भ्रष्टाचार के आरोप में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी निलंबित,, सड़क निर्माण में लीपा-पोती, घटिया गुणवत्ता और प्रशासनिक मिलीभगत की खुली पोल,, कलियर दरगाह सुपरवाइज़र पर दानपात्र से पैसे जेब में रखने का आरोप — कार्रवाई ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में ठिठकी,, दो चेहरे, दो रवैये,, कहीं दानपात्र का मुंह कहीं और तो नहीं खोला गया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ज़ीरो टॉलरेंस नीति अब धरातल पर असर दिखाने लगी है। जिला प्रशासन हरिद्वार ने भ्रष्टाचार और अनियमितता पर शिकंजा कसते हुए एक और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है। वहीं दूसरी ओर, कलियर शरीफ दरगाह में दानपात्र से पैसे जेब में रखने के आरोप में फंसे सुपरवाइज़र पर कार्रवाई ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में ठिठकने से सवाल उठने लगे हैं कि क्या प्रशासन की सख्ती सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह जाएगी?

इन्तजार रजा हरिद्वार- भ्रष्टाचार के आरोप में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी निलंबित,,
सड़क निर्माण में लीपा-पोती, घटिया गुणवत्ता और प्रशासनिक मिलीभगत की खुली पोल,,
कलियर दरगाह सुपरवाइज़र पर दानपात्र से पैसे जेब में रखने का आरोप — कार्रवाई ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में ठिठकी,,
दो चेहरे, दो रवैये,, कहीं दानपात्र का मुंह कहीं और तो नहीं खोला गया
हरिद्वार, 11 अक्टूबर 2025।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ज़ीरो टॉलरेंस नीति अब धरातल पर असर दिखाने लगी है। जिला प्रशासन हरिद्वार ने भ्रष्टाचार और अनियमितता पर शिकंजा कसते हुए एक और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है। वहीं दूसरी ओर, कलियर शरीफ दरगाह में दानपात्र से पैसे जेब में रखने के आरोप में फंसे सुपरवाइज़र पर कार्रवाई ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में ठिठकने से सवाल उठने लगे हैं कि क्या प्रशासन की सख्ती सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह जाएगी?
सड़क निर्माण में घटिया गुणवत्ता और लीपा-पोती का खेल
ग्राम पंचायत अकौढ़ा खुर्द, विकासखंड लक्सर के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी शंकरदीप को जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। आदेश में साफ कहा गया कि कश्यप बस्ती में निर्मित सीसी सड़क की गुणवत्ता पर गंभीर शिकायतें मिली थीं। 19 जुलाई 2025 को सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी ने स्थलीय निरीक्षण किया और 21 अगस्त को दी गई रिपोर्ट में पाया गया कि —
“सड़क की गुणवत्ता बेहद खराब है, नालियां बिना स्तर के बनी हैं और बरसात के पानी से सड़क पर कीचड़ और गड्ढे बन गए हैं।”
ग्रामवासी सुमित कुमार ने लिखित शिकायत दी कि जब जांच शुरू हुई तो ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने “पुरानी सड़क पर नया सीसी मार्ग डालकर लीपा-पोती की कोशिश” की। यानी जाँच से पहले ही सड़क दोबारा बनवा दी गई, ताकि खराब निर्माण की सच्चाई दबाई जा सके,, 08 अक्टूबर को सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) लक्सर ने दोबारा निरीक्षण किया तो पाया कि सड़क का नया हिस्सा हाल ही में डाला गया था, जबकि शिकायत पुरानी सड़क को लेकर थी। रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि यह कार्रवाई “जाँच को प्रभावित करने और साक्ष्य मिटाने की कोशिश” थी।
प्रशासन ने दिखाई सख्ती — निलंबन तत्काल प्रभाव से
