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राजकीय प्राथमिक विद्यालयों का होगा कायाकल्प – जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण, मॉडल स्कूल बनाने के निर्देश,, छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ज़िला प्रशासन का विशेष ध्यान,, कंप्यूटर, म्यूजिक, स्पोर्ट्स व आर्ट रूम सहित आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होंगे स्कूल

इन्तजार रजा हरिद्वार- राजकीय प्राथमिक विद्यालयों का होगा कायाकल्प – जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण, मॉडल स्कूल बनाने के निर्देश,,

छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ज़िला प्रशासन का विशेष ध्यान,,

कंप्यूटर, म्यूजिक, स्पोर्ट्स व आर्ट रूम सहित आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होंगे स्कूल

हरिद्वार, 19 सितम्बर 2025।
शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों की सुरक्षा को लेकर हरिद्वार जिला प्रशासन ने एक और बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शुक्रवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय अपर रोड स्थित क्रमांक 34 एवं 41 का औचक निरीक्षण कर यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने के लिए हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा और एचआरडीए उपाध्यक्ष अंशुल सिंह भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य व शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और मानक आधारित शिक्षा उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। साथ ही मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और रोस्टर का भी विशेष ध्यान रखने को कहा।

जीर्णशीर्ण भवनों को लेकर सख़्त रुख

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि दोनों विद्यालयों के भवन काफी पुराने और जर्जर अवस्था में हैं। हाल ही में एक बंद पड़े कमरे की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई थी, जो छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है। इस पर जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य को निर्देश दिए कि जब तक नया निर्माण नहीं होता, तब तक कक्षाएं सुरक्षित स्थान पर संचालित की जाएं।

जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को जीर्णशीर्ण विद्यालय भवनों को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तुरंत प्रारंभ करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए सुरक्षित वातावरण सबसे ज़रूरी है और इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मॉडल विद्यालयों की अवधारणा

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एचआरडीए को निर्देश दिए कि जल्द ही ऐसा प्रस्ताव तैयार किया जाए, जिसमें इन दोनों विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने के सभी पहलू शामिल हों। प्रस्ताव में कंप्यूटर रूम, म्यूजिक रूम, स्पोर्ट्स रूम और आर्ट रूम जैसी आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि सरकारी स्कूल भी निजी संस्थानों की तरह बेहतर शैक्षिक माहौल और संसाधन उपलब्ध कराएं, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और उनका सर्वांगीण विकास हो।

छात्र-छात्राओं की वर्तमान स्थिति और उपस्थिति

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों की स्थिति और उनकी उपस्थिति के बारे में भी जानकारी ली। प्रधानाचार्य ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय नंबर 34 में वर्तमान में 122 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, जबकि प्राथमिक विद्यालय नंबर 41 में 89 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। जिलाधिकारी ने बच्चों से भी संवाद किया और उनकी पढ़ाई, सुविधाओं व मिड-डे मील के बारे में सवाल पूछे।

प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति

इस मौके पर नगर मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष भंडारी, खंड शिक्षा अधिकारी बहादराबाद बृजपाल सिंह राठौर, प्रधानाचार्य सपना रानी, शिक्षिका सुनीता जोशी सहित अन्य अधिकारी और शिक्षक मौजूद रहे।

डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि

“हमारा लक्ष्य है कि हर सरकारी स्कूल बच्चों के लिए सुरक्षित, आकर्षक और संसाधनों से भरपूर हो। इन दोनों विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जब तक नया निर्माण नहीं होता, तब तक कक्षाएं सुरक्षित स्थान पर चलाई जाएंगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।” – मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी हरिद्वार।

जनता और अभिभावकों में उम्मीद

जिलाधिकारी की इस पहल से स्थानीय अभिभावकों में उत्साह और उम्मीद का माहौल है। उन्हें विश्वास है कि अब उनके बच्चों को बेहतर और सुरक्षित वातावरण में पढ़ने का अवसर मिलेगा। मॉडल स्कूल की सुविधाएं मिलने से बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा और वे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी आगे रहेंगे।

हरिद्वार में राजकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 34 और 41 के कायाकल्प की दिशा में प्रशासन ने ठोस कदम उठाया है। जर्जर भवनों को ध्वस्त कर आधुनिक सुविधाओं वाले मॉडल स्कूल बनाने की प्रक्रिया तेज़ होगी। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने साफ कहा है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा।

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