ईद-उल-अजहा पर हरिद्वार पुलिस सतर्क, एसएसपी डोबाल की सभी थाना प्रभारियों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक, असामाजिक तत्वों पर रहेगी पैनी नजर, सभी थाना प्रभारी क्षेत्र में रहेंगे भ्रमणशील, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग होगी तेज

इन्तजार रजा हरिद्वार- ईद-उल-अजहा पर हरिद्वार पुलिस सतर्क,
एसएसपी डोबाल की सभी थाना प्रभारियों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक,
असामाजिक तत्वों पर रहेगी पैनी नजर, सभी थाना प्रभारी क्षेत्र में रहेंगे भ्रमणशील
हरिद्वार, 06 जून 2025 —
ईद-उल-अजहा पर्व को शांति, सौहार्द और सुरक्षा के साथ सम्पन्न कराने हेतु हरिद्वार पुलिस ने कमर कस ली है। शुक्रवार देर सांय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने जिले के सभी राजपत्रित अधिकारियों और थाना प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित कर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए।
बैठक के दौरान एसएसपी डोबाल ने कहा कि बकरीद एक पवित्र पर्व है जिसे शांति एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के वातावरण में मनाया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि समाज विरोधी तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और कहीं भी शांति भंग की आशंका हो तो तत्काल कार्रवाई की जाए।
पुलिस का सक्रिय और जवाबदेह संचालन
एसएसपी ने निर्देश दिए कि जिले के सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में निरंतर भ्रमणशील रहना होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी कोई विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो और किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध तत्काल सख्त कार्यवाही की जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि थाना क्षेत्र में किसी भी ऐसे व्यक्ति या समूह की पहचान कर ली जाए जो धार्मिक भावनाएं भड़काने, जातीय तनाव उत्पन्न करने या सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर सकते हों। ऐसे तत्वों को चिह्नित कर गोपनीय निगरानी रखी जाए और आवश्यकता पड़ने पर बाध्यकारी कानूनी कार्रवाई की जाए।
ईदगाहों और मस्जिदों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
ईद-उल-अजहा के मौके पर मुस्लिम समुदाय द्वारा सामूहिक नमाज़ अदा की जाती है, जिसे ध्यान में रखते हुए सभी ईदगाहों व प्रमुख मस्जिदों पर पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती के निर्देश दिए गए। एसएसपी डोबाल ने कहा कि नमाज़ के समय यातायात व्यवस्था बाधित न हो और लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष ट्रैफिक प्लान बनाया जाए।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि पुलिस अधिकारी पहले से ही स्थानीय मुस्लिम समाज के प्रबुद्धजनों के साथ संवाद स्थापित करें और हर संभव सहयोग प्रदान करें।
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग होगी तेज
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया अफवाहों और साम्प्रदायिक तनाव का बड़ा माध्यम बन सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए एसएसपी डोबाल ने साइबर सैल को सक्रिय रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक या उकसाऊ पोस्ट पर तत्काल एक्शन लिया जाए और अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए।
शांति समितियों को किया जाएगा सक्रिय
पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि प्रत्येक थाना क्षेत्र में शांति समितियों की बैठकें तत्काल आयोजित की जाएं, जिनमें विभिन्न धर्मों के प्रमुख नागरिक, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और पुलिस अधिकारी सम्मिलित हों। इसके माध्यम से पारस्परिक संवाद को बढ़ावा देकर साम्प्रदायिक सौहार्द को मजबूती दी जा सकती है।
गोवंश तस्करी व अवैध कुर्बानी पर विशेष सतर्कता
बकरीद पर होने वाली कुर्बानी को लेकर उत्तराखंड पुलिस विशेष सतर्क है। एसएसपी ने यह भी कहा कि गोवंश तस्करी, अवैध कुर्बानी या धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक थाना क्षेत्र में विशेष गश्त एवं खुफिया निगरानी रखी जाएगी।
पुलिस-जन संवाद की अपील
एसएसपी डोबाल ने आम जनता से भी अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। उन्होंने कहा, “पुलिस जनता के सहयोग से ही बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कर सकती है। अगर किसी को कोई समस्या है या संदेहास्पद गतिविधि नजर आती है तो तुरंत 112 या संबंधित थाना प्रभारी को सूचित करें।”
पुलिस के निर्देशों का सार:
विषय | निर्देश |
---|---|
थाना प्रभारी | क्षेत्र में लगातार भ्रमणशील रहें |
ईदगाह/मस्जिद | पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती |
असामाजिक तत्व | सख्त निगरानी, आवश्यक कार्रवाई |
सोशल मीडिया | निगरानी बढ़ाई जाए, अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई |
शांति समिति | स्थानीय स्तर पर सक्रिय कर संवाद स्थापित करें |
गोवंश संरक्षण | अवैध तस्करी पर तत्काल सख्ती |
यातायात व्यवस्था | नमाज के दौरान कोई बाधा न हो |
हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पर्व कोई भी हो, सुरक्षा और सौहार्द से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। एसएसपी डोबाल की यह बैठक आने वाले त्योहार को लेकर पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता को दर्शाती है। जनता से संवाद, सोशल मीडिया पर निगरानी और पुलिस-जन सहयोग ही इस पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की कुंजी होंगे।