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स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्ध हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण,, “स्वच्छ हरिद्वार अभियान” के तहत चलाया गया महा सफाई अभियान,, तुलसी चौक से ओम ब्रिज तक चमक उठी सड़कों व घाटों की सूरत

 इन्तजार रजा हरिद्वार- स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्ध हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण,,
“स्वच्छ हरिद्वार अभियान” के तहत चलाया गया महा सफाई अभियान,,
तुलसी चौक से ओम ब्रिज तक चमक उठी सड़कों व घाटों की सूरत

हरिद्वार, 26 जुलाई 2025 –
हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) द्वारा शनिवार सुबह “स्वच्छ हरिद्वार अभियान” के अंतर्गत एक महा सफाई अभियान का सफल आयोजन किया गया। उपाध्यक्ष एवं सचिव, हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान में प्रातः 6.00 बजे से तुलसी चौक, डाम कोठी, शंकराचार्य चौक, रोड़ी बेलवाला, ओम ब्रिज सहित कई प्रमुख मार्गों व घाटों पर सफाई, कचरा निस्तारण, झाड़ूकरण, जल छिड़काव और सड़कों की धुलाई का कार्य संपन्न हुआ।

प्राधिकरण के कर्मियों को विशेष रूप से सेक्टरों में विभाजित कर टीमें गठित की गईं, जिनके माध्यम से तय क्षेत्रों में योजनाबद्ध ढंग से सफाई कार्य संपन्न हुआ। इस स्वच्छता महाअभियान में प्राधिकरण के पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा भी मैनपॉवर और आधुनिक मशीनरी के साथ उल्लेखनीय सहयोग दिया गया। डामर सड़कों की धुलाई से लेकर घाटों की सीढ़ियों तक हर स्थान को चमकाने का संकल्प इसमें स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।

अभियान के दौरान प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “हरिद्वार नगर की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखना हम सभी नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी है। स्वच्छता को केवल एक सरकारी मुहिम के रूप में नहीं बल्कि एक जन-आंदोलन के रूप में अपनाने की आवश्यकता है। श्रद्धालु और पर्यटक तभी संतुष्ट अनुभव करेंगे जब हमारा नगर स्वच्छ, सुव्यवस्थित और श्रद्धा योग्य हो।”

प्राधिकरण के सचिव ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों, सड़कों, चौकों और निर्माण स्थलों की स्वच्छता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में इस तरह के विशेष स्वच्छता अभियानों की निरंतरता बनी रहेगी ताकि नगरवासियों और श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।

हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण की यह पहल न केवल शहर की साफ-सफाई को लेकर गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि स्वच्छता अभियान सिर्फ एक दिन की औपचारिकता नहीं, बल्कि यह नागरिक सहभागिता से जुड़ा सतत प्रयास है।
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि प्रशासन और आमजन साथ आएं, तो हरिद्वार को वास्तव में “स्वच्छ धार्मिक नगरी” बनाना कोई कठिन कार्य नहीं।

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