जीआरपी हरिद्वार का सेवा पखवाड़ा,, महिला सशक्तिकरण को समर्पित प्रशिक्षण शिविर,, लोकल उत्पादों की खरीदारी से मिला आत्मनिर्भरता का संदेश, स्वरोजगार और लोकल उत्पादों को बढ़ावा,, जीआरपी का सामाजिक पहलू
रेलवे स्टेशन हरिद्वार के "हॉल" में सोमवार को एक अनूठा और प्रेरणादायक आयोजन देखने को मिला। एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में जीआरपी हरिद्वार पुलिस ने छनमन कैंप चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से सेवा पखवाड़ा के तहत शानदार प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इस आयोजन में महिला सशक्तिकरण, आत्मरक्षा, योग और ध्यान जैसे विषयों पर विशेष प्रशिक्षण

इन्तजार रजा हरिद्वार- जीआरपी हरिद्वार का सेवा पखवाड़ा,,
महिला सशक्तिकरण को समर्पित प्रशिक्षण शिविर,,
लोकल उत्पादों की खरीदारी से मिला आत्मनिर्भरता का संदेश, स्वरोजगार और लोकल उत्पादों को बढ़ावा,,
जीआरपी का सामाजिक पहलू
हरिद्वार/Daily Live Uttarakhand संपादक
रेलवे स्टेशन हरिद्वार के “हॉल” में सोमवार को एक अनूठा और प्रेरणादायक आयोजन देखने को मिला। एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में जीआरपी हरिद्वार पुलिस ने छनमन कैंप चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से सेवा पखवाड़ा के तहत शानदार प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इस आयोजन में महिला सशक्तिकरण, आत्मरक्षा, योग और ध्यान जैसे विषयों पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया, वहीं लोकल बने उत्पादों को भी प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अपर पुलिस अधीक्षक अरुणा भारती रहीं, जबकि मंच संचालन और प्रशिक्षण का नेतृत्व डॉ. बबीता योगाचार्य (राष्ट्रीय अध्यक्ष, छनमन कैंप चैरिटेबल ट्रस्ट) ने किया। शिविर में जीआरपी पुलिसकर्मी, कुली, वेंडर, मजदूर, रेलवे कर्मचारी और यात्री बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
महिला सशक्तिकरण पर जोर
अपर पुलिस अधीक्षक अरुणा भारती ने अपने संबोधन में कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल सामाजिक बदलाव नहीं बल्कि परिवार की आर्थिक मजबूती का भी आधार है। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं घर में रहते हुए भी स्वरोजगार अपनाती हैं, तो परिवार की खुशहाली और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होती है।डॉ. बबीता योगाचार्य ने महिलाओं को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में ऐसे शिविरों को बेहद जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि “एक आत्मनिर्भर महिला पूरे परिवार और समाज को मजबूत बनाती है।”
प्रशिक्षण शिविर के विशेष आयाम
सेवा पखवाड़ा के तहत हुए इस शिविर में महिलाओं और युवाओं को विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया—
- महिला सशक्तिकरण शिविर – आत्मनिर्भर बनने और घरेलू आय बढ़ाने के उपाय।
- आत्मरक्षा शिविर – महिलाओं और बच्चियों को आत्मरक्षा तकनीकें सिखाई गईं।
- योग और ध्यान शिविर – मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुधार के लिए विशेष सत्र।
- विद्यार्थी संस्कार शिविर – छात्रों में नैतिक मूल्यों और संस्कारों का विकास।
स्वरोजगार और लोकल उत्पादों को बढ़ावा
शिविर में छनमन कैंप चैरिटेबल ट्रस्ट की टीम ने उपस्थित लोगों को विभिन्न प्रकार के स्वरोजगार के बारे में प्रशिक्षित किया। इसमें देसी उत्पादों के निर्माण और बिक्री की जानकारी शामिल थी।
प्रमुख उत्पाद जिनकी जानकारी और प्रदर्शनी दी गई:
- हाथ से बने उत्पाद – पूजा सामग्री, कान्हा जी के कपड़े, आयुर्वेदिक फलाहारी लड्डू, हवन सामग्री, चुनरी, रूई-बत्ती।
- जूट फैब्रिक व फाइबर प्रोडक्ट्स – लेडीज बैग, हैंगिंग पॉकेट, ऑफिस फाइल, फाइबर बैग।
- गाय के गोबर से बने उत्पाद – धपू-बत्ती, मिट्टी के दिये, घूमनी दिया, गमले, पायदान, कुल्हड़, कपड़े के थैले, सजावट की वस्तुएं। इन स्टॉल्स पर कैंप उपरांत भीड़ ने जमकर खरीदारी की और स्थानीय उत्पादों की सराहना की। यह पहल “वोकल फॉर लोकल” और आत्मनिर्भर भारत अभियान का जीवंत उदाहरण रही।
प्रशिक्षक दल का योगदान
शिविर के संचालन में डॉ. बबीता योगाचार्य (राष्ट्रीय अध्यक्ष), नीरू कौशिक (प्रदेश उपाध्यक्ष), और सविता सैनी (जिला सचिव) ने अहम भूमिका निभाई। इन प्रशिक्षकों ने न केवल प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया बल्कि उन्हें स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित भी किया।
जीआरपी का सामाजिक पहलू
जीआरपी हरिद्वार पुलिस ने इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया कि पुलिस केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्था ही नहीं, बल्कि समाज के सामाजिक उत्थान में भी अपनी भूमिका निभाती है। एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में सेवा पखवाड़ा जैसे कार्यक्रम समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में अहम कदम हैं।हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर आयोजित यह शिविर पुलिस, सामाजिक संगठन और जनता के बीच साझेदारी का एक बेहतरीन उदाहरण रहा। इससे न केवल महिलाओं और मजदूर वर्ग को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मार्गदर्शन मिला, बल्कि लोकल उत्पादों को भी बढ़ावा मिला।
यह आयोजन साबित करता है कि जब पुलिस और समाज एक साथ आते हैं, तो विकास और सशक्तिकरण का मार्ग और भी व्यापक हो जाता है।