देहरादून में महिला IFS अफसर बनी साइबर ठगी का शिकार, कस्टमर केयर अधिकारी बनकर 98 हजार की धोखाधड़ी, साइबर पुलिस की जांच के बाद कैंट थाने में दर्ज हुई एफआईआर

इन्तजार रजा हरिद्वार- देहरादून में महिला IFS अफसर बनी साइबर ठगी का शिकार,
कस्टमर केयर अधिकारी बनकर 98 हजार की धोखाधड़ी,
साइबर पुलिस की जांच के बाद कैंट थाने में दर्ज हुई एफआईआर
देहरादून: राजधानी देहरादून में तैनात एक महिला IFS अधिकारी के साथ साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ठगों ने खुद को कस्टमर केयर अधिकारी बताकर अधिकारी से बैंक खाते की जानकारी ली और खाते से 98 हजार रुपये उड़ा लिए। मामले में साइबर थाने की शुरुआती जांच के बाद कैंट थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
ऐसे रची गई साइबर ठगी की चाल
जानकारी के अनुसार, पीड़ित महिला IFS अफसर को अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को एक प्रतिष्ठित बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बताया और कहा कि उनके खाते से संबंधित कुछ जरूरी प्रक्रिया लंबित है, जिसे तुरंत पूरा करना आवश्यक है। झांसे में आई अधिकारी ने कॉलर द्वारा मांगी गई जानकारी साझा कर दी। इसके तुरंत बाद उनके खाते से 98 हजार रुपये कट गए। जब उन्होंने बैंक से संपर्क किया तो ठगी का खुलासा हुआ।साइबर थाने की जांच से सामने आई साजिश
घटना के बाद अफसर ने तत्काल साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच में यह बात सामने आई कि यह एक सुनियोजित साइबर फ्रॉड था, जिसमें ठगों ने तकनीकी तरीके से अफसर का नंबर ट्रैक कर बैंक से संबंधित भरोसेमंद जानकारी जुटाई और फिर खुद को कस्टमर केयर अधिकारी बताकर संपर्क किया। साइबर पुलिस ने जांच रिपोर्ट तैयार कर कैंट थाना पुलिस को सौंपी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।
बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता
राजधानी जैसे सुरक्षित माने जाने वाले शहर में इस तरह की घटनाएं आम जनता ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी खतरे की घंटी हैं। यह मामला दर्शाता है कि साइबर अपराधी अब हाई-प्रोफाइल टारगेट्स को भी निशाना बना रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में जागरूकता और सतर्कता ही एकमात्र बचाव है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराधियों की लोकेशन ट्रेस की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। साथ ही जनता को भी आगाह किया गया है कि कोई भी बैंक अधिकारी कभी फोन पर व्यक्तिगत या गोपनीय जानकारी नहीं मांगता। ऐसे किसी भी कॉल पर सतर्क रहें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
IFS अफसर के साथ हुई साइबर ठगी यह दर्शाती है कि डिजिटल फ्रॉड का जाल तेजी से फैल रहा है और अब यह सिर्फ आम जनता तक सीमित नहीं रहा। समय की मांग है कि लोग जागरूक बनें, साइबर सुरक्षा नियमों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज पर जानकारी साझा करने से बचें। पुलिस प्रशासन भी इस दिशा में कड़ी निगरानी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करे।