी नजरें चुराकर बैग या कीमती सामान पार कर देतीं।
महिलाएं साधारण वेशभूषा में रहती थीं जिससे वे आम तीर्थयात्रियों में घुलमिल जातीं और शक की गुंजाइश नहीं रहती। गिरोह की सभी सदस्य आपस में रिश्तेदार हैं, जिससे उनके बीच बेहतर सामंजस्य बना रहता था और वे योजनाबद्ध तरीके से वारदात को अंजाम देती थीं।
पुलिस की सक्रियता और सराहना
थानाध्यक्ष संतोष पैथवाल ने बताया कि गिरफ्तार महिलाओं से बरामद सामान में कोलकाता निवासी अंशुमाला बंसल का चोरी हुआ बैग भी शामिल है, जिससे पुष्टि होती है कि यही महिलाएं चोरी की वारदात में शामिल थीं।
पुलिस टीम में उप निरीक्षक उत्तम रमोला, अपर उप निरीक्षक मनाली राठी, हेड कांस्टेबल सुवर्धन, केसर सिंह और राजीव कवि की भूमिका उल्लेखनीय रही। टीम ने गहन निगरानी, सर्विलांस और सूझबूझ का परिचय देते हुए इस गिरोह को रंगे हाथों पकड़ लिया।
अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा
पुलिस अब इन सभी महिलाओं के खिलाफ राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (SIB) और राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (NCRB) से संपर्क कर उनके पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है। यह आशंका भी जताई जा रही है कि इनका संबंध अन्य संगठित महिला गिरोहों से भी हो सकता है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय हैं।
स्थानीय जनता से अपील
पुलिस ने आम नागरिकों और तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे धार्मिक स्थलों पर सतर्क रहें, अनजान व्यक्तियों से बातचीत में अत्यधिक विश्वास न करें, और कीमती वस्तुओं की सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित करें। साथ ही यदि उन्हें किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि नजर आती है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें।
न्यायिक कार्यवाही जारी
गिरफ्तार सभी महिलाओं को संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार के अपराधों में शामिल अन्य व्यक्तियों की तलाश भी की जा रही है और आगे भी अभियान जारी रहेगा।
लक्ष्मणझूला पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई ने धार्मिक पर्यटकों को राहत दी है। यह सफलता यह संदेश भी देती है कि अब पुलिस तकनीक, तत्परता और प्रोफेशनल टीमवर्क के माध्यम से अपराधियों को छिपने का मौका नहीं देगी। पुलिस का यह कदम सराहनीय है और इससे श्रद्धालुओं में विश्वास की भावना मजबूत होगी।