नाबालिगों को वाहन देने पर सख्ती,, सेक्शन 199 ए के तहत होगी बड़ी कार्रवाई,, अभिभावकों और स्कूल प्रबंधकों से अपील: “18 साल से पहले बच्चों को न दें वाहन” सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी कदम,, अभिभावकों सहित स्कूल प्रबंधकों को भी चेतावनी

इन्तजार रजा हरिद्वार- नाबालिगों को वाहन देने पर सख्ती,,
सेक्शन 199 ए के तहत होगी बड़ी कार्रवाई,,
अभिभावकों और स्कूल प्रबंधकों से अपील: “18 साल से पहले बच्चों को न दें वाहन”
सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी कदम,, अभिभावकों सहित स्कूल प्रबंधकों को भी चेतावनी

परिवहन विभाग ने बताया कि इस प्रावधान के अनुसार यदि कोई नाबालिग वाहन चलाता है तो वाहन स्वामी या अभिभावक को ₹25,000 का जुर्माना भरना होगा। इसके साथ ही वाहन की आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) एक साल के लिए सस्पेंड कर दी जाएगी। इतना ही नहीं, जो बच्चा नाबालिग अवस्था में वाहन चलाते हुए पकड़ा जाएगा, उसका ड्राइविंग लाइसेंस 25 साल की उम्र तक बनना संभव नहीं होगा। यानी एक छोटी सी लापरवाही पूरे भविष्य को प्रभावित कर सकती है।
सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी कदम
हरिद्वार जैसे धार्मिक और भीड़-भाड़ वाले शहर में आए दिन सड़क हादसे सामने आते हैं। इनमें से कई हादसे नाबालिग चालकों की लापरवाही के कारण होते हैं। परिवहन विभाग का कहना है कि वाहन चलाने के लिए उम्र सीमा और लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया इसलिए तय की गई है ताकि बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से परिपक्व होने के बाद ही वाहन चला सकें। 18 साल से पहले वाहन सौंपना सीधे-सीधे बच्चे की और दूसरों की जान को खतरे में डालना है।
स्कूल प्रबंधकों को भी चेतावनी
विभाग ने स्कूल प्रबंधकों से भी अपील की है कि वे इस दिशा में सहयोग करें। अक्सर देखा जाता है कि छात्र बिना लाइसेंस स्कूटी या बाइक से स्कूल आते हैं। कई बार अभिभावक भी बच्चों को सुविधा देने के लिए वाहन सौंप देते हैं, जो आगे चलकर गंभीर खतरा बन सकता है। अब ऐसी स्थितियों में स्कूल प्रशासन को भी जिम्मेदार माना जाएगा और कार्रवाई की जा सकती है।
अभिभावकों के लिए सख्त संदेश
परिवहन अधिकारी ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को प्यार और लाड़ में वाहन न दें। इससे बच्चे गलत तरीके से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हैं और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हैं। बच्चों को समझाना होगा कि वाहन चलाना जिम्मेदारी है, केवल शौक या दिखावे की चीज़ नहीं।
परिवहन प्रशासन की अपील
परिवहन विभाग ने साफ कहा है कि जब तक बच्चा 18 साल का न हो जाए और उसका लाइसेंस न बन जाए, तब तक उसे किसी भी हालत में वाहन न सौंपें। अन्यथा न केवल भारी जुर्माना और वाहन की आरसी का निलंबन होगा, बल्कि बच्चे के भविष्य पर भी असर पड़ेगा।
हरिद्वार प्रशासन ने आमजन से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि नियमों का पालन करें और सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दें। एक छोटी सी सतर्कता न केवल दुर्घटनाओं को रोक सकती है बल्कि कई परिवारों को दुखद स्थिति से बचा सकती है।