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हरिद्वार पुलिस का डोर-टू-डोर सत्यापन अभियान शुरू,तड़के आंख खुलते ही दरवाजे पर हरिद्वार पुलिस ने दे दी दस्तक,हरिद्वार पुलिस का डोर-टू-डोर सत्यापन अभियान: सुरक्षा की दिशा में सशक्त पहल

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार पुलिस का डोर-टू-डोर सत्यापन अभियान शुरू,तड़के आंख खुलते ही दरवाजे पर हरिद्वार पुलिस ने दे दी दस्तक,हरिद्वार पुलिस का डोर-टू-डोर सत्यापन अभियान: सुरक्षा की दिशा में सशक्त पहल

हरिद्वार, जो कि भारत के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है, वहां की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए हरिद्वार पुलिस ने एक सराहनीय पहल की है। शहर में असामाजिक तत्वों की पहचान और अपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से पुलिस ने डोर-टू-डोर किराएदार सत्यापन अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान न केवल सुरक्षा को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है, बल्कि नागरिकों में जागरूकता फैलाने का भी एक माध्यम है।

अभियान की शुरुआत और उद्देश्य

हरिद्वार पुलिस ने इस अभियान की शुरुआत प्रातः काल शहर के विभिन्न क्षेत्रों से की। पुलिस टीमें घर-घर जाकर निवासियों से संपर्क कर रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि सभी किराएदारों का विधिवत पुलिस सत्यापन हुआ है या नहीं। जिन किराएदारों का सत्यापन नहीं हुआ है, उन्हें चिन्हित कर उनके मकान मालिकों को सूचित किया जा रहा है।

इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य शहर में बाहरी व्यक्तियों की गतिविधियों पर निगरानी रखना है। चूंकि हरिद्वार एक तीर्थ नगरी है और यहां देशभर से लोग आते-जाते रहते हैं, इसलिए यहां पर किराए के मकानों में रहने वाले लोगों की संख्या भी काफी अधिक है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हर किराएदार की पूरी जानकारी पुलिस के पास हो ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

मकान मालिकों की भूमिका

हरिद्वार पुलिस ने स्पष्ट रूप से सभी भवन स्वामियों से अपील की है कि वे अपने किराएदारों का सत्यापन पास के पुलिस थाने में अवश्य कराएं। सत्यापन प्रक्रिया सरल है और इसके लिए मकान मालिक को अपने किराएदार की पहचान संबंधी दस्तावेज जैसे कि आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, और किराया समझौता पत्र पुलिस के पास जमा कराना होता है।

यदि कोई मकान मालिक बिना सत्यापन के किसी को किराए पर रखता है और उस व्यक्ति की संलिप्तता किसी अपराधिक गतिविधि में पाई जाती है, तो उस स्थिति में मकान मालिक की भी जिम्मेदारी तय की जा सकती है। इसलिए यह सभी नागरिकों के हित में है कि वे सत्यापन प्रक्रिया में पुलिस का सहयोग करें।

पुलिस की रणनीति और जागरूकता

इस अभियान के तहत हरिद्वार पुलिस की टीमें विशेष रूप से सुबह के समय जब लोग अपने घरों पर होते हैं, उस वक्त दौरा कर रही हैं। पुलिसकर्मी शालीनता के साथ लोगों से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और उन्हें कानून के नियमों से अवगत करा रहे हैं। कई क्षेत्रों में लोगों को पंपलेट्स के माध्यम से भी जानकारी दी जा रही है, जिसमें किराएदार सत्यापन की प्रक्रिया और उसका महत्व बताया गया है।

इसके अलावा सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान की जानकारी पा सकें और स्वयं पहल कर अपने किराएदारों का सत्यापन करा सकें।

सुरक्षा के प्रति जागरूकता

इस अभियान का एक अन्य सकारात्मक पक्ष यह है कि इससे नागरिकों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। अक्सर देखा जाता है कि लोग केवल किराया मिलने के लालच में बिना जानकारी लिए किसी को भी मकान दे देते हैं। लेकिन ऐसे ही निर्णय कभी-कभी बड़े अपराधों को जन्म दे सकते हैं। अतः यह जरूरी है कि हर नागरिक सजग और सतर्क रहे।

हरिद्वार पुलिस का यह अभियान न केवल शहर में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षा का भाव देगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि बाहरी व्यक्तियों की पूरी जानकारी पुलिस के पास मौजूद हो। यह भविष्य में होने वाले किसी भी संभावित अपराध को रोकने में मददगार साबित हो सकता है।

अभियान की अवधि और भविष्य की योजना

पुलिस ने संकेत दिया है कि यह अभियान आगामी दिनों तक जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर इसे अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में और भी व्यापक स्तर पर लागू किया जा सकता है। पुलिस के उच्च अधिकारियों ने भी क्षेत्रीय निरीक्षण करना शुरू कर दिया है और वे खुद नागरिकों से मिलकर संवाद स्थापित कर रहे हैं।

भविष्य में इस अभियान को और अधिक तकनीकी सहायता से लैस किया जा सकता है, जैसे कि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किराएदार सत्यापन की प्रक्रिया को डिजिटल रूप देना। इससे नागरिकों को आसानी होगी और पुलिस का डाटा भी एक जगह सुरक्षित रहेगा।

हरिद्वार पुलिस का यह डोर-टू-डोर सत्यापन अभियान एक प्रशंसनीय कदम है जो न केवल शहर की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि नागरिकों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाएगा। हर व्यक्ति की भागीदारी से ही इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है। अतः सभी मकान मालिकों और नागरिकों से अपील है कि वे पुलिस का सहयोग करें और अपने किराएदारों का समय पर सत्यापन अवश्य कराएं। सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है और इस दिशा में उठाया गया हर कदम हमारे समाज को अधिक सुरक्षित और संरक्षित बनाने में मदद करेगा।

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