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फार्मा फैक्ट्रियों पर FDA का एक्शन मोड,, US & VG हेल्थकेयर में GMP मानकों की उड़ाई धज्जियां,,  ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती की अगुवाई में पर्दाफाश, उत्पादन भी हुआ तत्काल प्रभाव से बंद

इन्तजार रजा हरिद्वार- फार्मा फैक्ट्रियों पर FDA का एक्शन मोड,,
US & VG हेल्थकेयर में GMP मानकों की उड़ाई धज्जियां,,
 ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती की अगुवाई में पर्दाफाश, उत्पादन भी हुआ तत्काल प्रभाव से बंद


हरिद्वार, 22 जुलाई | इन्तजार रज़ा, विशेष रिपोर्ट –
हरिद्वार की फार्मा इंडस्ट्री इन दिनों उत्तराखंड एफडीए (FDA) की सख्त निगरानी और कार्रवाई का केंद्र बनी हुई है। “दवा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं” की नीति पर चलते हुए राज्य औषधि विभाग अब फॉर्मल नहीं, बल्कि फील्ड में एक्शन मोड में है। अपर आयुक्त ताजबर सिंह के निर्देशों पर चल रहे इस विशेष अभियान में अब तक कई फार्मा कंपनियों के खिलाफ स्टॉप प्रोडक्शन के आदेश जारी हो चुके हैं।

इस अभियान की कमान संभाली है सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने, जिनके नेतृत्व में दवा निर्माण इकाइयों का औचक निरीक्षण जारी है। उनके साथ ड्रग इंस्पेक्टर मेघा भी लगातार सहयोग में जुटी हैं।

सुरक्षा फार्मा पर पहले गिरी गाज

अभियान की शुरुआत सुरक्षा फार्मा से हुई, जिस पर पहले ही CDSO और राज्य औषधि विभाग की ओर से स्टॉप प्रोडक्शन के आदेश दिए गए थे। निरीक्षण में निर्माण प्रक्रिया में पाई गई तकनीकी और गुणवत्ता संबंधी कमियों के आधार पर कंपनी को स्पष्ट चेतावनी दी गई थी। अब निर्माण कार्य की प्रक्रिया को सही करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन कंपनी की हर गतिविधि पर सख्त नजर रखी जा रही है।


THRIPT फार्मा को चेतावनी, सुधार के निर्देश

इसके बाद अभियान का अगला पड़ाव बना THRIPT फार्मा, जहां औचक निरीक्षण में कुछ तकनीकी खामियां मिलीं। हालांकि ये कमियां गंभीर नहीं थीं, लेकिन FDA ने कोई ढील न दिखाते हुए कंपनी को इन खामियों को तुरंत सुधारने के निर्देश दिए। साथ ही चेतावनी दी गई कि अगली बार सख्त कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।


US & VG हेल्थकेयर: जब दरवाजे के पीछे था गोरखधंधा

लेकिन अभियान का सबसे सनसनीखेज पड़ाव रहा US & VG हेल्थकेयर। टीम जब निरीक्षण के लिए पहुंची, तो वहां कोई बोर्ड तक नहीं लगा था। संदेह होने पर सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने प्लांट का निरीक्षण करना चाहा, लेकिन गेट के अंदर से ताले जड़े थे।

तत्काल पुलिस को बुलाया गया, ताले तुड़वाए गए और जब टीम अंदर पहुंची तो जो सामने आया वह बेहद चौंकाने वाला था—

  • कोई भी लाइसेंसधारी केमिस्ट मौजूद नहीं था।
  • गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Control) पूरी तरह अनुपस्थित था।
  • दवाइयों का उत्पादन Good Manufacturing Practice (GMP) के मापदंडों पर बिल्कुल भी खरा नहीं उतरा।
  • विरोधाभासी तथ्य यह कि कंपनी के पास ISO और GMP प्रमाणपत्र थे, बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से दवाइयां बनाई जा रही थीं।

इस पूरे मामले ने FDA की नीति की गंभीरता को और मजबूती दी। मौके पर ही दवाओं की सप्लाई को तत्काल रोकने के आदेश दिए गए और US & VG हेल्थकेयर को स्टॉप प्रोडक्शन का फरमान जारी कर दिया गया।

‘अब एक भी ढील नहीं दी जाएगी’: FDA

FDA ने साफ शब्दों में कहा है कि अब फार्मा इंडस्ट्री में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई निर्माणकर्ता चुपके से दवा बनाते पाया गया, तो न सिर्फ स्टॉप प्रोडक्शन बल्कि सीधे लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।

सीनियर ड्रग्स  इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कहा,

“हमारा मकसद है कि आम जनता को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित दवाइयां मिलें। इसके लिए हम जीरो टोलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं। जो भी इस नीति से खिलवाड़ करेगा, उसकी जगह सीधे सील की गई फैक्ट्रीयों  की लिस्ट में शामिल होगी।”


अब किसकी बारी? फार्मा इंडस्ट्री में खलबली

इस पूरी कार्रवाई से हरिद्वार की फार्मा इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है। अब तक कई छोटी और मंझोली इकाइयां डर के साये में हैं और अपने दस्तावेजों, लाइसेंस व उत्पादन प्रक्रिया की दोबारा समीक्षा कर रही हैं।

सूत्रों के अनुसार FDA की टीम की निगरानी जारी है और आने वाले दिनों में एक और बड़ी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

हरिद्वार जैसे धार्मिक और औद्योगिक शहर में दवा निर्माण की लापरवाही न सिर्फ कानूनन अपराध है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी है। FDA की यह मुहिम उन मुनाफाखोरों को स्पष्ट संदेश दे रही है कि दवाओं के नाम पर जहर बांटना अब नहीं चलेगा।


रिपोर्ट: इंतज़ार रज़ा | ‘Daily Live Uttarakhand’

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