इस रिपोर्ट के बाद जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और शंकरदीप को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, बशर्ते वे किसी अन्य व्यवसाय में संलग्न न हों। साथ ही, उन्हें खण्ड विकास अधिकारी भगवानपुर कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है और बिना अनुमति अनुपस्थित रहने पर आगे की सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। प्रशासन का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि अब लीपा-पोती, घटिया निर्माण और मिलीभगत की राजनीति पर लगाम कसने का समय आ गया है।
जनता बोली — “अब केवल निलंबन नहीं,
ग्रामवासियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया लेकिन कहा कि सिर्फ निलंबन से काम नहीं चलेगा।
ग्रामवासी सुमित कुमार ने कहा,
“हमने महीनों से घटिया सड़क पर चलकर शिकायत की थी। अब जब सच्चाई सामने आई तो उम्मीद है कि दोषियों पर मुकदमा दर्ज हो।”
“नालियां बिना स्तर की, सड़क आधे महीने में उखड़ गई — ये जनता का पैसा था, किसी की जागीर नहीं।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन ने इस मामले में आरोपपत्र जारी कर दंडात्मक कार्रवाई की, तो यह पूरे जनपद के अन्य अधिकारियों के लिए सबक बनेगा।
अब आते हैं कलियर शरीफ दरगाह के विवाद पर —


इस रिपोर्ट को तीन सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक सुपरवाइज़र पर निलंबन आदेश जारी नहीं हुआ। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में यह मामला “पेंडिंग” बताया जा रहा है। अधिकारी यह कहकर टाल रहे हैं कि “जांच पूरी हो रही है” जबकि दरगाह के भक्तों और स्थानीय समाजसेवियों में इसे लेकर गहरा रोष पनप रहा है।
“जब ग्राम पंचायत अधिकारी पर जांच के तुरंत बाद निलंबन हो सकता है, तो दानपात्र से पैसे जेब में रखने वाले सुपरवाइज़र पर कार्रवाई क्यों ठिठक गई?”
जनता और कलियर शरीफ के निसबती जायरीन समुदाय में असंतोष
कलियर के स्थानीय भक्तों ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय से पारदर्शी कार्रवाई की मांग की है।
“दरगाह श्रद्धा का केंद्र है, अगर यहाँ का कोई कर्मचारी दानपात्र से पैसा उठाता है और प्रशासन चुप है, तो यह श्रद्धा का अपमान है।”
दरगाह के आसपास के कुछ लोगों ने भी इस मामले में जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने और तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन की सफाई — “दोनों मामले निष्पक्ष जांच में हैं”
जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत अधिकारी के मामले में निलंबन आदेश जारी हो चुका है और आरोपपत्र की प्रक्रिया अलग से चलाई जाएगी। वहीं, पुत्रों के मुताबिक “कलियर सुपरवाइज़र मामले में रिपोर्ट का परीक्षण चल रहा है और कार्रवाई नियमानुसार करने की बात की जा रही।”
लेकिन जनता का सवाल सीधा है —“जब साक्ष्य सामने हैं और मामला धार्मिक आस्था से जुड़ा है, तो जांच इतनी धीमी क्यों?” ताकि जांच में बांधा ना आए तो निलंबन क्यों नहीं
विश्लेषण — दो चेहरे, दो रवैये
हरिद्वार के ये दोनों मामले प्रशासन की जवाबदेही की परीक्षा बन गए हैं। एक ओर ग्राम पंचायत अधिकारी पर त्वरित निलंबन हुआ, दूसरी ओर दरगाह सुपरवाइज़र का मामला ठंडे बस्ते में है। यह द्वैध रवैया प्रशासनिक साख पर सवाल खड़ा करता है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा,
“दरगाह हो या पंचायत, जनता के पैसे और आस्था से खिलवाड़ करने वालों को समान सजा मिलनी चाहिए। प्रशासन को तटस्थ होकर काम करना चाहिए, तभी जनता का भरोसा बनेगा।”
मुख्यमंत्री धामी की नीति पर जनता की नजर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ज़ीरो टॉलरेंस नीति भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदमों की मांग करती है। लेकिन यदि अधिकारियों की फाइलें ठंडी पड़ी रहीं, तो यह नीति कागज़ी साबित होगी। जनता चाहती है कि हर स्तर पर “एक समान नियम” लागू हो — चाहे मामला ग्राम पंचायत का हो या दरगाह का।
नतीजा — कार्रवाई हो निष्पक्ष, नहीं तो भरोसा डगमगाएगा
