अलर्टउत्तराखंडएक्सक्लूसिव खबरें

पूर्व विधायक सुरेश राठौर को किया बीजेपी ने नोटिस जारी,, दूसरी शादी कर फंसे भाजपा नेता, UCC को चुनौती देने पर मांगा जवाब,, भाजपा में बढ़ी फजीहत, पार्टी ने बचाव में उठाया अनुशासन का डंडा

इन्तजार रजा हरिद्वार- पूर्व विधायक सुरेश राठौर को किया बीजेपी ने नोटिस जारी,,

दूसरी शादी कर फंसे भाजपा नेता, UCC को चुनौती देने पर मांगा जवाब,,

भाजपा में बढ़ी फजीहत, पार्टी ने बचाव में उठाया अनुशासन का डंडा

हरिद्वार/देहरादून, 24 जून 2025 –
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद पहली बार भाजपा को अपने ही नेता के कारण नीति और नैतिकता की परीक्षा से गुजरना पड़ा है। ज्वालापुर से पूर्व विधायक रह चुके सुरेश राठौर को पार्टी ने उनकी दूसरी शादी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।

यह कार्रवाई तब हुई जब सुरेश राठौर द्वारा सहारनपुर निवासी एक्ट्रेस उर्मिला सनावर से सार्वजनिक रूप से विवाह करने पर चौतरफा आलोचना शुरू हो गई। यह वही महिला हैं जिनके साथ पूर्व विधायक का रिश्ता पहले ब्लैकमेलिंग, धमकी और सोशल मीडिया स्कैंडल के चलते चर्चा में आया था।


🛑 UCC लागू, लेकिन नेता को छूट?

उत्तराखंड में हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने UCC कानून लागू किया है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि एक से अधिक विवाह दंडनीय अपराध होगा। ऐसे में सुरेश राठौर का यह कदम न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि पार्टी के घोषित सिद्धांतों के विपरीत भी।

भाजपा की ओर से जारी नोटिस में पूछा गया है कि “आपने पार्टी को विश्वास में लिए बिना सार्वजनिक रूप से दूसरी शादी क्यों की?” और “क्या आप जानते हैं कि यह पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है?”
सुरेश राठौर को तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।


🔥 राजनीतिक और सामाजिक दबाव में टूटी पार्टी की चुप्पी

सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर का रिश्ता पहले से ही विवादित रहा है। दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आपराधिक आरोप लगाए थे और सोशल मीडिया पर निजी तस्वीरें लीक होने का मामला भी सामने आया था। ऐसे में भाजपा के लिए यह एक बेहद संवेदनशील और शर्मनाक स्थिति बन गई थी।

जैसे ही दोनों ने विवाह की सार्वजनिक घोषणा की, सोशल मीडिया पर भाजपा की नैतिकता पर सवाल उठने लगे। विपक्ष ने भी इसे भाजपा का “दोहरा चेहरा” बताते हुए जोरदार हमला बोला।


🎯 कांग्रेस ने कहा – ‘एक कानून सब पर लागू हो’, सिर्फ भाषण नहीं

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा,

“यदि भाजपा UCC की सच्ची पक्षधर है तो सुरेश राठौर को पार्टी से निष्कासित कर कानूनी कार्रवाई की सिफारिश करे। वरना यह साबित हो जाएगा कि भाजपा के कानून केवल दूसरों पर लागू होते हैं, अपनों के लिए नहीं।”

आम आदमी पार्टी ने भी इस मुद्दे पर चुटकी लेते हुए कहा कि

“जब नेता ही कानून तोड़ेंगे, तो जनता क्या सीखेगी?”


⚠️ क्या सिर्फ नोटिस से माफ हो जाएंगे राठौर?

भाजपा द्वारा नोटिस जारी किया जाना एक प्रतीकात्मक कदम ज़रूर है, लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या केवल नोटिस देने से पार्टी अपनी ज़िम्मेदारी से बच सकती है?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि

“यदि पार्टी वाकई UCC के सिद्धांतों को लेकर गंभीर है, तो सुरेश राठौर पर संगठनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी स्तर पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। नहीं तो यह कानून मज़ाक बन जाएगा।”


क्या आगे होगा?

  • सुरेश राठौर से तीन दिन में जवाब तलब
  • जवाब संतोषजनक न होने पर पार्टी ले सकती है निलंबन या निष्कासन का फैसला
  • कांग्रेस और अन्य दल रख सकते हैं इस मुद्दे को विधानसभा और मीडिया में ज़ोर-शोर से
  • UCC की पहली बड़ी परीक्षा भाजपा के अपने घर में

भाजपा के लिए यह मामला केवल एक नेता की निजी ज़िंदगी नहीं, बल्कि उसकी घोषित नीतियों और नैतिकता के इम्तिहान जैसा है। यदि सुरेश राठौर को केवल नोटिस देकर छोड़ा गया, तो भाजपा के “एक कानून – एक राष्ट्र” के दावे की भूलभुलैया उजागर हो जाएगी।


रिपोर्ट: इंतज़ार रज़ा
Daily Live Uttarakhand

Related Articles

Back to top button
× Contact us