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रामकृष्ण मिशन अस्पताल पर सवाल,, 🚑 मृतका की बॉडी तक रोकी गई एंबुलेंस,, ⚖️ डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित ने दिए जांच के आदेश,, सीएमओ हरिद्वार ने मांगा स्पष्टीकरण मामले में गंभीर जांच के आदेश

इन्तजार रजा हरिद्वार 🚨 रामकृष्ण मिशन अस्पताल पर सवाल,,

🚑 मृतका की बॉडी तक रोकी गई एंबुलेंस,,

⚖️ डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित ने दिए जांच के आदेश,, सीएमओ हरिद्वार ने मांगा स्पष्टीकरण मामले में गंभीर जांच के आदेश

हरिद्वार। कनखल स्थित प्रसिद्ध रामकृष्ण मिशन (बंगाली अस्पताल) से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे जिले में संवेदनाओं को झकझोर दिया है। मंगलवार देर रात अस्पताल में इलाज के दौरान 16-17 वर्षीय किशोरी की मृत्यु हो गई। परिजन ग़म में डूबे शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाए थे, लेकिन अस्पताल के गार्ड ने एंबुलेंस को अस्पताल परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया।

परिजनों का आरोप है कि गार्ड ने एंबुलेंस चालक से अभद्रता करते हुए कहा कि उसे कोई आदेश नहीं है, इसलिए गाड़ी अंदर नहीं जा सकती। इस वजह से मजबूरन मृतका का शव हाथों में उठाकर बाहर खड़ी एंबुलेंस तक ले जाना पड़ा। इस दृश्य ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। वहां मौजूद लोगों ने इसे “मानवता को शर्मसार करने वाला कृत्य” बताया।

परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों का दर्द

मृतका के पिता ने आंसुओं के बीच कहा – “हम पहले ही बेटी को खो चुके थे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने हमें और तोड़ दिया। इंसानियत नाम की कोई चीज़ यहां नहीं दिखी। यह व्यवहार हम कभी भूल नहीं पाएंगे।”
मौके पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा – “इतना बड़ा अस्पताल और इतनी असंवेदनशीलता! गार्ड ने एंबुलेंस को अंदर आने से रोक दिया, जिसके कारण परिजनों को शव उठाकर बाहर ले जाना पड़ा। यह शर्मनाक है।”

सीएमओ ने लिया संज्ञान

घटना के तूल पकड़ने पर सीएमओ हरिद्वार डॉ. आर.के. सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए और अस्पताल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा – “अस्पताल सेवा का प्रतीक होते हैं। इस तरह का रवैया बेहद अमानवीय है। जांच की जा रही है और जिम्मेदार पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”

डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित ने अस्पतालों को दी कड़ी चेतावनी

जिला प्रशासन ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया है। डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित ने कहा –

“हर मरीज और परिजन को अस्पतालों में सम्मान मिलना चाहिए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैंने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं कि मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। किसी भी अस्पताल को नियमों की अनदेखी और अमानवीय व्यवहार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा – “जिले के सभी अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है। अब तक 16 अस्पतालों में जांच हो चुकी है, जिनमें कई गंभीर खामियां मिली हैं। सभी संस्थानों को सुधार का मौका दिया गया है, लेकिन यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ तो उनका लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई होगी। मरीजों की जान और सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होगा।”

बढ़ती शिकायतों से प्रशासन सख्त

हरिद्वार जिले में पिछले कुछ समय से अस्पतालों की लापरवाही की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। कहीं इलाज में देरी की शिकायत है तो कहीं स्टाफ के दुर्व्यवहार की। इसी कारण से प्रशासन ने पिछले माह से ही सभी अस्पतालों की सूची बनाकर निरीक्षण शुरू कर दिया था।

डीएम मयूर दीक्षित ने स्पष्ट कहा – “स्वास्थ्य सेवाओं से जनता का भरोसा टूटने नहीं दिया जाएगा। चाहे निजी अस्पताल हो या सरकारी, सभी पर पैनी नजर रखी जा रही है। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।”

जनता और समाजसेवियों की प्रतिक्रिया

इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोगों का कहना है कि अस्पताल सिर्फ इलाज का नहीं बल्कि इंसानियत का केंद्र भी होना चाहिए। समाजसेवियों ने प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में कोई भी अस्पताल इस तरह का असंवेदनशील रवैया न अपना सके।

रामकृष्ण मिशन अस्पताल की यह घटना न केवल परिजनों के लिए दर्दनाक साबित हुई बल्कि समाज के लिए भी गंभीर सवाल खड़े करती है। सवाल यह है कि जब बड़े संस्थान ही संवेदनाओं की अनदेखी करेंगे तो आमजन कहां उम्मीद लगाएगा? प्रशासन ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है और डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित ने साफ संदेश दिया है कि मरीजों की जान और सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

हरिद्वार जिले में लगातार सामने आ रही अस्पतालों की घटनाओं ने प्रशासन को पूरी तरह सतर्क कर दिया है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने नियमों का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों की सूची बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक 16 अस्पतालों का निरीक्षण किया जा चुका है और जिनमें गंभीर खामियां पाई गई हैं, उनकी जांच जारी है। देर रात रामकृष्ण मिशन अस्पताल में सामने आई घटना को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जिस भी अस्पताल में लापरवाही या नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहां किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सकों के साथ लगातार बैठकें कर साफ संदेश दिया है कि मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की जिम्मेदारी है कि वे हर मरीज को समय पर सही इलाज दें और परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार करें।

मरीजों की जान और सम्मान सर्वोच्च प्राथमिकता है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।” – मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी हरिद्वार।

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